धान खरीद (paddy procurement) में छ्त्तीसगढ़ ने नया रिकॉर्ड बनाया है. यहां की सरकार ने किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (paddy msp) पर 100 लाख टन से अधिक धान की खरीद की है. छत्तीसगढ़ ने मंगलवार को 100 लाख टन का आंकड़ा पार कर लिया. अभी धान खरीद का काम चल रहा है और इस पूरे महीने खरीद होगी. 18 जनवरी को ही छत्तीसगढ़ ने 100 लाख टन धान खरीद का आंकड़ा पार कर लिया था. सरकार के लिए इसे बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है. यहां एक नवंबर से धान की खरीद शुरू हुई है जो 31 जनवरी तक चलेगी. 18 जनवरी तक का आंकड़ा 100 लाख टन को पार कर गया है.
छ्त्तीसगढ़ की भूपेश वघेल सरकार ने इस बार प्रदेश में 110 लाख टन धान खरीद का लक्ष्य तय किया है. मौजूदा खरीफ सीजन के एमएसपी पर धान की खरीद की जा रही है और 100 लाख तक खरीद (paddy procurement) हो चुकी है. अभी तक छत्तीसगढ़ में जितने धान की खरीद हुई है उसका आंकड़ा 2021-22 के 98 लाख टन और 2017-18 के 56 लाख टन की खरीद को पार कर लिया है. अधिकारियों के मुताबिक, फिलहाल धान खरीद का जो ट्रेंड चल रहा है, उसे देखते हुए 110 लाख टन का लक्ष्य भी आसानी से पार हो जाएगा.
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छत्तीसगढ़ के खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने बताया कि धान की रिकॉर्ड खरीद प्रदेश के किसानों और उनकी समृद्धि का संकेत है. भगत ने कहा कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना और लोन माफी स्कीम के चलते किसान अधिक से अधिक खेती पर जोर दे रहे हैं. स्कीम के अंतर्गत सरकार किसानों को 750 रुपये प्रति क्विंटल इनपुट सब्सिडी दे रही है. साल 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने वादा किया था कि 2500 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदेगी.
पिछले चार साल में रजिस्टर्ड किसानों की संख्या बढ़ी है जिन्होंने धान बिक्री (paddy procurement) के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है. खरीफ सीजन 2022-23 के लिए धान बेचने वाले रजिस्टर्ड किसानों की संख्या बढ़कर 25 लाख हो गई है जिसमें सवा दो लाख किसान नए हैं. छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से चलाए जाने वाले मार्केटिंग फेडरेशन ने 2617 खरीद सेंटर बनाए हैं. रजिस्टर्ड किसानों में 20 लाख से अधिक किसानों ने धान की बिक्री की है.
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एक अधिकारी ने बताया कि धान खरीद के लिए किसानों को ऑनलाइन पेमेंट दिया जा रहा है. इसके लिए किसानों के खाते को लिंक किया गया है. इसी खाते में किसानों को उनके धान का पैसा दिया जा रहा है. अभी तक किसानों के खाते में 20375 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं.
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