दानापुर में फसल नुकसान से टूटी किसान की उम्मीदें (फोटो-एएनआई);बिहार के दानापुर में सोमवार को हुई तेज बारिश और आंधी ने किसानों की कमर तोड़ दी है. भारी बारिश और तेज हवाओं के कारण धान की फसलें बुरी तरह से बर्बाद हो गई हैं. खेतों में खड़ी फसलें पानी और हवा की मार झेल नहीं पाईं, जिससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है. इससे परेशान किसानों ने सरकार से नुकसान का मुआवजा और स्थिति पर स्पष्टता की मांग की है. स्थानीय किसान रामकुमार सिंह ने बताया कि पूरा राज्य इस समय ‘मोंथा’ चक्रवात की चपेट में है.
उन्होंने कहा कि इससे न केवल धान की फसलें, बल्कि सब्जियों के बाजार भी प्रभावित हुए हैं. किसान और व्यापारी दोनों संकट में हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार इस आपदा के समय पूरी तरह से नदारद है. रामकुमार सिंह ने कहा कि पिछले साल रबी फसल में भी किसानों को नुकसान हुआ था, लेकिन अब फिर से धान की फसल तबाह हो जाने से किसान टूट चुके हैं.
उन्होंने कहा कि अधिकारी चुनावी गतिविधियों में व्यस्त हैं और किसानों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है. उन्होंने मांग की कि सरकार या ब्लॉक स्तर के अधिकारी तुरंत स्थिति स्पष्ट करें और राहत की दिशा में कदम उठाएं.
सिंह ने कहा, “पूरा बिहार राज्य मोंथा चक्रवात की मार झेल रहा है. मनेर और आसपास के इलाकों में सब्जियों से लेकर धान तक सबकुछ खराब हो गया है. सरकार कहीं दिखाई नहीं दे रही है. अधिकारी चुनावों में व्यस्त हैं और किसान अपनी तबाही का सामना कर रहे हैं. पिछले साल रबी फसल बर्बाद हो गई थी और इस साल धान की फसल भी खत्म हो गई. सरकार को इस पर स्पष्टीकरण देना चाहिए या स्थानीय अधिकारी स्वयं जिम्मेदारी लेकर किसानों की मदद करें.”
वहीं, किसान रवि रंजन ने भी अपनी व्यथा व्यक्त करते हुए कहा कि इस मौसम में उनकी पूरी धान की फसल बर्बाद हो गई है. उन्होंने बताया कि लगातार बारिश और हवा से खेत जलमग्न हो गए हैं और अब किसी को किसानों की चिंता नहीं है. उन्होंने कहा कि चुनावी माहौल में किसानों की आवाज दब गई है और कोई अधिकारी हालात देखने तक नहीं आया है.
रवि रंजन ने कहा, “इस बार हमारी पूरी धान की फसल खत्म हो गई है. चुनाव के कारण कोई हमारी सुनवाई नहीं कर रहा है. किसानों का भविष्य अधर में लटका हुआ है. इतनी बड़ी तबाही के बावजूद कोई राहत नहीं दी जा रही है. सरकार को तुरंत मुआवजा देना चाहिए ताकि किसान फिर से खेती शुरू कर सकें.”
इधर, दानापुर की उप-मंडल पदाधिकारी दिव्या शक्ति ने कहा कि प्रशासन ने नुकसान का आकलन शुरू कर दिया है. उन्होंने बताया कि सभी ब्लॉकों और पंचायतों में कृषि विभाग की टीमों को भेजा गया है, ताकि वास्तविक स्थिति का पता लगाया जा सके.
दिव्या शक्ति ने कहा कि अगर किसी क्षेत्र में 33 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति पाई जाती है तो राहत उपाय लागू किए जाएंगे. उन्होंने बताया कि सभी कृषि समन्वयकों को आदेश दिया गया है कि वे फील्ड सर्वे करें और रिपोर्ट जमा करें.
उन्होंने कहा, “हमारी टीमें कल से ही सर्वे पर लगी हुई हैं. सभी ब्लॉक कृषि अधिकारी और उप-मंडलीय कृषि अधिकारी खेतों का निरीक्षण कर रहे हैं. जब तक सभी रिपोर्टें नहीं मिल जातीं, तब तक सर्वे जारी रहेगा. जैसे ही नुकसान का आकलन पूरा होगा, योग्य किसानों को मुआवजा दिया जाएगा.” (एएनआई)
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