हरियाणा में धान खरीद में गड़बड़ियों की खबरें (फाइल फोटो)हरियाणा में धान की खरीद जारी है और इस दौरान करनाल जिलें खरीद में घोटाले के आरोप लग रहे हैं. इन आरोपों के बीच पुलिस ने जारी खरीद सत्र के दौरान गड़बड़ियों की जांच शुरू कर दी है. जांच अधिकारियों ने राइस मिलों के फिजिकल वैरीफिकेशन के अलावा मिल मालिकों को धान के आवंटन और खरीद एजेंसियों द्वारा जारी किए गए गेट पास से जुड़े रिकॉर्ड्स की मांग की है. पुलिस ने हरियाणा स्टेट एग्रीकल्चर मार्केटिंग बोर्ड (HSAMB) को भी चिट्ठी लिखी है. इस चिट्ठी में अनाज मंडियों के CCTV फुटेज मुहैया कराने को कहा है, ताकि धान के आने-जाने और इसके स्टोरेज में होने वाली किसी भी तरह की हेराफेरी का पता लगाया जा सके.
अखबार ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार यह जांच तब शुरू हुई जब अधिकारियों ने जिले की कई राइस मिलों के फिजिकल वैरीफिकेशन के दौरान 13,000 क्विंटल से ज्यादा धान की कमी पाई गई. शुरुआती जांच में ‘प्रॉक्सी खरीद’ के संभावित मामलों की तरफ संकेत मिला है. इसमें बताया रहा है कि फर्जी गेट पास का प्रयोग करके उत्तर प्रदेश और पड़ोसी राज्यों से लाया गया धान, साथ ही बिहार और बाकी क्षेत्रों से आए सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के चावल को एडजस्ट किया गया था.
शुरुआती रिपोर्ट्स के बाद डीसी उत्तम सिंह ने जिले की सभी राइस मिलों का बड़े स्तर पर वैरीफिकेशन शुरू करने का निर्देश दिया. साथ ही अधिकारियों को हरियाणा-उत्तर प्रदेश के बॉर्डर पर मंगलोरा और शेरगढ़ टापू चेकपोस्ट पर जांच कड़ी करने को कहा. साथ ही, गैरकानूनी तरीके राज्य में आ रहे धान को रोकने के लिए अनाज मंडियों की निगरानी बढ़ाने के आदेश दिए गए. पुलिस अधीक्षक गंगा राम पुनिया ने बताया, 'हमने दो अलग-अलग थानों में मार्केटिंग बोर्ड के चार ऑब्जर्वर्स, तरावड़ी मंडी समिति के सचिव, एक खरीद एजेंसी के उप-निरीक्षक और एक राइस मिल मालिक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है.'
उन्होंने आगे कहा कि संबंधित अधिकारियों से फिजिकल वैरीफिकेशन के रिकॉर्ड्स भी मांगे गए हैं. साथ ही, गेट पास जारी करने से जुड़ा CCTV फुटेज भी जांचा जाएगा ताकि किसी भी तरह की अनियमितता का पता लगाया जा सके. इस बीच, एसडीएम की अगुवाई में बनी टीमों ने किसानों के वाहनों की वास्तविक एंट्री के मुकाबले गेट पास रिकॉर्ड की जांच शुरू कर दी है. एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, कई टीमें गेट पास, मिल के स्टॉक रजिस्टर और ट्रांसपोर्ट लॉग को मैच कर रही है जबकि अधिकारी अनाज मंडियों के CCTV फुटेज की भी बारीकी से जांच कर रहे हैं ताकि धान से लदे वाहनों की आवाजाही का पता लगाया जा सके.
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