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Cow Dung Business: गोबर की चप्पल के साथ बनाते हैं घर की सजावट का सामान, विदेशों तक है उनकी मांग

Cow Dung Business: गोबर की चप्पल के साथ बनाते हैं घर की सजावट का सामान, विदेशों तक है उनकी मांग

उत्तर प्रदेश के रामपुर के रहने वाले प्रांजल अग्रवाल पहले कभी घर-घर जाकर गाय के गोबर से बने उपले बेचते थे, लेकिन उनके दिमाग में गोबर को लेकर कुछ अलग करने का विचार आया फिर इसके बाद उन्होंने अपने स्टार्टअप के जरिए गोबर से बने हुए अलग-अलग तरह के सजावटी सामान बनाए जिनको खूब प्रसिद्धि मिल है....

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गाय के गोबर से बना केदारधाम मंदिर गाय के गोबर से बना केदारधाम मंदिर

देश में  गौ-पालन प्राचीन काल से चला रहा है. भगवान श्री कृष्ण के घर से लेकर पूरे मथुरा में गौ-पालन होता था. कहा जाता है कि गाय के दूध और गोबर में लक्ष्मी का वास होता है. इसी वजह से आज गाय के गोबर से कण्डे और खाद ही नहीं बल्कि अब घर में सजावट के सामान भी बनने लगे हैं. उत्तर प्रदेश के रामपुर के रहने वाले प्रांजल अग्रवाल पहले कभी घर-घर जाकर गाय के गोबर से बने उपले बेचते थे, लेकिन उनके दिमाग में गोबर को लेकर कुछ अलग करने का विचार आया फिर इसके बाद उन्होंने अपने स्टार्टअप के जरिए गोबर से बने हुए अलग-अलग तरह के सजावटी सामान बनाए जिनको खूब प्रसिद्धि मिली. आज प्रांजल गाय के गोबर के सामान के जरिए साल में एक करोड़ से ज्यादा कमाते हैं. वहीं उनके द्वारा 20 लोगों को रोजगार भी दिया जा रहा है.

गाय के उपले को घर-घर बेचकर शुरू किया स्टार्टअप

उत्तर प्रदेश के रामपुर के सर्राफा बाजार में रहने वाले प्रांजल अग्रवाल के परिवार में बचपन से ही गाय का पालन होता है. वह पहले गाय के गोबर से बने हुए उपले को घर-घर जाकर बेचने का काम करते थे.  2011 में  जब वह उपले बनाते थे तो लोगों के द्वारा शिकायत आती थी कि उनके उपले बहुत मजबूत होते हैं जो टूटते नहीं हैं. उपलो की मजबूती ने उन्हें एक नया आईडिया दिया.  2013 में प्रांजल ने गोबर से गणेश-लक्ष्मी और दीपक बनाना शुरू किया. उस समय यह काम बिल्कुल नया था. लोगों के बीच में उनके इन सामान को लेकर काफी ज्यादा उत्सुकता बढ़ी जिसके बाद उनके सामान की बाजार में मांग बढ़ने लगी. इसके बाद प्रांजल ने गाय के गोबर से जुड़े सामान के लिए एक स्टार्टअप का गठन किया जिसमें सरकार से भी उन्हें सहयोग मिला. आज प्रांजल ने गाय वाला डॉट कॉम नाम से एक वेबसाइट भी बनाई है जिसके जरिए उन्हें विदेशों तक से आर्डर मिल रहे हैं. वह आज गोबर से चाबी के छल्ले, गोबर की चप्पल, धूपबत्ती के साथ-साथ घर में सजावट के कई तरह के सामान बनाते हैं.

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गोबर से बनी मूर्तियों की है खूब मांग

गोबर से जुड़े हुए वैल्यू ऐडेड प्रोडक्ट बनाने वाले प्रांजल अग्रवाल बताते हैं कि पहले उनके सामान रंगहीन हुआ करते थे, लेकिन जब से उनकी शादी हुई तो उनकी पत्नी गीतिका ने गणेश-लक्ष्मी की बनी गोबर की मूर्तियों में भी रंग भरना शुरू कर दिया. 2019 से ऑनलाइन अप्लाई करने लगे. आज उनके गोबर से बने हुए प्रोडक्ट देश के कोने-कोने तक पहुंच रहे हैं. प्रांजल गोबर से बने हुए केदारनाथ मंदिर की आकृति बनाई है. इसी के साथ-साथ उन्होंने नरेंद्र मोदी, द्रौपदी मुर्मू का नाम भी गोबर से लिखकर फ्रेमिंग किया है जो देखने में काफी आकर्षक हैं.

 

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में हुए सम्मानित

लखनऊ में 10 फरवरी से लेकर 12 फरवरी 2023 तक हुए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में भी रामपुर के प्रांजल अग्रवाल को आमंत्रित किया गया. वहीं उनके काम को सराहा भी गया यहां पर आए हुए निवेशकों से प्रांजल को 20 लाख से ज्यादा का आर्डर भी मिला है. प्रांजल बताते हैं कि अब उनका बिजनेस गोबर से बने हुए सामानों के चलते काफी बढ़ गया है. उनका एक ही मकसद है कि वह देश की गौशालाओं को स्वावलंबी बनाएं. आज उनका टर्नओवर 60 लाख से ज्यादा हो चुका है. यहां तक कि उनकी इस काम से 20 लोगों को रोजगार भी मिला हुआ है.