Broiler Poultry Farming: ब्रायलर मुर्गियों में वैक्सीन और बायो सिक्योरिटी से बीमारियां कैसे कंट्रोल करें Broiler Poultry Farming: ब्रायलर मुर्गियों में वैक्सीन और बायो सिक्योरिटी से बीमारियां कैसे कंट्रोल करें
Broiler Chicken Poultry Farm ब्रायलर पोल्ट्री फार्म में मुर्गे-मुर्गियों के दाम उनके वजन के हिसाब से तय होते हैं. इसलिए पोल्ट्री फार्मर की कोशिश होती है कि मुर्गियों का वजन तेजी से बढ़े. लेकिन बीमारी, संक्रमण और तनाव के चलते मुर्गियों की ग्रोथ रुक जाती है. यही वजह है कि पोल्ट्री एक्सपर्ट वैक्सीनेशन और बायो सिक्योरिटी अपनाने की सलाह देते हैं.
पोल्ट्री फार्म को कैसे रखें सुरक्षितनासिर हुसैन - New Delhi,
- Jul 17, 2025,
- Updated Jul 17, 2025, 11:49 AM IST
Broiler Chicken Poultry Farm ब्रायलर मुर्गियों का पालन चिकन के लिए किया जाता है. ब्रायलर मुर्गियों से मुनाफा तभी होता है जब उनका वजन तेजी से बढ़े. वजन बढ़ाने में फीड और हैल्थ का अहम रोल होता है. वेटेरिनेरियन और पोल्ट्री एक्सपर्ट डॉ. इब्ने अली ने किसान तक को बताया कि ब्रायलर में खासतौर पर दो बड़ी बीमारियां न्यू कैसल और गम्बेरो होती हैं. ये बीमारियां मुर्गियों की जान तक ले लेती हैं. लेकिन वैक्सीन से इन्हें कंट्रोल किया जा सकता है. दोनों ही वैक्सीन पानी में दी जाती हैं. इसके अलावा बायो सिक्योरिटी का पालन करके भी ब्रायलर मुर्गियों में बीमारी और संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है.
बीमारियों से बचाने को वैक्सीनेशन कैसे कराएं?
- ब्रायलर मुर्गियों में दो बीमारी न्यूकैसल और गम्बोरो खतरनाक मानी जाती हैं.
- ब्रालयर चूजों को न्यूकैसल से बचाने के लिए 10 दिन की उम्र वैक्सीन दिया जाता है.
- न्यूकैसल का ये वैक्सीन पीने के पानी में मिलाकर दिया जाता है.
- ब्रालयर चूजों को गम्बोरो से बचाने के लिए 14 दिन की उम्र वैक्सीन दिया जाता है.
- गम्बोरो का ये वैक्सीन पीने के पानी में मिलाकर दिया जाता है.
- न्यूकैसल वैक्सीन की बूस्टर डोज 21 दिन पर दी जाती है.
- गम्बोरो वैक्सीन की बूस्टर डोज 28 दिन पर दी जाती है.
मुर्गियों को वैक्सीन कितनी तरह से दी जाती है?
- पोल्ट्री में मुर्गियों को वैक्सीन तीन तरह से दी जाती है.
- मुर्गियों को पीने के पानी में वैक्सीन दी जाती है.
- मुर्गियों को आंख, नाक और मुंह से भी वैक्सीन दी जाती है.
- मुर्गियों को मांसपेशियों में इंजेक्शन से भी वैक्सीन दी जाती है.
- ज्यादातर लोग पीने के पानी में वैक्सीन देना पसंद करते हैं.
पोल्ट्री फार्म में बायो सिक्योरिटी के लिए क्या करें?
- पोल्ट्री फार्म में आने-जाने वालों को कंट्रोल करें.
- फार्म के सभी गेट पर कीटाणुनाशक फुटबाथ का इस्तेमाल करें.
- गेस्ट, जंगली पक्षी और चूहों को मुर्गियों के आसपास न जानें दें.
- फार्म में मुर्गियां मरें तो उन्हें तुरंत हटा दें.
- बीमार मुर्गियों को हेल्दी मुर्गियों से अलग रखें.
- पोल्ट्री फार्म में कूड़ा न फैलने दें और साफ रखें.
- अलग-अलग उम्र और नस्ल के पक्षियों को एक साथ न रखें.
- फार्म में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों को कीटाणुरहित करते रहें.
निष्कर्ष-
चिकन का पूरा कारोबार मुर्गे-मुर्गियों की ग्रोथ पर टिका होता है. बाजार में बेचने के लिए 30 से 35 दिन में मुर्गियां तैयार हो जाती हैं. ग्रोथ में कोई रुकावट न आए इसके लिए मुर्गियों को हेल्दी रखना बेहद जरूरी होता है. इसीलिए चूजों से लेकर बड़ी मुर्गी तक वैक्सीनेशन और बायो सिक्योरिटी का खास ख्याल रखना चाहिए.
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