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एक साथ तीन-चार बच्चे देती है ये भेड़, देश के इन 10 राज्यों में है सबसे अधिक डिमांड

एक साथ तीन-चार बच्चे देती है ये भेड़, देश के इन 10 राज्यों में है सबसे अधिक डिमांड

बात करें भेड़ के नस्ल की तो इसका नाम ''अविशान'' है. इस भेड़ का पालन भारत के राजस्थान, पंजाब और अब हिमाचल प्रदेश में शुरू हो गया है. अविशान नाम की ये भेड़ साल 2016 में ही 16 साल के शोध के बाद तैयार की गई है. अविशान नस्ल की यह भेड़ उच्च दर्जे की लंबे पैरों वाली बड़े आकार की होती है.

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एक साथ तीन-चार बच्चे देती है ये भेड़ एक साथ तीन-चार बच्चे देती है ये भेड़

देश के ग्रामीण क्षेत्रों में खेती-किसानी के बाद पशुपालन सबसे अच्छा व्यवसाय माना जाता है. कमाई के लिहाज से भी पशुपालन अब किसानों के लिए फायदे का सौदा बनता जा रहा है. पशुपालक इसमें गाय, भैंस के साथ भेड़, बकरी का भी पालन कर रहे हैं. लेकिन कई बार पशुपालक कंफ्यूज रहते हैं कि वो किस जानवर का पालन करके कम लागत में अधिक मुनाफा कमाएं. ऐसे में अगर आप भी पशुपालन करना चाहते हैं तो आप भेड़ पालन कर सकते हैं क्योंकि भेड़ की ऐसी कई नस्ले हैं जिन्हें पालकर पशुपालकों को फायदा मिल सकता है. भेड़ की ऐसी ही एक नस्ल है जो एक साथ तीन-चार बच्चे देती है. इस भेड़ की 10 राज्यों में सबसे अधिक डिमांड है. आइए जानते हैं इसकी खासियत.

भेड़ के नस्ल की खासियत

बात करें भेड़ के नस्ल की तो इसका नाम ''अविशान'' है. इस भेड़ का पालन भारत के राजस्थान, पंजाब और अब हिमाचल प्रदेश में शुरू हो गया है. अविशान नाम की ये भेड़ साल 2016 में ही 16 साल के शोध के बाद तैयार की गई है. अविशान नस्ल की यह भेड़ उच्च दर्जे की लंबे पैरों वाली बड़ी आकार की होती है. इसका चेहरा हल्का गहरे भूरे रंग का होता है और गर्दन तक फैला होता है. इसकी ऊन सफेद रंग की होती है और पूंछ पतली और मध्यम आकार की होती है. वहीं, यह भेड़ नर और मादा दोनों किस्म में बिना सींग के होती है.

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3 से 4 बच्चों को देती है जन्म

इस प्रजाति की भेड़ एक साथ 3-4 बच्चों को जन्म देती है और एक साल में दो बार बच्चे देती है. ऐसे में पशुपालकों को इस नस्ल से एक साल में 6 से 8 बच्चे मिल सकते हैं जिसके चलते कम इन्वेस्टमेंट में किसानों को अधिक लाभ होगा. वहीं विशेषज्ञों की मानें तो इस भेड़ से पैदा हुए बच्चों की वृद्धि दर दूसरे भेड़ की तुलना में 30 प्रतिशत अधिक है.

ऊन, मांस और दूध भी ज्यादा

अविशान भेड़ की एक साथ 3 से 4 बच्चे पैदा करने के साथ दूसरी खासियत यह भी है कि इससे 40 प्रतिशत अधिक ऊन और मांस मिलता है, जबकि यह दूसरी भेंड से 200 ग्राम अधिक दूध देती है. ऐसे में अविशान के पालन से किसान और पशुपालकों की 2 से 3 गुणा अधिक आय होगी. विशेषज्ञों की मानें तो इस किस्म की भेड़ से होने वाले बच्चे यानी मेमने जन्म के समय 3 किलो 30 ग्राम के होते हैं, जबकि 3 महीने में 16 किलो, 6 महीने में 25 किलो और एक साल में 34 किलो के हो जाते हैं. इसका सीधा फायदा पशुपालकों को उन्हें बेचकर मिलता है. इसके अलावा इस नस्ल की ऊन बेहतर क्वालिटी की होती है, इससे भी पशुपालकों को फायदा होता है.

देश के दस राज्यों में है डिमांड

इस उत्तम क्वालिटी वाली भेड़ की देश के दस राज्यों में डिमांड है. इसमें हरियाणा, पंजाब, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना, जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश, झारखंड और हिमाचल प्रदेश शामिल हैं. ऐसे में अगर आप पशुपालन करना चाहते हैं तो अविशान नस्ल की भेड़ पालकर अधिक लाभ कमा सकते हैं.