फोडर एक्सपर्ट की मानें तो देश में इस वक्त हरे चारे की करीब 25 फीसद की कमी चल रही है. इतना ही नहीं चारे की कमी और डिमांड होने से चारा महंगा भी हो गया है. इंडियन ग्रासलैंड एंड फोडर रिसर्च इंस्टीट्यूट, झांसी का भी कहना है कि दूध के महंगा होने की वजह भी हरा चारा ही है. केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान (सीआईआरजी), मथुरा के प्रिंसीपल साइंटिस्ट का कहना है कि पशुपालक थोड़ी सी सजगता और मेहनत से अपने पशुओं को पूरे साल सस्ता हरा चारा खिला सकते हैं.
अगर उस मौसम में थोड़ी सी मेहनत कर ली जाए जब हरे चरे की खूब पैदावार होती है तो हमारे पशुओं के लिए पूरे साल हरे चारे की कोई कमी नहीं होगी. लेकिन इसके लिए थोड़ी सी एहतियात भी बरतनी पड़ेगी. घर पर ही हे और साइलेज बनाकर हम चारे की कमी को पूरा कर सकते हैं. एक्सपर्ट की मानें तो हरे चारे के साथ ही सूखे चारे की कमी देखी जा रही है. यहां तक की सरसों समेत और दूसरी फसल की खल की भी कमी हो गई है. इसी के चलते ये परेशानी और बढ़ गई है.
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सीआईआरजी के प्रिंसीपल साइंटिस्ट डॉ. अरविंद कुमार ने बताया कि हरा चारा स्टोर करने और उसका साइलेज बनाने के लिए उसके पत्तों को पहले सुखा लें. लेकिन ख्याल रहे कि जिस चारे को हम साइलेज बनाने जा रहे हैं उसे पकने से कुछ दिन पहले ही काट लें. इसके बाद उसे धूप में सुखाने रख दें. लेकिन चारे को सुखाने के लिए कभी भी उसे जमीन पर डालकर न सुखाएं. चारा सुखाने के लिए जमीन से कुछ ऊंचाई पर जाली वगैरह रखकर उसके ऊपर चारे को डाल दें.
इसे लटका कर भी सुखाया जा सकता है. क्योंकि जमीन पर डालने से चारे पर मिट्टी लगने का खतरा रहेगा जो फंगस आदि की वजह बन सकती है. जब चारे में 15 से 18 फीसद के आसपास नमी रह जाए तो उसे सूखी जगह पर रख दें. इस बात का ख्याल रहे कि अगर चारे में नमी ज्यादा रह गई तो उसमे फंगस आदि लग जाएंगे और चारा खराब हो जाएगा. इतना ही नहीं इस खराब चारे को गलती से भी पशु ने खा लिया तो वो बीमार हो जाएगा.
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डॉ. अरविंद कुमार ने बताया कि घर पर ही चारे से हे भी बड़ी ही आसानी से बनाया जा सकता है. लेकिन जरूरत है बस थोड़ी सी जागरुकता की. जैसे पतले तने वाले चारे की फसल को पकने से पहले ही काट लें. उसके बाद तले के छोटे-छोटे टुकड़े कर लें. उन्हें तब तक सुखाएं जब तक उनमे 15 से 18 फीसद तक नमी ना रह जाए. हे के लिए हमेशा पतले तने वाली फसल का चुनाव करें. क्योंकि पतले तने वाली फसल जल्दी सूखेगी. कई बार ज्यादा लम्बे वक्त तक सुखाने के चलते भी चारे में फंगस की शिकायत आने लगती है. यानि चारे का तना टूटने लगे इसके बाद इन्हेंय अच्छी तरह से पैक करके इस तरह से रख दें कि चारे को बाहर की हवा न लगे.
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