Feed-Fodder: क्या है, कैसे बनता है और क्यों पशुओं के लिए जरूरी है संतुलित आहार, पढ़ें डिटेल
एनिमल एक्सपर्ट के मुताबिक इंसानों को सुबह से शाम तक कर्बोहाइड्रेड, प्रोटीन और दूसरे मिनरल्स की जरूरत होती है. इसी तरह पशुओं को भी बैलेंस डाइट की जरूरत होती है. अच्छी और पूरी डाइट मिलने के बाद पशु भी दूध ज्यादा और अच्छी क्वालिटी का देता है. इतना ही नहीं बैलेंस डाइट खाने के बाद पशुओं का मीट उत्पादन भी बढ़ जाता है.
एनिमल एक्सपर्ट का कहना है कि हर रोज पशुओं के लिए संतुलित आहार (बैलेंस्ड डाइट) बहुत जरूरी है. फिर चाहें पशु दूध दे रहा हो या फिर बच्चा देने वाला हो. इतना ही नहीं उत्पादन न करने वाले बढ़ते हुए पशुओं के लिए भी संतुलित आहार बहुत जरूरी होता है. अक्सर पशुपालक संतुलित आहार के बारे में तीन खास सवाल करते हैं. संतुलित आहार क्या है, कैसे बनता है और ये पशुओं के लिए क्यों जरूरी होता है. पशुओं के लिए ये खास डाइट चारे, दाने और मिनरल को मिलाकर बनाई जाती है.
इस डाइट से पशुओं की उर्जा, प्रोटीन, खनिज, विटामिन की जरूरत पूरी होती है. जब भी पशु को कुछ खाने के लिए दिया जाए तो इसी तरह की संतुलित डाइट होनी चाहिए. इससे जहां पशु उत्पादन बढ़ता है, वहीं पशु बीमारियों से भी बचे रहते हैं. अगर पशुपालक अपने पशुओं को खिलाना चाहे तो दिनभर बैलेंस डाइट खिलाई जा सकती है. ये कोई मुश्कि़ल काम नहीं है.
जानें क्या है और कैसे बनेगी बैलेंस डाइट
बैलेंस डाइट पशुओं के उत्तम स्वास्थ्य और ज्यादा दूध उत्पादन के लिए जरूरी है.
बैलेंस डाइट चारे, दाने और मिनरल मिक्चर होता है.
बैलेंस डाइट में सभी जरूरी पोषक तत्व उचित मात्रा और अनुपात में होते हैं.
बैलेंस डाइट से उर्जा, प्रोटीन, खनिज और विटामिन आदि की जरूरत पूरी हो जाती है.
बैलेंस डाइट में सूखी घास, तुड़ी, कडवी, दलहरी चारे का इस्तेमाल किया जाता है.
बैलेंस डाइट में दाने के नाम पर मक्का, जौ, ज्वार, चूरी, खल आदि का इस्तेमाल किया जाता है.
बैलेंस डाइट में दो फीसद खनिज लवण और एक फीसद नमक मिलाना चाहिए.
दाना मिश्रण खिलाने से पहले उसे कुछ घंटे पानी में भिगोना चाहिए.
बैलेंस डाइट हमेशा स्थानीय रूप से मिलने वाले चारे, दाने और मिनरल से बनाना चाहिए.
पशु को बैलेंस डाइट उनके शरीर के वजन के मुताबिक यानि 2.5 से 3 किलो प्रति 100 किलो पर देनी चाहिए.
पशुओं में आहार की मात्रा उसकी उत्पादकता तथा प्रजनन की अवस्था पर भी निर्भर करती है.
कुल आहार का 2/3 भाग मोटे चारे से और 1/3 भाग दाना मिश्रण मिलाकर बनाना चाहिए.
बैलेंस डाइट में उसी आहार को शामिल करें जिसे पशु चाव से खाता हो.
पशुपालक को पशु के चारे व दाने में अचानक बदलाव नही करना चाहिए.
चारे और दाने में धीरे-धीरे बदलाव करना चाहिए. पुराना कम करते हुए नए की मात्रा बढ़ाते जाएं.
पशुओं को चारा खिलाने की नांद पूरी तरह से साफ होनी चाहिए.
नांद में नया चारा या दाना मिश्रण डालने से पहले बचे हुए चारे और दाने को हटा दें.