Vaccination in Poultry: चिकन के लिए पाले जाने वाले ब्रायलर मुर्गों में वैक्सीन से ऐसे करें बीमारी की रोकथाम 

Vaccination in Poultry: चिकन के लिए पाले जाने वाले ब्रायलर मुर्गों में वैक्सीन से ऐसे करें बीमारी की रोकथाम 

Vaccination in Poultry Birds देश में बीते साल करीब 400 से 450 करोड़ ब्रायलर मुर्गे चिकन की डिमांड पूरी करने के लिए पाले गए थे. वजन में बात करें तो करीब 52 लाख टन चिकन देश में खाया गया था. पोल्ट्री एक्सपर्ट के मुताबिक ये डिमांड हर साल बढ़ रही है. ये डिमांड भी तब है जब देश से चिकन एक्सपोर्ट नहीं होता है. इसलिए जरूरी है कि मुर्गों को बीमारी से बचाने के लिए हेल्दी रखा जाए.  

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Vaccination in Poultry: चिकन के लिए पाले जाने वाले ब्रायलर मुर्गों में वैक्सीन से ऐसे करें बीमारी की रोकथाम पोल्ट्री फार्म को कैसे रखें सुरक्षित

Vaccination in Poultry Birds चिकन की डिमांड पूरी करने के लिए ब्रायलर मुर्गों का पालन किया जाता है. इसे ब्रायलर पोल्ट्री फार्मिंग भी कहा जाता है. ब्रायलर मुर्गो पालन में मुनाफा पूरी तरह से मुर्गों की ग्रोथ पर निर्भर करता है. और पोल्ट्री एक्सपर्ट के मुताबिक मुर्गों की ग्रोथ तब होती है जब वो हेल्दी रहेंगे. और हेल्दी भी तब रहेंगे जब बीमारियां उनसे दूर रहेंगी. ब्रॉयलर मुर्गों को हेल्दी रखना पोल्ट्री फार्मिंग के सबसे महत्वपूर्ण काम में से एक माना जाता है. क्योंकि ब्रायलर मुर्गों के दाम उनके वजन और उनकी हैल्थ के हिसाब से तय होते हैं.

वजन और हैल्थ जितनी अच्छी होगी तो उसके रेट भी उतने ही ज्यादा मिलेंगे. पोल्ट्री फार्म में बीमारियां तेज़ी से फैलती हैं और गंभीर नुकसान पहुंचाती हैं. इसके लिए जरूरी है कि टीकाकरण और फार्म की अच्छी तरह साफ-सफाई की जाए. और इसके लिए जरूरी है कि पोल्ट्री फार्म में वैक्सीन चार्ट और बायो सिक्योरिटी का पालन किया जाए.  

इसलिए जरूरी है मुर्गों का टीकाकरण कराना 

टीकाकरण मुर्गें-मुर्गियों को आम बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करने में मदद करता है. टीका उनके शरीर को बीमार होने से पहले संक्रमण से लड़ने के लिए तैयार करता है. यहां हम आपको कुछ ऐसे टीकों के बारे में बताने जा रहे हैं जो पोल्ट्री फार्म में सामान्य बीमारियों को रोकते हैं. 

न्यूकैसल रोग
गम्बोरो (संक्रामक बर्सल रोग)
दिन 10 - न्यूकैसल टीका (पीने के पानी के माध्यम से)
दिन 14 - गम्बोरो टीका (पीने के पानी के माध्यम से)
दिन 21 - न्यूकैसल टीका (बूस्टर खुराक)
दिन 28 - गम्बोरो टीका (बूस्टर खुराक)

पोल्ट्री फार्म में टीका तीन तरह से दिया जाता है 

पीने के पानी के माध्यम से
आंखें, नाक या मुंह में बूंदें डालकर
 त्वचा के नीचे या मांसपेशियों में इंजेक्शन लगाकर

ज्यादातर पोल्ट्री फार्मर टीके लिए पीने के पानी के तरीके का इस्तेमाल टीका देने के लिए करते हैं. क्योंकि यह मुर्गे-मुर्गियों के लिए आसान और सुरक्षित तरीका माना जाता है.

टीकाकरण के लिए पीने के पानी का इस्तेमाल ऐसे करें

यदि आप नल के पानी का उपयोग करते हैं, तो क्लोरीन हटाने के लिए पाउडर वाला दूध (5 लीटर में 40 ग्राम) मिलाएं
पक्षियों को प्यासा बनाने के लिए 2 से 3 घंटे के लिए पानी की आपूर्ति बंद कर दें
पक्षियों को देने से ठीक पहले दूध से उपचारित पानी में टीका मिलाएँ
स्वच्छ पेय पदार्थों का उपयोग करें और पक्षियों को टीका वाला पानी दें
चूजों को धीरे से हिलाएं ताकि वे पी सकें
फिर से सामान्य पानी देने से पहले एक घंटे तक प्रतीक्षा करें

बीमारियों को रोकने के लिए ऐसे करें बायो सिक्योरिटी 

पोल्ट्री फार्म को हेल्दी रखने के लिए सिर्फ टीकाकरण काफी नहीं है. आपको बीमारियों को फार्म में रोकने के लिए बायो सिक्योरिटी का इस्तेमाल भी करना होगा. 

पोल्ट्री फार्म में एंट्री करने वालों की संख्या पर नियंत्रण रखें.
फार्म के सभी गेट पर कीटाणुनाशक युक्त फुटबाथ रखें
मुर्गे-मुर्गियों के पास आगंतुकों, जंगली पक्षियों और चूहों को न आने दें
मरी हुई मुर्गियों को फार्म से फौरन हटा कर कहीं दूर दफना दें
बीमार पक्षियों को बाकी से अलग करें
पोल्ट्री फार्म को सूखा और साफ रखें
अलग-अलग उम्र या प्रकार के पक्षियों को एक साथ न रखें
घर के अंदर मुर्गियों को न बेचें और न ही काटें
उपयोग करने से पहले औजारों और उपकरणों को कीटाणुरहित करें.

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