Tick Problem in Animals : बरसात में गाय-भैंस और पशुपालक को सबसे ज्यादा परेशान करती है चिचड़, पढ़ें पूरी डिटेल Tick Problem in Animals : बरसात में गाय-भैंस और पशुपालक को सबसे ज्यादा परेशान करती है चिचड़, पढ़ें पूरी डिटेल
Tick Problem in Monsoon चिचड़-मक्खी बरसात के दौरान पशुओं पर बैठकर संक्रमण फैलाते हैं. एक्सपर्ट की मानें तो पशु शेड में ही कुछ छोटे-छोटे उपाय करके चिचड़-मक्खी के संक्रमण को रोका जा सकता है. इसके लिए जरूरी है कि इनकी पहचान की जाए और इनसे फैलने वाले संक्रमण के लक्षणों को पहचाना जाए.
गर्मी में पशुओं का कैसे रखें खयालनासिर हुसैन - New Delhi,
- Jul 08, 2025,
- Updated Jul 08, 2025, 12:40 PM IST
Tick Problem in Monsoon मामूली सी दिखने वाली चिचड़ बरसात (मॉनसून) के दिनों में पशुओं और पशुपालकों के लिए बड़ी परेशानी खड़ी कर देती है. एनिमल एक्सपर्ट के मुताबिक इसी के चलते बरसात के दिनों में गाय-भैंस कई दूसरी बीमारियों की चपेट में आ जाती हैं. वहीं पशुपालक की इसके चलते लागत बढ़ जाती है तो पशु भी जोखिम में आ जाते हैं. दूध उत्पादन घटने के साथ ही पशुओं की ग्रोथ भी रुक जाती है. कई बार तो इस तरह की बीमारियों के चलते पशुओं की मौत तक हो जाती है. पशु शेड से मक्खियों और चिचड़ों को दूर भगाने के लिए प्राकृतिक नीम के तेल का नियमित इस्तेमाल किया जा सकता है.
इससे रासायनिक जैसा बुरा प्रभाव पशु में नहीं होता और चिचड़-मक्खी प्रतिरोधक क्षमता भी विकसित होने की आंशका भी खत्म हो जाती है. वैसे तो बरसात के पूरे ही वक्त गाय-भैंस और भेड़-बकरी किसी ना किसी तरह की बीमारियों के चलते ही परेशान रहते हैं. लेकिन, एनिमल एक्सपर्ट के मुताबिक कुछ घरेलू उपाय अपनाकर पशुओं के शेड से चिचड़ और मच्छर-मक्खी को दूर किया जा सकता है.
पशु शेड में चिचड़ से ये होते हैं नुकसान, ऐसे करें कंट्रोल
- चिचड़ से एनाप्ताज्मोसिस, थाइलेरियोसिस और बबेसियोसिस जैसी बीमारियां पशुओं में फैलने लगती हैं.
- काटने बाली मक्खियों से पशुओं को सर्रा बीमारी होने के साथ ही मियादी बुखार हो जाता है.
- पशु शेड में अगर इनकी संख्या ज्यादा हो तो संक्रमण के चलते पशुओं में खून की कमी हो जाती है.
- चिचड़ और काटने वाली मक्खियों से पशु तनाव में आ जाते हैं.
- चिचड़ और मक्खी पशुओं को जिस जगह पर काटते हैं वहां एलर्जी हो सकती है.
- ये बड़ी संख्या में अण्डे देती हैं जिसके चलते इनकी संख्या लगातार बढ़ती रहती है.
शेड में चिचढ़ को ऐसे करें कंट्रोल
- किसी भी पशु को खरीदने के बाद उसे दूसरे पशुओं के साथ रखने से पहले चिचड़ रहित कर लें.
- समय-समय पर चिचड़ों को मारने की दवा पशुओं पर लगानी चाहिए.
- एक वयस्क चिचड़ करीब 3000 अंडे देती है.
- चिचड़ का लार्वा बिना भोजन के दो से सात महीने तक जिंदा रह सकता है.
- चिचड़ दोबारा ना हो इसके लिए दवाई का इस्तेमाल पशु संग शेड की दीवार की दरारों में भी करें.
- चिचड़ नाशक दवा को समय-समय पर प्रतिरोधक विकसित होने से रोकने के लिए बदलते रहना चाहिए.
- पशुचिकित्सक से सही चिचड़ नाशक दवा और उसकी खुराक के बारे में सलाह जरूर लें.
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