Dairy Cooperative: देश के 22 राज्यों में दूध खरीद का काम करेगी सरदार पटेल सहकारी डेयरी फेडरेशन 

Dairy Cooperative: देश के 22 राज्यों में दूध खरीद का काम करेगी सरदार पटेल सहकारी डेयरी फेडरेशन 

SPCDF Dairy Cooperative हमारा देश विश्व में दूध उत्पादन में नंबर वन है. दुधारू पशुओं की संख्या भी और देशों के मुकाबले हमारे यहां ज्यादा है. बावजूद इसके डेयरी एक्सपोर्ट में हम पीछे हैं. जिसकी सबसे बड़ी वजह ये बताई जाती है कि हमारा डेयरी सेक्टर संगठित नहीं है. डेयरी को संगठित करने के लिए ही सहकारी संस्थाओं की स्थापना पर जोर दिया जा रहा है. 

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Dairy Cooperative: देश के 22 राज्यों में दूध खरीद का काम करेगी सरदार पटेल सहकारी डेयरी फेडरेशन World Milk Day

SPCDF Dairy Cooperative आज भी देश के पांच लाख गांवों में ऐसे डेयरी किसान हैं जो किसी भी सहकारी संस्था से नहीं जुड़े हुए हैं. ये वो डेयरी किसान हैं जो सीधे बाजार में अपना दूध बेचते हैं. ऐसे किसानों को सबसे ज्यादा दूध की कीमतों को लेकर परेशानी का सामना करना पड़ता है. हालांकि ज्यादातर राज्यों में डेयरी से जुड़ी राज्य सहकारी संस्था है, बावजूद इसके बहुत सारे डेयरी किसान इनके साथ जुड़े नहीं हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए गुजरात में गुजरात सहकारी दूध विपणन महासंघ (GCMMF) के बाद अब एक और बड़ी सहकारी डेयरी फेडरेशन बनाई गई है. 

इस फेडरेशन की शुरुआत 200 करोड़ रुपये से हो रही है. हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान गुजरात में सहकारिता और केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इसकी शुरुआत की है. इसे सरदार पटेल सहकारी डेयरी फेडरेशन लिमिटेड (SPCDF) नाम दिया गया है. ये डेयरी फेडरेशन देश के 22 राज्यों में काम करेगी. अमूल का संचालन करने वाली GCMMF की भी इसमे 20 फीसद की हिस्सेदारी होगी. 

डेयरी सेक्टर में ऐसे काम करेगी SPCDF

नई डेयरी सहकारी संस्था की शुरुआत करते हुए अमित शाह ने बताय कि ये नई संस्था SPCDF कर्नाटक और तमिलनाडु समेत 20 राज्यों और दो केन्द्र शासित प्रदेशों में दूध खरीदने का काम करेगी. नई संस्था को गुजरात के गांधी नगर में बहु-राज्य सहकारी समिति अधिनियम, 2002 की धारा 7 के तहत गांधीनगर में पंजीकृत किया गया है. ये संस्था सभी 22 राज्यों में 20 हजार ऐसी ग्राम-स्तरीय दूध सहकारी समितियों से दूध खरीदेगी जो किसी दूसरी संस्थाओं से जुड़ी नहीं हैं. साथ ही GCMMF या फिर राज्य में मौजूद किसी अन्य राज्य-स्तरीय डेयरी महासंघ से प्रतिस्पर्धा भी नहीं करेगी. नई संस्था दूध खरीद और उचित मूल्य निर्धारण के मामले में अमूल की तरह किसानों की मदद करेगी. इतना ही नहीं 200 करोड़ रुपये की शुरुआती पूंजी वाली यह सहकारी संस्था छोटी और बड़ी अपंजीकृत दूध सहकारी समितियों को एक मंच पर लाने का काम करेगी. 

डेयरी सेक्टर में ये होगा SPCDF का मकसद

नई शुरू हुई SPCDF में GCMMF की 20 फीसद की हिस्सेदारी होगी. साथ ही गुजरात के अंदर काम करने वाले और GCMMF से जुड़े जिला सहकारी दूध संघों की 60 फीसद की हिस्सेदारी होगी. और बाकी बचे 20 के हिस्से में 19 राज्य और दो केन्द्र शासित प्रदेशों में काम करने वालीं गांव स्तर की दूध सहकारी समितियां आएंगी. GCMMF एमडी जयन मेहता का कहना है कि हम केवल उन व्यक्तिगत गांव स्तर की सहकारी समितियों से जुड़ेंगे जो किसी भी राज्य स्तरीय दूध सहकारी निकायों से संबद्ध नहीं हैं. हम केवल उन लोगों को शामिल कर रहे हैं जो सहकारी क्षेत्र में शामिल नहीं हैं और जिनका प्रतिनिधित्व नहीं है. लगभग पांच लाख गांव ऐसे हैं जो मौजूदा दूध सहकारी ढांचे से बाहर हैं.

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