Goat Milk and Feed बकरी पालन दूध से ज्यादा मीट के लिए किया जाता है. लेकिन ऐसा भी नहीं है कि बाजार में बकरियों के दूध की डिमांड नहीं है. क्योंकि बकरी दूध कम देती है तो सिर्फ दूध के लिए बकरी पालन कम किया जा सकता है. लेकिन गोट एक्सपर्ट के कुछ टिप्स अपनाकर बकरी का दूध उत्पादन बढ़ाया जा सकता है. करना बस ये है कि खासतौर पर दूध देनी वाली बकरी की खुराक में कुछ बदलाव करना होगा. आम खुराक से हटकर दूध देने वाली बकरी को खास तरीके की खुराक खिलानी होगी.
और अगर ये खास खुराक बकरी के गर्भवती होते ही शुरू कर दी जाए तो इसका असर बकरी के दूध उत्पादन पर भी दिखेगा. साथ ही बच्चा भी हेल्दी होगा. क्योंकि बकरी के पेट में पल रहे बच्चे को भी एनर्जी की जरूरत होती है. और जैसे ही बकरी बच्चा दे देती है तो फिर वो दूध देना शुरू कर देती है, लेकिन दोनों ही हालात में बकरी उत्पादन कर रही होती है तो ऐसे में उसे खास खुराक की जरूरत होती है.
गोट एक्सपर्ट का कहना है कि दूध देने वाली बकरी को भी ज्यादा खुराक की जरूरत होती है. एक लीटर तक दूध देने वाली बकरी को हर रोज 300 ग्राम तक दाना खिलाना चाहिए. दाना दिन में कम से कम दो बार में दें. साथ ही दिनभर में हरा और सूखा चारा मिलाकर करीब 4 किलो वजन तक खाने को दें. सामान्य मौसम में 20 किलो वजन की बकरी को 700 एमएल तक पानी पिलाना चाहिए. वहीं गर्मी के मौसम में यह मात्रा डेढ़ गुनी कर देनी चाहिए. किसी गोट फार्म में 100 बकरी पाली जाएं या फिर घर की खाली जगह पर 5 बकरियां, उन्हें चरने के लिए खुली जगह की जरूरत होती है. यह खुली जगह खेत और जंगल भी हो सकता है. बकरियों को तीन तरह से चराया जाता है. पहला चराकर, दूसरा खूंटे पर बांधकर और तीसरा चराने के साथ खूंटे पर बांधकर.
गोट एक्सपर्ट का कहना है कि जब बकरी को गर्भवती कराना हो तो उसी के साथ बकरी की खुराक बढ़ा दें. हरा चारा और दाने की मात्रा बढ़ा दें. गर्भवती कराने से दो हफ्ते पहले ही बकरी की सामान्य खुराक 3 किलो दाना प्रतिमाह में 100 से 200 ग्राम दाना और बढ़ा दें. इतना ही नहीं जब बकरी बच्चा देने वाली हो तो उससे एक-दो हफ्ते पहले सामान्य खुराक में दाने की मात्रा 300 से 400 ग्राम तक बढ़ा दें. बकरी को उत्तम किस्म का हरा चारा भी खिलाएं.
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