Animal Care: हर मौसम में पशुपालन को फायदेमंद बनाते हैं ये तीन काम, पढ़ें डिटेल 

Animal Care: हर मौसम में पशुपालन को फायदेमंद बनाते हैं ये तीन काम, पढ़ें डिटेल 

अगर आपके पशु का बीमा है तो फिर प्राकृतिक आपदा या किसी भी तरह की बीमारी से मौत होने पर बीमा की रकम मिल जाती है. यहां तक की कोई जहरीला कीड़ा पशुओं को काट लेता है और उसकी मौत हो जाती है तो उसका भी मुआवजा मिल जाता है. 

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Animal Care: हर मौसम में पशुपालन को फायदेमंद बनाते हैं ये तीन काम, पढ़ें डिटेल थनैला की जांच का तरीका

मौसम कोई भी हो पशुओं के लिए परेशानी के साथ आता है. खासतौर से गर्मी और बरसात के दिनों में पशुओं को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. गर्मियों के दौरान तो पशुपालकों को दोहरा नुकसान उठाना पड़ता है. पशु बीमार तो होते ही हैं, साथ ही दूध उत्पादन भी घट जाता है. कई बार तो जरा सी लापरवाही के चलते किसानों को अपने पशु से भी हाथ धोना पड़ता है. एनिमल एक्सपर्ट की मानें तो पशुओं को सबसे ज्यादा बीमारी भी गर्मी और बसात के मौसम में ही होती है. 

इलाज और टीकाकरण के साथ सरकार पशुओं और पशुपालकों को इस तरह की परेशानी से बचाने के लिए तीन तरह की योजनाएं भी चला रही है. ये वो योजनाएं हैं जो परेशानी के दौरान भी पशुपालकों को सौ फीसद मुनाफा कराती हैं. गांव और कस्बों के पशु अस्पताल में भी ये सभी सुविधाएं मौजूद हैं. पशुपालन विभाग के अफसर और एनिमल एक्सपर्ट का कहना है कि कुछ गलतफहमियों के चलते पशुपालक कुछ सरकारी योजनाओं का फायदा नहीं उठाते हैं. 

जानलेवा बीमारियों का इलाज है टीकाकरण 

पशु चिकित्सक डॉ. इब्ने अली का कहना है कि गर्मी-बरसात के दौरान पशुओं को कई तरह की बीमारी होती हैं. दूषित चारा खाने से, दूषित पानी पीने से भी पशु बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं. खुरपका-मुंहपका, थनेला समेत और तमाम बीमारियां भी इस मौसम में पशुओं को अपने चपेट में ले लेती हैं. लेकिन समय-समय पर पशुओं को लगने वाले टीके हम अपने पशुओं को लगवाते रहेंगे तो पशु बीमारी की चपेट में नहीं आएंगे. दूध के संबंध में हकीकत तो ये है कि जब हमारा पशु कई तरह की बीमारियों से ग्रसित होगा तो उसका दूध उत्पादन घटेगा ही घटेगा. और टीकाकरण से पशु बीमारी से बचकर स्वस्थ रहता है. और हम अच्छी तरह से जानते हैं कि जब पशु पूरी तरह ठीक होता है तो वो दूध भी खूब देता है. फिर वो चाहें भेड़-बकरी हो या फिर गाय-भैंस. 

ईयर टैगिंग काम एक और फायदे अनगिनत 

इब्ने अली ने बताया कि पशुओं के कान में लगने वाले टैग को लेकर कई तरह की गलतफहमी हैं. जैसे अगर कान में टैग लगा है तो इसका मतलब पशु बैंक लोन की रकम से खरीदा गया है. यही वजह है कि आज भी बहुत सारे लोग पशुओं में ईयर टैगिंग कराने से कतराते हैं. जबकि इसे लगवाने के बाद चोरी होने पर आप अपने पशु को देश के किसी भी कोने से तलाश कर ला सकते हैं. क्योंकि टैगिंग होने के बाद आपके पशु का आधार कार्ड जैसा नंबर तैयार हो जाता है. उस नंबर से पशु को सभी तरह की योजनाओं का फायदा भी मिलता है. साथ ही अगर आपका पशु किसी कारणवश मर जाता है तो बीमा की रकम मिलने में भी आसानी रहती है.   

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