Organic Milk: बाजार में खूब है ऑर्गेनिक दूध की डिमांड, मुनाफा भी भरपूर, बेचना है तो ऐसे करें तैयारी

Organic Milk: बाजार में खूब है ऑर्गेनिक दूध की डिमांड, मुनाफा भी भरपूर, बेचना है तो ऐसे करें तैयारी

राष्ट्रीय जैविक एवं प्राकृतिक खेती केंद्र (एनसीओएनएफ) का कहना है कि उसकी ओर से गाय-भैंस और बकरी समेत ऊंट को भी ऑर्गनिक दूध का सर्टिफिकेट दिया जाएगा. अगर पशु पालक संस्थान के बताए नियमों का पालन करेगा तभी उसे सर्टिफिकेट मिलेगा. कई स्तर की जांच के बाद यह प्रमाण पत्र दिया जाएगा.

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Organic Milk: बाजार में खूब है ऑर्गेनिक दूध की डिमांड, मुनाफा भी भरपूर, बेचना है तो ऐसे करें तैयारी

फल-सब्जियों के बाद डेयरी में भी ऑर्गेनिक प्रोडक्ट की डिमांड हो रही है. खासतौर पर ऑर्गेनिक दूध और घी की डिमांड खूब है. यही वजह है कि कुछ लोग गाय-भैंस ही नहीं बकरी का दूध भी ऑर्गेनिक बताकर बेच रहे हैं. बहुत सी ऐसी कंपनी भी हैं जो आनलाइन दूध को ऑर्गेनिक बताकर बेच रही हैं. लेकिन उनके द्वारा बेचा जा रहा दूध ऑर्गेनिक है या नहीं इसका उनके पास कोई प्रमाण नहीं है. दूध ऑर्गेनिक है या नहीं ये सर्टिफिकेट राष्ट्रीय जैविक एवं प्राकृतिक खेती केंद्र (एनसीओएनएफ) देता है.

एनसीओएनएफ का उत्तर भारत का ऑफिस गाजियाबाद में है. डेयरी एक्सपर्ट की मानें तो ऑर्गेनिक दूध और घी में खूब मुनाफा है. बाजार में इसकी डिमांड भी बहुत है. लेकिन गाय-भैंस और बकरियों से ऑर्गेनिक दूध लेने का एक तरीका है. कुछ नियमों का पालन करना पड़ता है. तब कहीं जाकर ऑर्गेनिक दूध पशुओं से मिलता है.  

दूध ऑर्गेनिक है या नहीं, ऐसे मिलेगा सर्टिफिकेट

डेयरी एक्सपर्ट का कहना है कि लम्बे वक्त से ऑर्गनिक चारे पर काम चल रहा है. लेकिन चारा ऑर्गेनिक है या नहीं इसके लिए सर्टिफिकेट लेना होता है. ले‍किन सिर्फ ऑर्गेनिक हरा चारा खि‍लाने से ही ही दूध ऑर्गेनिक नहीं हो जाता है. इसके लिए और दूसरे नियमों का भी पालन करना होता है. 

  • सर्टिफिकेट देने से पहले देखा जाता है कि पशु को खाने में ऑर्गेनिक चारा दिया जा रहा है या नहीं. 
  • सूखा चारा यानि भूसा जिस फसल का है वो ऑर्गेनिक थी या नहीं. 
  • जहां ऑर्गनिक चारा उगाया जा रहा है उसके आसपास दूसरी फसल में पेस्टी साइट का इस्तेमाल तो नहीं हो रहा है. 
  • जिस फसल में पेस्टीसाइट इस्तेमाल किया जा रहा है नियमानुसार ऑर्गेनिक फसल से एक तय दूरी रखनी पड़ती है.
  • पशुओं को दी जाने वाली वैक्सीजन, बीमारी में दी जा रहीं दवाई भी नियमानुसार दी जाती है. 
  • कुछ खास बीमारियों में पशुओं को सिर्फ हर्बल दवा खिलाने के ही नियम होते हैं. 
  • पशुओं को जो दाना यानि फीड दिया जाता है उसकी भी जांच होती है. 
  • फीड बनाने में किसी तरह के केमिकल (ऐडिटिव) का इस्तेमाल तो नहीं किया जा रहा है. 

डेयरी और फीड एक्सपर्ट का ये भी कहना है कि ऑर्गेनिक दूध के मामले में ऐसा भी नहीं है कि आज से आपने पशुओं को ऑर्गनिक चारा देना शुरू किया तो वो कल से ऑर्गनिक दूध देना शुरू कर देंगे. इसके लिए भी नियमानुसार पशुओं के हिसाब से दिन तय किए जाते हैं.

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