Lumpy Disease: मॉनसून में गायों को लंपी से बचाना है तो अपनाएं ये तरीके, पढ़ें डिटेल

Lumpy Disease: मॉनसून में गायों को लंपी से बचाना है तो अपनाएं ये तरीके, पढ़ें डिटेल

Lumpy Disease in Cow एनिमल एक्सपर्ट के मुताबिक लंपी ही नहीं हर तरह की बीमारी से दुधारू पशुओं को बचाया जा सकता है. क्योंकि पशुपालन के पुराने तौर-तरीकों के चलते ही पशुओं में जल्दीं-जल्दी अपना घर बना लेती हैं. क्लाइमेट चेंज को देखते हुए आज बॉयो सिक्योरिटी अपनाने की जरूरत है. सभी तरह के पशुओं में मृत्यु दर को कम करने के लिए साइंटीफिक तरीके से पशुपालन करना बहुत जरूरी हो गया है. 

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Lumpy Disease: मॉनसून में गायों को लंपी से बचाना है तो अपनाएं ये तरीके, पढ़ें डिटेलपशुओं में लंपी बीमारी का खतरा

Lumpy Disease in Cow एनिमल एक्सपर्ट के मुताबिक साल के 12 महीने लंपी बीमारी गायों पर अटैक करती रहती है. लेकिन, खासतौर पर मॉनसून के दौरान लंपी का अटैक गायों पर बहुत होता है. इसकी एक बड़ी वजह मच्छर-मक्खी हैं, जो बरसात के दिनों में बहुत होते हैं. यही वजह है कि एक छोटे से वक्त में ही लंपी बीमारी देशभर में पैर पसार चुकी है. शरीर से कमजोर गायों पर ये बीमारी जल्द अटैक करती है. हालांकि वैक्सीन की मदद से कुछ हद तक लंपी पर काबू पाया गया है. 

लेकिन बिहार एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी (बासु), पटना के वाइस चांसलर डॉ. इन्द्रजीत सिंह का कहना है कि वैक्सीसन के साथ ही बॉयो सिक्योरिटी अपनाकर इस बीमारी को फैलने से आसानी के साथ रोका जा सकता है. क्योंकि साइंटीफिक तरीके से किया गया पशुपालन पशुओं के साथ-साथ इंसानों को भी पशुओं की बीमारी से बचाता है. 

क्लाइमेट चेंज के चलते इसलिए जरूरी है बॉयो सिक्योरिटी 

एनिमल एकसपर्ट का कहना है कि हम आज तक पशुपालन को अपने पुराने तौर-तरीके अपनाकर करते चले आ रहे हैं. जबकि क्लाइमेट चेंज के चलते अब बहुत बड़ा बदलाव आ चुका है. सबसे पहले तो हमे करना यह होगा कि हम गाय-भैंस पालें या भेड़-बकरी समेत कोई भी दुधारू पशु, हमे उसे साइंटीफिक तरीके से पालना होगा. इसके लिए जरूरत है कि हम अपने पशुओं के फार्म पर बॉयो सिक्योरिटी का पालन करें और आने वाले से भी कराएं. जैसे अपने फार्म की बाड़बंदी करें. जिससे सड़क पर घूमने वाला कोई भी जानवर आपके फार्म में नहीं घुस सकें.अपने फार्म के अंदर और बाहर दवा का छिड़काव जरूर कराएं.

दूसरा यह कि कुछ दवा फार्म पर रखें जिनका इस्तेमाल हाथ साफ करने के लिए हो. ऐसा करने के बाद ही पशु को हाथ लगाएं. पशु को हाथ लगाने के बाद एक बार फिर से दवाई का इस्तेमाल कर हाथ साफ करें, जिससे पशु की कोई बीमारी आपको न लगे. इतना ही नहीं अगर कोई व्यकतिा बाहर से आपके फार्म में आ रहा है तो उसके शूज बाहर ही उतरवाएं या फिर उन्हें सेनेटाइज करें. हाथ और उनके कपड़ों को भी सेनेटाइज करवा सकें तो बहुत ही अच्छां है वर्ना तो पीपीई किट पहनाकर ही फार्म के अंदर ले जाएं. 

इन गायों पर जल्दी होता है लंपी वायरस का अटैक

एनिमल एक्सपर्ट का कहना है कि सड़क पर घूमने वालीं और कुछ गौशालाओं में गायों को खाने के लिए पौष्टिक चारा नहीं मिल पाता है. जिसके चलते ऐसी गायों की इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है. यही वजह है कि लंपी बीमारी का सबसे ज्यादा अटैक इसी तरह की गायों पर देखा गया. लंपी की वजह से मौत भी ऐसी ही गायों की हुई. ऐसा नहीं है कि जहां गायों को बहुत अच्छा चारा मिल रहा है वहां गायों की मौत लंपी की वजह से नहीं हुई है, हुई है लेकिन उसकी संख्या बहुत कम है. दूसरा यह कि सड़क पर घूमने वाली गाय बहुत जल्दी उन मक्खी-मच्छर की चपेट में आ गईं जो लंपी बीमारी के कारण थे. जबकि गौशालाओं और डेयरी फार्म पर बहुत हद तक साफ-सफाई होने के चलते मच्छर-मक्खी का उतना अटैक वहां नहीं हुआ.

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