Animal Tips: बरसात में पशुओं के लिए बेहद खतरनाक है ये बीमारी, ऐसे करें देखभाल, बरतें ये सावधानियां

Animal Tips: बरसात में पशुओं के लिए बेहद खतरनाक है ये बीमारी, ऐसे करें देखभाल, बरतें ये सावधानियां

बरसात के मौसम में पशुओं को गला घोंटने जैसी खतरनाक बीमारी का खतरा रहता है. जानिए इसके लक्षण, कारण, उपचार और बचाव के उपाय. पशुओं को समय पर टीका लगवाकर सुरक्षित रखें.

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बरसात में पशुओं के लिए बेहद खतरनाक है ये बीमारी, ऐसे करें देखभाल, बरतें ये सावधानियांपशुओं के लिए बेहद खतरनाक है ये बीमारी

बरसात का मौसम जहां इंसानों के लिए सर्दी-जुकाम जैसी समस्याएं लेकर आता है, वहीं यह समय पशुओं के लिए भी बेहद चुनौतीपूर्ण होता है. इस मौसम में नमी और ठंडक के कारण कई तरह की बीमारियां पशुओं को घेर सकती हैं. इन्हीं में से एक खतरनाक बीमारी है- ‘गला घोंटू’, जो खासकर गाय और भैंस जैसे दुधारू पशुओं में तेजी से फैलती है. अगर समय रहते इसका इलाज न किया जाए, तो यह जानलेवा साबित हो सकती है.

क्या है गला घोंटू बीमारी?

गला घोंटू एक गंभीर बैक्टीरियल बीमारी है, जो पशुओं के गले को प्रभावित करती है. इसमें पशुओं के गले में सूजन आ जाती है, जिससे उसकी सांस लेने में परेशानी होने लगती है. यह बीमारी भैंसों में ज्यादा असर डालती है, लेकिन गायें भी इससे अछूती नहीं रहतीं. पशु चिकित्सक के अनुसार, यह बीमारी इतनी घातक होती है कि अगर इलाज न मिले तो कुछ ही दिनों में पशु की मौत भी हो सकती है.

इस बीमारी को गला घोंटू क्यों कहते हैं?

इस बीमारी में जानवरों के गले से घर्र-घर्र जैसी अजीब आवाजें आने लगती हैं. इसकी वजह है गले में सूजन और बैक्टीरिया का तेजी से फैलना, जिससे गला बुरी तरह प्रभावित होता है. जानवर ठीक से सांस नहीं ले पाता, और ऐसा लगता है मानो उसका गला किसी ने घोंट दिया हो. इसी कारण इसे ‘गला घोंटू’ कहा जाता है.

गला घोंटू के लक्षण, कैसे करें पहचान?

यदि आपके जानवर में नीचे दिए गए लक्षण दिखें, तो तुरंत सतर्क हो जाएं:

  • जानवर खाना-पीना छोड़ देता है
  • शरीर का तापमान बढ़ने लगता है
  • कान नीचे लटक जाते हैं
  • गले में सूजन आ जाती है
  • गले से घर्र-घर्र की आवाज आने लगती है

ये सभी लक्षण इस बीमारी के साफ संकेत हैं. ऐसे में बिना समय गंवाए पशु चिकित्सक से संपर्क करें.

गला घोंटू से कैसे बचाएं अपने पशु?

गला घोंटू से बचाव का सबसे असरदार तरीका है टीकाकरण. बारिश के मौसम में इस बीमारी के फैलने की आशंका ज्यादा होती है, इसलिए समय पर वैक्सीनेशन करवाना बेहद जरूरी है.

सुल्तानपुर जिले में पशुपालन विभाग द्वारा बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है. 5 लाख 8 हजार पशुओं को टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें से अब तक करीब ढाई लाख पशुओं का टीकाकरण हो चुका है.

पशुओं की देखभाल के जरूरी उपाय

  • पशुओं को साफ और सूखी जगह पर रखें
  • बारिश के पानी से उन्हें बचाएं
  • हल्का गुनगुना पानी पिलाएं
  • चारे और पानी के बर्तन साफ रखें
  • बीमार पशु को अलग रखें और डॉक्टर से तुरंत सलाह लें

नजदीकी पशु अस्पताल से संपर्क करें

अगर आपके पशु में गला घोंटू के लक्षण दिखते हैं, तो बिना देर किए नजदीकी पशु चिकित्सालय में संपर्क करें. समय पर इलाज और टीकाकरण से इस बीमारी से बचा जा सकता है. गला घोंटू बीमारी बारिश के मौसम में पशुओं के लिए एक बड़ा खतरा बन सकती है, लेकिन थोड़ी सी सतर्कता और सही जानकारी से इससे बचाव संभव है. साफ-सफाई, समय पर टीकाकरण और पशु चिकित्सक की सलाह से आप अपने पशुओं को सुरक्षित रख सकते हैं.

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