Goat Pregnancy: बकरी गर्भवती नहीं हो रही है तो हो सकती है ये बड़ी वजह, ऐसे करें उपचार 

Goat Pregnancy: बकरी गर्भवती नहीं हो रही है तो हो सकती है ये बड़ी वजह, ऐसे करें उपचार 

Goat Pregnancy Issue बकरी एक ऐसा पशु है जो बीमार होने पर जरूरत के मुताबिक उस पेड़-पौधे की पत्तियों को खुद ही खा लेती है जो बीमारी में फायदा करेंगे. लेकिन फार्म में पाले जा रहे है बकरे-बकरियों को खुले में चरने का मौका नहीं मिलता है. ऐसे में समय-समय पर बकरे-बकरियों को चारे के रूप में नीम, अमरुद, जामुन, मोरिंगा खिलाकर कई तरह की बीमारियों को दूर किया जा सकता है. 

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Goat Pregnancy: बकरी गर्भवती नहीं हो रही है तो हो सकती है ये बड़ी वजह, ऐसे करें उपचार बकरी पालन

Goat Pregnancy Issue बकरी पालकों को कई बार बकरी के गर्भवती न होने जैसी परेशानी का लगातार सामना करना पड़ता है. बकरी हीट में आती है और उसे गाभि‍न भी कराया जाता है, लेकिन वो गर्भधारण नहीं करती है. इतना ही नहीं इस खास परेशानी के चलते दूध देने वाली बकरी का दूध उत्पादन भी कम हो जाता है. गोट एक्सपर्ट की मानें तो बकरी के पेट में अगर कीड़े हैं तो इस तरह की परेशानी का सामना करना पड़ता है. हालांकि बकरे-बकरी के पेट में कीड़े होना सुनने में बहुत ही मामूली सी बीमारी लगती है. 

लेकिन जब बकरी के पेट में कीड़े हो जाते हैं तो कई तरह की परेशानियां सामने आती हैं. कीड़े अगर बकरी के बच्चों के पेट में हो जाएं तो उनकी मौत तक हो जाती है. लेकिन बिना किसी मोटे खर्च के घर पर ही इस परेशानी का इलाज किया जा सकता है. खुद बकरे-बकरी के चारे में ही इसका इलाज है. 

अमरुद,नीम और मोरिंगा दिया तो नहीं होंगे कीड़े 

गोट फोडर एक्सपर्ट का कहना है कि अमरुद, नीम और मोरिंगा में टेनिन कांटेंट और प्रोटीन की मात्रा बहुत होती है. अगर वक्त पर हम तीनों पेड़-पौधे की पत्तियां बकरियों को खिलाते हैं तो उनके पेट में कीड़े नहीं होंगे. पेट में कीड़े होना बकरे और बकरियों में बहुत ही परेशान करने वाली बीमारी है. पेट में अगर कीड़े होंगे तो उसके चलते बकरे और बकरियों की ग्रोथ नहीं हो पाएगी. पशुपालक जितना भी बकरे और बकरियों को खिलाएगा वो उनके शरीर को नहीं लगेगा. खासतौर पर जो लोग बकरियों को फार्म में पालते हैं और स्टाल फीड कराते हैं उन्हें इस बात का खास ख्याल रखना होगा. 

पत्ते न मिलें तो इस दवाई का करें इस्तेमाल 

केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थांन (सीआईआरजी), मथुरा की सीनियर साइंटिस्ट नीतिका शर्मा की मानें तो फार्म में पलने वाले बकरे-बकरियों को खुले मैदान और जंगल में चरने का मौका नहीं मिलता है. नीम, अमरुद, जामुन, मोरिंगा आदि पेड़-पौधे की पत्तियां आपको आसपास नहीं मिल पाती हैं तो इसमे परेशान होने की बात नहीं है. सीआईआरजी ने इस चारे की दवाईयां भी बनाई हैं. बाजार में कई कंपनियां इन दवाईयों को बेच रही हैं. वहीं खुद सीआईआरजी में भी यह दवाई उचित दाम पर मिल जाती हैं.

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