UP News: यूपी में आवारा पशुओं (Stray Animals) की शिकायत लंबे समय से चली आ रही है. अब इससे छुटकारा मिलने जा रहा है. इसी कड़ी में आवारा या छुट्टा पशुओं से किसानों की फसलों को बचाने के लिए योगी सरकार (Yogi Government) ने एक मास्टर प्लान तैयार किया है. इसी कड़ी में उप्र पशुपालन विभाग ने एक खास कार्ययोजना तैयार करके काम कर रही है. उप्र पशुपालन विभाग के डायरेक्टर डॉ. अतुल कुमार जादौन ने किसान तक से खास बीतचीत में बताया कि अबतक 12 लाख 11 हजार आवारा पशुओं को संरक्षित किया जा चुका है. इसी के तहत आवारा पशुओं को लेकर 1 नवंबर से 31 दिसंबर तक पूरे प्रदेश में अभियान चलाया जाएगा. जिससे हम लोग सड़कों पर घूम रहे छुट्टा पशुओं को पकड़कर गोवंश स्थलों में संरक्षित किया जा सके.डॉ. अतुल कुमार जादौन ने आगे कहा कि पूरे प्रदेश में गोवंश योजना स्थलों का विस्तार किया जा रहा है. वहीं 700 से ज्यादा गोवंश स्थलों को अबतक चिन्हित किया गया है. उन्होंने कहा कि 600 नए गोवंश स्थल बनाए जा रहे है.
जहां 1500 गोवंश स्थल बनने के बाद करीब 2.5 लाख आवारा पशुओं को संरक्षित किया जा सकेगा. पशुपालन विभाग के डायरेक्टर ने बताया कि 136 निर्माणाधीन गोवंश स्थल पर तेजी से कार्य कराया जा रहा है. जिससे 31 दिसंबर तक हम सड़कों से आवारा पशुओं से मुक्त कराने का प्रयास करेंगे. उन्होंने पशुपालकों से अपील करते हुए कहा कि अपने गोवंशों को सड़कों पर न छोड़े, क्योंकि ये जानवर किसानों के खेतों में लगी फसलों को बर्बाद कर देते है, वहीं सड़क हादसों में कई रहगीरों की जान चली जाती है.
इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उच्च स्तरीय बैठक में अधिकारियों को निराश्रित गोवंश की सुरक्षा और देखभाल का उचित प्रबंधन सुनिश्चित करने के निर्देश दिये थे. इसके लिए उन्होंने अधिकारियों को प्रदेश में गो आश्रय स्थल बढ़ाने को कहा था.सीएम योगी ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को निराश्रित गोवंश को पहले से संचालित गो सरंक्षण केंद्रों तक पहुंचाने, उनके लिए हरे चारे की व्यवस्था सुनिश्चित करने और समय-समय पर स्वास्थ्य प्रशिक्षण के लिए निर्देश दिये हैं.
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साथ ही जिलाधिकारियों को इसे अपनी प्राथमिकता सूची में शामिल करते हुए आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करने के लिए भी कहा गया है. मालूम हो कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लगातार प्रदेश भर में सड़कों पर निराश्रित गोवंश की तादाद बढ़ने की शिकायतें मिल रही थीं. इस पर सीएम योगी ने पहले भी अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई थी, जिसके बाद काफी सुधार भी देखने को मिला है और अब योगी सरकार ने इस दिशा में और तेजी से कार्य करने के निर्देश दिये हैं, ताकि प्रदेश की सड़कों पर एक भी निराश्रित गोवंश न दिखे.
मामले में अपर मुख्य सचिव पशुधन डॉ. रजनीश दुबे ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप अधिक से अधिक निराश्रित गोवंश की गो आश्रय स्थलों पर रहने की उचित व्यवस्था की जा रही है. इसके तहत ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के टूटे हुए कैटल शेड की मरम्मत कराने के साथ खडंजा इंटरलॉकिंग की व्यवस्था की जा रही है. वहीं यहां काम करने वाले मजदूरों के मानदेय बढ़ाने पर भी विचार किया जा रहा है. साथ ही आश्रय स्थल से संबंधित सभी जानकारियों को पोर्टल पर अपडेट करने पर जोर दिया जा रहा है ताकि यह पता चल सके कि किस गो आश्रय स्थल पर कितने निराश्रित गोवंश को संरक्षित किया गया है और वहां पर और कितने गो वंश को संरक्षित किया जा सकता है.
वहीं,विधानसभा के मॉनसून सत्र में भी आवारा पशुओं का मुद्दा खूब गरमाया था. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की ओर से इस मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाया गया था. इस पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यूपी में अब अवैध बूचड़खाने नहीं हैं. हमने गोहत्या पर रोक लगाई है. पहले की सरकार में इसकी छूट थी. आवारा पशुओं की समस्या को दूर करने के लिए सरकार के स्तर पर कार्रवाई हो रही है. इस पर जिलों में काम चल रहा है.
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