Dog Dialysis in Gadvasu कुत्तों में किडनी की बीमारी बढ़ती जा रही है. इसकी बहुत सारी वजह हैं. इसमे कुछ गलती कुत्तों को पालने और उन्हें खाना खिलाने वालों की भी है. हालांकि गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी (गडवासु), लुधियाना कुत्तों को उनकी इस परेशानी में राहत पहुंचा रहा है. गंभीर बीमारी वाले कुत्तों की डायलिसिस की जा रही है. लेकिन अभी तक होता ये था कि सिर्फ 15 किलो वजन से ऊपर के कुत्तों की ही डायलिसिस की जाती थी. क्योंकि गडवासु में जिस तरह की डायलिसिस की मशीन है उससे छोटे और कम वजन के कुत्तों की डायलिसिस नहीं हो सकती थी.
लेकिन अब जल्द ही इस यूनिट को अपग्रेड कर यहां टॉय ब्रीड वाले छोटे पपी की भी डायलिसिस हो सकेगी. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर), दिल्ली ने इस काम के लिए गडवासु की डायलिसिस यूनिट को फंड दिया है. देश की दो ही सरकारी यूनिवर्सिटी में कुत्तों की डायलिसिस होती है.
गडवासु की डायलिसिस यूनिट से जुड़े डॉ. एसएस रंधावा ने किसान तक को बताया कि हमारे यहां ओपीडी में हर रोज छह से आठ कुत्ते किडनी की परेशानी लेकर आ रहे हैं. किसी को शुरुआती परेशानी होती है तो कोई गंभीर रूप से पीडि़त होता है. लेकिन मशीन की क्षमता और पीडि़त की संख्या को देखते हुए सभी की डायलिसिस करना मुमकिन नहीं है. लेकिन जो गंभीर रूप से बीमार होते हैं और जिन्हें तत्काल डायलिसिस की जरूरत होती है उन्हें वरीयता दी जाती है.
डॉ. रंधावा का कहना है कि अभी हमारी गडवासु यूनिट में जिस तरह की मशीन है उससे सिर्फ उन कुत्तों की डायलिसिस हो सकती है जिनका कि वजन 15 किलो से ऊपर है. लेकिन अब आईसीआर ने इस यूनिट को अपग्रेड करने के लिए 41 लाख रुपये दिए हैं. जल्द ही इस यूनिट में कम वजन वाले पपी जिन्हें टॉय ब्रीड कहा जाता है उनकी भी डायलिसिस की जा सकेगी. यूनिट अपग्रेड करने को लेकर प्लान बन चुका है. अब जल्द ही इस पर काम शुरू कर दिया जाएगा.
डॉ. रंधावा का कहना है कि किडनी की परेशानी बढ़ने की वजह कुत्तों का खानपान भी है. हो ये रहा है कि जो लोग घरों में कुत्तों को पालते हैं वो कुत्तों को वो सब भी खिलाते हैं जो खुद खा रहे हैं. जबकि ये तरीका गलत है. कुत्तों का खानपान और उनका खाना बनाने का तरीका एकदम अलग है. साथ ही कुत्तों को वो आइटम भी खिलाए जा रहे हैं जो उनके लिए मना है. हालांकि अभी रिसर्च होना बाकी है, लेकिन ऐसा लग रहा है कि कुत्तों में हाइपरटेंशन जैसी बीमारियां बढ़ने से किडनी फेल होने के केस सामने आ रहे हैं.
डॉ. एसएस रंधावा ने बताया कि देश में दो ही जगह ऐसी हैं जहां सरकारी खर्च पर कुत्तों की डायलिसिस होती है. एक यूनिट गडवासु में हमारे यहां है. वहीं दूसरी यूनिट तमिलनाडू में तनुवास यूनिवर्सिटी में है. हमारे यहां यूपी, उत्तराखंड, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और पंजाब भर से लोग आते हैं. लेकिन अब जल्द ही हिमाचल प्रदेश में भी डायलिसिस संबंधी काम शुरू हो सकता है.
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