Tree Fodder: बरसात और बाढ़ में बकरियों के लिए बीमारी लाता है फसली चारा, खाने में दें इन पेड़ों की पत्तियां 

Tree Fodder: बरसात और बाढ़ में बकरियों के लिए बीमारी लाता है फसली चारा, खाने में दें इन पेड़ों की पत्तियां 

Tree Fodder for Goat चारा एक्सपर्ट का कहना है कि बरसात और बाढ़ के चलते हरे चारे की परेशानी खासी बड़ी हो जाती है. एक तो हरा चारा सीधे नहीं खि‍ला सकते हैं और दूसरा ये कि साइलेज और हे के रूप में मौजूद हरा चारा खासा महंगा हो जाता है. छोटे पशुपालक जैसे आठ-दस बकरियां पालने वालों के लिए साइलेज और हे खरीदना मुश्किाल हो जाता है. 

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Tree Fodder: बरसात और बाढ़ में बकरियों के लिए बीमारी लाता है फसली चारा, खाने में दें इन पेड़ों की पत्तियां कई पेड़ों की हरी पत्त‍ियां बकरियों के लिए दवाई की तरह से हैं. फोटो क्रेडिट-किसान तक

Tree Fodder for Goat बरसात और बाढ़ के दौरान और उसके बाद पशुपालकों को जिस सबसे बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ता है वो हरे चारे की है. ऐसा नहीं है कि इस दौरान हरा चारा नहीं होता है, चारा तो बहुत होता है, लेकिन वो खि‍लाने लायक नहीं रहता है. हरे चारे में नमी बहुत ज्यादा हो जाती है. दूसरी ओर चारा दूषि‍त भी हो जाता है. नमी के चलते सीधे तौर पर हरा चारा बकरियों को नहीं खि‍ला सकते हैं. ऐसे वक्त में सबसे स्वच्छ रहता है पेड़ों का चारा. पेड़ों के हरे चारे में नमी भी ज्यादा नहीं होती है और कीटों के चलते दूषि‍त भी नहीं होता है. 

बाढ़-बरसात के दौरान पशुओं को खि‍लाने के लिए हरा चारा मिलना मुश्किडल हो जाता है. जो होता है उसे सीधे नहीं खि‍ला सकते हैं. लेकिन फसली चारे को छोड़कर पशुओं को पेड़ों की पत्ति‍यों का चारा खि‍लाया जा सकता है. खास बात ये है कि पेड़ से मिलने वाला हरा चारा पशुओं के लिए दवाई का काम भी करता है. फसली हरे चारे की तरह से बरसात के दौरान किसी भी तरह का कोई नुकसान भी नहीं पहुंचाता है. 

बाढ़-बरसात में किस पेड़ की पत्तियां दें खाने में 

चारा एक्सपर्ट डॉ. यूसी सिंह ने किसान तक को बताया कि बरसात के दौरान भेड़-बकरियों को पेड़ों की पत्ति‍यां खि‍लाना बहुत फायदेमंद रहता है. क्योंकि फसली हरे चारे के मुकाबले पेड़ों की पत्तिैयों में नमी की मात्रा कम होती है. जबकि फसली चारे में ज्यादा नमी के चलते ही पशु डायरिया जैसी बीमारी के शि‍कार हो जाते हैं. ऐसे में भेड़-बकरी पालक अमरुद, नीम और मोरिंगा की पत्तियां खि‍ला सकते हैं. ये बहुत ही फायदेमंद होती हैं. पेट भरने के साथ ही दवाई का काम भी करती हैं.

इसमे टेनिन कांटेंट और प्रोटीन की मात्रा खूब होती है. अगर बरसात के दौरान वक्त पर हम तीनों पेड़-पौधे की पत्तियां भेड़-बकरियों को खिलाते रहें तो उनके पेट में कीड़े नहीं होंगे. बरसात के दौरान दूषि‍त पानी पीने से भेड़-बकरियों के पेट में कीड़े होना आम बात है. ये बीमारी भेड़-बकरियों की ग्रोथ पर असर डालती है. अगर पेट में कीड़े हैं तो फिर आप भेड़-बकरियों को कितना भी खि‍ला लो वो उनके शरीर पर कोई असर नहीं डालेगा. जो लोग भेड़-बकरियों को फार्म में पालते हैं और स्टाल फीड कराते हैं उन्हें जरूर नीम संग अमरुद और मोरिंगा भेड़-बकरियों को खि‍लाना चाहिए. 

बकरियों को कैसे खि‍लाएं पेड़ों की पत्तियां  

डॉ. यूसी सिंह का कहना है कि बकरी जमीन पर पड़े चारे के मुकाबले डाल से तोड़कर खाना ज्यादा पसंद करती हैं. इस तरह से ये चारे को बड़े ही चाव से खाती हैं. डॉ यूसी सिंह का कहना है कि जब बकरी इस तरह से चारे को खाती है तो इससे उसकी ग्रोथ भी तेजी से होती है. अगर नीम, अमरुद और मोरिंगा आसानी से उपलब्ध नहीं हो तो भेड़-बकरियों को गूलर और अरडू आदि पेड़ की पत्तियां भी खिला सकते हैं. मोरिंगा का तो तना भी बकरियां बड़े आराम से खाती हैं.

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