भारत आज दूध उत्पादन के मामले में सिर्फ विश्व में पहले नंबर पर ही नहीं है, उत्पादन बढ़ने की दर भी 5 गुना है. विश्व में कुल दूध उत्पादन 2 फीसद की दर से बढ़ रहा है, जबकि भारत में ये दर 6 फीसद है. इतना ही नहीं प्रति व्यक्ति दूध के मामले में भी भारत पहले स्थान यानि 459 ग्राम पर है. ये कहना है केन्द्रीय पशुपालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन का. उनका कहना है कि बीते 9 साल में भारत ने ये कामयाबी हासिल की है.
और डेयरी में ये सब मुमकिन हुआ है संगठित क्षेत्र के चलते. इतना ही नहीं कुल सकल मूल्य वर्द्धन (GVA) में पशुधन का योगदान भी करीब 30 फीसद पर पहुंच गया है. दूध हो या फिर अंडा, मीट और चिकन सभी में तेजी के साथ बढ़ोतरी हो रही है. पोल्ट्री सेक्टर में भी भारत की रफ्तार 7 से 8 फीसद की है.
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मंत्री राजीव रंजन ने जानकारी देते हुए बताया कि अकेले डेयरी सेक्टर ऐसा है जो राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में एक बड़े नंबर के साथ अहम रोल निभा रहा है. आज देश में आठ करोड़ से ज्यादा किसान सीधे डेयरी सेक्टर से जुडकर रोजगार पा रहे हैं. भारत आज विश्व के दूध उत्पादन में 24 फीसद का योगदान देता है. बीते 10 साल में देश में दूध उत्पादन करीब 52 फीसद बढ़ गया है. साल 2014-15 के दौरान दूध का उत्पादन 146.3 मिलियन टन था जो साल 2022-23 में बढ़कर 231 मिलियन टन हो चुका है. खुशी की बात ये हैं कि विश्व में जहां 2 फीसद की रेट से दूध का उत्पादन बढ़ रहा है, वहीं भारत में ये रफ्तार 6 फीसद है. साल 2021-22 में प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता 444 ग्राम प्रति दिन पर पहुंच चुकी थी. वहीं साल 2022-23 में ये आंकड़ा 459 ग्राम प्रति दिन था.
राजीव रंजन ने जानकारी देते हुए बताया कि अंडा और मीट उत्पादन के बारे में बताया कि डेटा के मुताबिक भारत विश्व अंडा उत्पादन में दूसरे और मीट उत्पादन में आठवें स्थान पर है. देश में अंडा उत्पादन 2014-15 में 7.8 हजार करोड़ से बढ़कर साल 2022-23 में 14 हजार करोड़ अंडों पर पहुंच गया है. देश में अंडे का उत्पादन हर साल आठ फीसद की दर से बढ़ रहा है. 2021-22 में अंडे की प्रति व्यक्ति उपलब्धता 95 अंडे प्रति वर्ष थी, जबकि 2022-23 में 101 अंडे हो चुकी है. वहीं देश में मीट का उत्पादन 2014-15 में 61 लाख टन से बढ़कर साल 2022-23 में करीब एक करोड़ टन पर पहुंच गया है.
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