Tree Fodder: ये पांच पत्ते खि‍लाए तो बरसात में बकरियां नहीं होंगी बीमार, पढ़ें डिटेल 

Tree Fodder: ये पांच पत्ते खि‍लाए तो बरसात में बकरियां नहीं होंगी बीमार, पढ़ें डिटेल 

Tree Fodder for Goat आप बकरे और बकरियों को फार्म में पालते हैं. उन्हें खुले मैदान और जंगल में चरने का मौका नहीं मिल पाता है. नीम, अमरुद, जामुन, मोरिंगा, नीम गिलोय आदि पेड़-पौधे की पत्तियां आपको आसपास नहीं मिल पाती हैं तो इसमे परेशान होने की बात नहीं है. केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान (सीआईआरजी), मथुरा ने इस चारे की दवाईयां भी बनाई हैं. 

Advertisement
Tree Fodder: ये पांच पत्ते खि‍लाए तो बरसात में बकरियां नहीं होंगी बीमार, पढ़ें डिटेल Moringa Cultivation (Photo/Meta AI)

Tree Fodder for Goat भेड़-बकरियों के हरे चारे में ही उनकी कई बीमारियों का इलाज भी छिपा है. यही वजह है कि खासतौर पर बरसात के दिनों में कुछ खास पेड़ों की पत्तिियां भेड़-बकरियों को खि‍लाने की सलाह दी जाती है. क्योंकि ये उन पेड़-पौधों की पत्तिेयां हैं जिसमे दवाईयों के गुण के शामिल हैं. ऐसे पौधों की पत्तियां खिलाने के बाद बकरियों को कई तरह की बीमारियों से दूर रखा जा सकता है. इतना ही नहीं इन्हें बेचकर पशुपालक एक्सट्रा इनकम भी कर रहे हैं. फोडर एक्सपर्ट की मानें तो जब बकरी खुद से खेत या जंगल में चर रही होती है तो बीमार होने पर जरूरत के मुताबिक खुद ही उस पेड़-पौधे की पत्तियों को खा लेती हैं. लेकिन फार्म में पलने वाले बकरे और बकरियों को खुले में चरने का मौका नहीं मिल पाता है. 

ऐसे में उन्हें समय-समय पर चारे के रूप में दवाईयों के गुण वाले चारे की जरूरत होती है. केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान (सीआईआरजी) के साइंटिस्ट का कहना है कि खासतौर पर बरसात के मौसम में हरा चारा ज्यादा खाने के चलते और दूषित पानी पीने के चलते बकरियों को डायरिया समेत कई तरह की बीमारी हो जाती हैं. ऐसे वक्त में ये सभी पांच तरह के पेड़-पौधों की हरी पत्तिरयां बकरियों के पेट को ठीक रखती हैं. 

रोजाना खुराक में शामिल करें पांच तरह की पत्तियां 

गोट और फोडर एक्सपर्ट की मानें तो अमरुद, नीम और मोरिंगा में टेनिन कांटेंट और प्रोटीन की मात्रा बहुत होती है. अगर वक्त पर हम तीनों पेड़-पौधे की पत्तियां बकरियों को खिलाते हैं तो उनके पेट में कीड़े नहीं होंगे. पेट में कीड़े होना बकरे और बकरियों में बहुत ही परेशान करने वाली बीमारी है. पेट में अगर कीड़े होंगे तो उसके चलते बकरे और बकरियों की ग्रोथ नहीं हो पाएगी. पशुपालक जितना भी बकरे और बकरियों को खिलाएगा वो उनके शरीर को नहीं लगेगा. खासतौर पर बरसात के दिनों में यहां-वहां जमा गंदी पानी पीने और दूषि‍त चारा खाने से बकरे-बकरियों को ये परेशानी होती है. खासतौर पर जो लोग बकरियों को फार्म में पालते हैं और स्टाल फीड कराते हैं उन्हें इन पांच पत्तिकयों को जरूर खि‍लाना चाहिए. 

बकरी के बच्चों के लिए रामबाण है नीम गिलोय 

फोडर एक्सपर्ट का कहना है कि अगर हम खुले मैदान में या फिर किसी जंगल में जाएं तो हमे नीम गिलोय दिख जाएगा. यह नीम के पेड़ पर ही पाया जाता है. शायद इसीलिए इसे नीम गिलोय भी कहा जाता है. स्वाद में यह कड़वा होता है. अगर हम नीम गिलोय की पत्तियां बकरी के बच्चों को खिलाएं तो उनके शरीर में बीमारियों से लड़ने की ताकत आ जाएगी. यह बच्चे जल्द ही बीमार भी नहीं पड़ेंगे. जिसके चलते पशुपालक बकरियों की मृत्य दर को कम कर सकेंगे. यह हम सभी जानते हैं कि बकरी पालन में सबसे ज्यादा नुकसान बकरी के बच्चों की मृत्य दर से ही होता है. बरसात के मौसम में खासतौर पर संक्रमण रोग बहुत होते हैं. नीम गिलोय इसी तरह की बीमारियों से लड़ने में ताकत देता है. 

ये भी पढ़ें- Fish Farming: कोयले की बंद खदानों में इस तकनीक से मछली पालन कर कमा रहे लाखों रुपये महीना 

ये भी पढ़ें- Cage Fisheries: 61 साल बाद 56 गांव अपनी जमीन पर कर रहे मछली पालन, जानें वजह

POST A COMMENT