Demand of Poultry: पोल्ट्री फेडरेशन ऑफ इंडिया ने हरियाणा के सीएम के सामने रखीं तीन‍ डिमांड, पढ़ें डिटेल 

Demand of Poultry: पोल्ट्री फेडरेशन ऑफ इंडिया ने हरियाणा के सीएम के सामने रखीं तीन‍ डिमांड, पढ़ें डिटेल 

Demand of Haryana Poultry हरियाणा में पोल्ट्री सेक्टर हर रोज नई ऊंचाईयों को छू रहा है. पोल्ट्री फेडरेशन ऑफ इंडिया (PFI) के मुताबिक हरियाणा में इस वक्त करीब चार करोड़ अंडे देने वाली मुर्गियां हैं, वहीं हर साल चिकन के लिए करीब 36 करोड़ मुर्गे तैयार किए जाते हैं. इसे और बढ़ाने के लिए ही पीएफआई ने हरियाणा सरकार के सामने अपनी कुछ डिमांड रखी हैं. 

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Demand of Haryana Poultry इंडियन पोल्ट्री सेक्टर में हरियाणा का बड़ा योगदान है. आज बड़े पैमाने पर हरियाणा में अंडे और चिकन के लिए पोल्ट्री फार्मिंग हो रही है. देश के कुल पोल्ट्री प्रोडक्ट में हरियाणा की एक बड़ी हिस्सेदारी है. बावजूद इसके हरियाणा के पोल्ट्री फार्मर कुछ परेशानियों से जूझ रहे हैं. इसी के संबंध में पोल्ट्री फेडरेशन ऑफ इंडिया (PFI) ने हरियाणा के सीएम के सामने अपनी खास तीन बड़ी डिमांड रखी हैं. पीएफआई का कहना है कि हरियाणा में पोल्ट्री क्षेत्र की शुरुआत 40-45 साल पहले छोटी-छोटी कोशि‍शों से हुई थी. आज हरियाणा पोल्ट्री के अलग-अलग हिस्सों में आठ फीसद से लेकर 25 फीसद तक की हिस्सेदारी निभा रहा है. 

यही वजह है कि आज हरियाणा में 300 ब्रीडर फार्मर, 1100 लेयर फार्मर,, 4000 ब्रायलर फार्मर समेत कुल 5500 पोल्ट्री फार्मर्स हैं. जहां करीब 60 हजार से ज्यादा लोग प्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए हैं. इसके साथ ही हरियाणा में 100 से अधिक फीड मिल्स भी हैं जहां सात से आठ हजार लोग काम करते हैं. इस तरह हरियाणा में 65 से 70 हजार लोग प्रत्यक्ष और करीब 2.5 लाख लोग अप्रत्यक्ष रूप से पोल्ट्री से जुड़े हुए हैं. इतना ही नहीं पोल्ट्री सेक्टर हर साल आठ से 10 फीसद की दर से बढ़ोतरी दर्ज करा रहा है.  

खत्म हो मक्का पर मार्केट फीस 

पीएफआई के प्रेसिडेंट रनपाल ढांढा ने बताया कि हमने सीएम के सामने पोल्ट्री फीड में शामिल मक्का का मुद्दा भी उठाया है. मक्का फीड में अहम रोल निभाती है. इसके बिना फीड बनाना मुमकिन नहीं है. लेकिन पोल्ट्री समेत पशुपालन में मक्का की डिमांड पूरी करने के लिए बिहार से मंगाई जाती है. बिहार में मक्का पर किसी तरह की मार्केट फीस नहीं लगाई जाती. लेकिन जैसे ही मक्का की गाड़ी हरियाणा में दाखि‍ल होती है तो उस पर एक फीसद की मार्केट फीस लगाई जाती है. मक्का पर फीस का ये सिस्टम करीब 25-30 साल से पहले लागू किया गया था जब साबुत मक्का की ट्रेडिंग की जाती थी. लेकिन आज मक्का का इस्तेमाल पोल्ट्री फीड में हो रहा है, फिर भी अफसर इस पर फीस वसूल रहे हैं. इसी तरह लेअर कर्ल बर्ड पर भी फीस वसूली जा रही है. 

पॉल्यूशन रजिस्ट्रेशन से हो रहा उत्पीड़न 

रनपाल ढांढा का कहना है कि पोल्ट्री फार्म में मुर्गे-मुर्गियों को जिंदा रखने और अच्छा-ज्यादा उत्पादन लेने के लिए जरूरी है कि अच्छी तरह से साफ-सफाई रखी जाए. और लाखों-करोड़ों रुपये वाले फार्म में ऐसा किया भी जाता है. बावजूद इसके पॉल्यूशन रजिस्ट्रेशन के नाम पर पोल्ट्री फार्मर का उत्पीड़न हो रहा है. 

हरियाणा में हो पोल्ट्री डेवलपमेंट काउंसिल की स्थापना 

रनपाल ढांढा ने हरियाणा सरकार से एक बड़ी डिमांड करते हुए कहा कि हरियाणा में पोल्ट्री सेक्टर को संगठित, सुदृढ़ और दीर्घकालिक बनाने के लिए राज्य स्तर पर एक 'पोल्ट्री डेवलपमेंट काउंसिल" बनाया जाए. इस काउंसिल का अध्यक्ष राज्य के मुख्य सचिव को बनाया जाए. इसमें पोल्ट्री क्षेत्र से जुड़ी प्रमुख संस्थाएं और संगठन जैसे, पोल्ट्री फेडरेशन ऑफ इंडिया, ब्रॉयलर ब्रीडर एसोसिएशन नॉर्थ और नॉर्थ इंडिया ब्रॉयलर प्रोडयूसर एसोसिएशन के साथ ही हरियाणा के सक्रिय और अनुभवी पोल्ट्री किसान प्रतिनिधियों को भी जगह दी जाए.

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