Shrimp Pond: तालाब के पानी का 32 डिग्री तापमान होते ही बदल दें झींगा की खुराक, पढ़ें डिटेल  

Shrimp Pond: तालाब के पानी का 32 डिग्री तापमान होते ही बदल दें झींगा की खुराक, पढ़ें डिटेल  

Shrimp Pond Water क्योंकि जैसे ही तापमान चढ़ता है तो तालाब का पानी गर्म होने लगता है और उसमे आक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है. यही वजह है कि आक्सीजन कम होते ही झींगा की तालाब में मौत होने लगती है. खासतौर पर उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में तापमान 32 डिग्री को भी पार कर जाता है. 

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Shrimp Pond: तालाब के पानी का 32 डिग्री तापमान होते ही बदल दें झींगा की खुराक, पढ़ें डिटेल  झींगा तालाब का प्रतीकात्मक फोटो.

Shrimp Pond Water गर्मी सिर्फ इंसानों और पशु-पक्षि‍यों को ही परेशान नहीं करती है. 24 घंटे पानी में रहनी वाली मछलियों और झींगा को भी गर्मी लगती है. चढ़ता हुआ तापमान उन्हें भी परेशान करता है. इसीलिए खासतौर से झींगा के बारे में ये सलाह दी जाती है कि जैसे ही तालाब के पानी का तापमान 32 डिग्री से ऊपर जाने लगे तो फौरन ही झींगा की रोजाना की खुराक को बदल दें. क्योंकि मछली हो या झींगा, दोनों के लिए पानी का तापमान तय है. तालाब का पानी अगर तय तापमान से ज्यादा या कम होता है तो फिर तालाब में मछलियां और झींगा मरने लगता है. 

इसी के चलते झींगा को गर्मी और लू से बचाने के लिए किसानों को कई टिप्स दिए जा रहे हैं. तालाब के पानी और झींगा को दिए जाने वाले फीड से लेकर रखरखाव के बारे में एडवाइजरी जारी की जा रही है. खासतौर से तालाब के पानी का तापमान, पानी का स्तर, तालाब की सफाई आदि पर ध्यान देने के लिए ज्यादा जोर दिया जा रहा है.  

तापमान चढ़ते ही तालाब में होता है ये नुकसान 

झींगा एक्सपर्ट की मानें तो भारत में ज्यादातर विदेशी झींगा का पालन किया जाता है. इस झींगा को 26 से 31 डिग्री तापमान वाले पानी की जरूरत होती है. लेकिन अभी तेज गर्म हवाएं चलने के साथ ही तापमान भी बढ़ रहा है. यह झींगा के लिए बहुत ही खतरनाक है. यही वजह है कि पंजाब और राजस्थान में गर्मी और लू के चलते झींगा मर रहा है. तालाब में फाइटो क्लाइंजम (अल्गी) लगी होती है. पानी के अंदर इसी से झींगा को मुख्य रूप से ऑक्सीजन मिलती है. लेकिन तेज गर्मी और गर्म पानी के चलते यह मुरझा जाती है. बिजली बहुत महंगी है तो मछली पालक पंखे और इरेटर बहुत कम चलाते हैं. 

तापमान बढ़ने लगे तो तालाब में करें ये काम  

एक्सपर्ट का कहना है कि मौसम को देखते हुए तालाब के पानी को ठंडा रखने के लिए खासतौर पर दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक पंखे और इरेटर चलाएं. गर्मियों में सूखा खाने को न दें. एक लीटर मीठे फ्रेश पानी में 100 ग्राम गुड़ घोलकर, दो से तीन ग्राम विटामिन सी घोलकर दें. ग्लूकोज पाउडर भी खोलकर पिलाया जा सकता है. झींगा को दी जाने वाली दोपहर की खुराक एकदम कम कर दें. 10 फीसद से ज्यादा खाने को न दें. सुबह-शाम और रात 30-30 फीसद तक खाने को दें. तालाब के पानी की हाईट बढ़ा दें. अगर तालाब में 3.5 फुट पानी है तो उसे पांच से 5.5 फुट कर दें. क्योंकि ऊपर का पानी गर्म भी हो जाएगा तो 3.5 फुट पानी की सतह सामान्य बनी रहेगी.  

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