सफल पशुपालन और सफल डेयरी फार्मिंग के लिए इन दो चीजों का होना बहुत जरूरी है. एक तो पशुओं का बेहतर स्वास्थ्य और दूसरा अच्छी मात्रा में दूध का उत्पादन. इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पशुओं के रख-रखाव, साफ-सफाई, खान-पान, स्वास्थ्य और सैर-सपाटे पर बहुत ध्यान देने की जरूरत होती है. इसके लिए कई लोग जानवरों को इंजेक्शन और दवाइयां भी देते हैं, जो जानवरों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं. ऐसे में पशुचिकित्सक भी स्थानीय और घरेलू नुस्खे अपनाने की सलाह देते हैं, जो जानवरों के लिए पूरी तरह से सुरक्षित हैं और पशुपालकों को उन पर कोई अतिरिक्त पैसा खर्च करने की जरूरत नहीं है. ऐसे में आइए जानते हैं दुधारू पशुओं को क्या खिलाने से बढ़ जाएगी दूध.
दूध देने वाले पशुओं के आहार में दालों और बिना दालों का मिश्रण शामिल होना चाहिए. पांच लीटर तक दूध देने वाले पशुओं को केवल अच्छी गुणवत्ता वाले हरे चारे खिलाकर अच्छा दूध प्राप्त किया जा सकता है. पांच लीटर से अधिक दूध देने वाले पशुओं के लिए 2.0 या 2.50 लीटर दूध पर 1 किग्रा. अधिक अनाज देना चाहिए. अगर अनाज में एक भाग खली, एक भाग अनाज और एक भाग चोकर हो तो वह संतुलित और सस्ता रहता है. अनाज में 2 प्रतिशत खनिज लवण और 1 प्रतिशत नमक का होना बहुत जरूरी है. बरसीम तथा अन्य फलीदार चारे को भूसे के साथ मिला देना चाहिए. इससे पशुओं में अव्यवस्था की समस्या नहीं होती. पशुओं को दाना और चारा मिलाकर खिलाना चाहिए या यूं कहें कि इसकी प्यूरी बनाकर भी खिला सकते हैं. प्यूरी बनाने से पहले इस बात का ध्यान रखें कि चारे को टुकड़ों में काट लें, नहीं तो पशु अपनी पसंद का हिस्सा चुनकर खा लेता है और मोटे या अधिक रेशेदार टुकड़े छोड़ देते हैं.
जो गाय या भैंस दूध नहीं दे रही है उन्हें कम आहार की आवश्यकता होती है. इस अवस्था में 6-8 घंटे चरने पर इनकी अधिकतम आवश्यकता की पूर्ति हो जाती है. अगर चारागाह अच्छा नहीं है तो सूखे चारे के साथ 1-1.50 कि.ग्रा. दाना मिलाकर रोज पशुओं को देना चाहिए. इस प्रकार के पशु को यूरिया उपचारित भूसा खिलाने से दानों की बचत की जा सकती है.
पशुओं को केवल हरा चारा खिलाने से दूध उत्पादन नहीं बढ़ेगा, इसलिए हरे चारे या सूखे चारे के साथ-साथ खनिज और कैल्शियम की भी आपूर्ति करें. इसके लिए पशु विशेषज्ञों से सलाह लेकर पशुओं को चारे के साथ प्रो पाउडर, मिल्क बूस्टर, मिल्कगेन आदि खिला सकते हैं.
संतुलित आहार से ही पशुओं के स्वास्थ्य और दूध उत्पादन में सुधार हो सकता है. इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पशु को प्रतिदिन 20 किलो आहार देना आवश्यक है. पशुओं को हरा चारा, 4 से 5 किलो सूखा चारा और 2 से 3 किलो अनाज व दालें मिलाकर खिलाएं.
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