अगर आपके पशु बाड़े में गाय हैं तो अलर्ट हो जाएं. गायों पर पैनी नजर रखना शुरू कर दें. खासतौर पर गाय के खानपान पर ध्यान दें कि वो ठीक से जरूरत के मुताबिक पूरा चारा खा रही है या नहीं. पास जाकर एक-दो दिन में एक बार उसके शरीर पर नजर जरूर डालें. क्योंकि जैसे-जैसे गर्मी तेज होगी और बरसात के मौसम के नजदीक आते ही नमी बढ़ने लगेगी तो ये गाय के लिए जानलेवा साबित हो सकता है. क्योंकि यही वो वक्त है जब गायों पर थिलेरियोसिस बीमारी अटैक करती है.
ये इतनी खतरनाक बीमारी है कि अगर वक्त रहते ध्यान नहीं दिया और गाय को इलाज नहीं मिला तो 15 से 20 दिन में गाय की मौत भी हो सकती है. इस बीमारी के चलते गाय का दूध उत्पादन और उसकी ग्रोथ दोनों पर ही असर पड़ता है. लेकिन, अगर पशुपालक गाय में दिखने वाले सात लक्षणों पर नजर रखता है तो थिलेरियोसिस का इलाज वक्त रहते शुरू कर उस पर काबू पाया जा सकता है.
एनिमल एक्सपर्ट का कहना है कि थिलेरियोसिस बीमारी सबसे ज्यादा विदेशी और संकर नस्ल की गायों में होती है. ये बीमारी चिलेरिया एनुलेटा नाम के प्रोटोजोआ से होती है. ये एक खास किलनी हायलोमा एनुटोलिकम के काटने से होता है. जब कोई किलनी किसी पीडि़त पशु का खून चूसती है तो ये परजीवी किलनी के शरीर में आ जाते हैं और इनकी संख्या बढ़ने लगती है. और जब यही किलनी किसी हेल्दी पशु का खून चूसती है तो लार के माध्यम से यह परजीवी उस पशु के खून में चले जाते हैं और हेल्दी पशु भी थिलेरियोसिस की चपेट में आ जाता है.
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