मौजूदा समय में ग्रामीण इलाकों में बकरी और भेड़ पालन एक लाभकारी बिजनेस के रूप में उभरा है. वर्तमान में लघु और सीमांत खेती करने वाले किसान बकरी और भेड़ पालन करके अपनी आय बढ़ा रहे हैं. इस बिजनेस की खास बात ये है कि इसमें कम निवेश पर अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है. दरअसल बकरी और भेड़ों के दूध और मांस की मांग बाजार में अधिक रहती है. वहीं बकरी के दूध कई प्रकार की बीमारियों को दूर करने में भी सहायक होती है. इसे देखते हुए बकरी पालन लाभ का सौदा साबित हो रहा है.
यदि आप बकरी और भेड़ पालन करते हैं या करना चाहते हैं तो आपको स्वास्थ्य सुरक्षा संबंधी जानकारी होना जरूरी है. इसके लिए आपको मवेशियों, बकरियों और भेड़ों में होने वाले रोग और उनके बचाव के उपाय भी पता होने चाहिए ताकि आपको इस बिजनेस से अधिक लाभ मिल सके. इसके अलावा ये जानकारी भी होनी चाहिए कि मवेशियों और भेड़-बकरियों को कब टीका लगवाना चाहिए. यहां देखिए पूरी लिस्ट.
अगर आप पशुपालक हैं तो आपको अपने पशुओं को टीका लगवाना चाहिए क्योंकि आजकल सभी बीमारियों का टीका बाजार में सस्ते दामों पर मिल जाता है. एक बार टीकाकरण कराकर किसान और पशुपालक साल भर के लिए निजात पा सकते हैं. इसके अलावा किसान ये भी जान लें कि पशुओं को जून महीने से पहले टीकाकरण करवा देना चाहिए क्योंकि बरसात के दिनों में मवेशियों में बीमारियो के फैलने का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में पशुपालकों को दुधारू पशु जो तीन माह से बड़ी हो उसका टीकाकरण करवा सकते हैं. वहीं अधिक गर्मी के दिनों में 6 महीने से बड़े पशुओं को टीका नहीं लगाना चाहिए.
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पशुओं को लगाने के लिए रक्षा ट्रायोवैक 3 मिलीलीटर प्रति पशु करवाना चाहिए. ये टीका तीन मुख्य बीमारी खुरपका, मुंहपका और गलघोटू बीमारी के लिए बेहतर है. इसके अलावा रक्षा वाइयोवैक भी इन बीमारियों के लिए फायदेमंद दवा है. वहीं इन सारी दवाओं को आप 20 रुपये प्रति पशु के लागत पर लगवा सकते हैं.
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