पशुपालन का काम तो पुराने समय से ही किया जाता रहा है लेकिन इसमें लाभ की बढ़ती संभावनाओं को देखते हुए नए-नए लोग भी जुड़ गए हैं. अधिकांश लोग दुधारू पशु पालकर डेयरी फार्मिंग करने लगे हैं. दूध के लिए पशु पालन करने वाले लोग हमेशा अपने पशुओं से खूब दूध चाहते हैं. कुछ लोगों की शिकायत है कि कई बार उनकी गाय-भैंस मन मुताबिक दूध नहीं देती हैं. आपको बता दें कि पशुओं से अधिक दूध पाने के लिए कुछ खास बातों का ध्यान रखना होता है तभी आपको फायदा होगा. आज 4 जरूरी बातों के बारे में चर्चा करेंगे जो दूध दुहते समय हर किसी को जेहन में रखना चाहिए.
वैसे तो पशुपालन के कई विकल्प होते हैं लेकिन ज्यादातर लोग दुधारू पशुओं से जुड़ रहे हैं. दूध के लिए पशु पालने वाले लोगों को अपनी गाय और भैंस से कम दूध मिल रहा है तो उन्हें दुहने के समय कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना होगा.
कुछ पशुपालक अपने पशुओं को कभी भी दुह देते हैं जो कि गलत है. पशुओं को दुहने का सही समय जानना होगा. बच्चा देने के 1 महीने तक गाय-भैंस को सुबह-दोपहर और शाम में दुहें लेकिन एक महीने के बाद सुबह-शाम दो बार दुहें. हमेशा सूरज निकलने के पहले दूध दुह लें उन दिनों दूध देने वाली थनों की ग्रंथि अधिक सक्रिय रहती है.
आपको जानकर हैरानी हो सकती है लेकिन पशुओं को दूध दुहने का एक सही स्थान भी बहुत मायने रखता है. आपको बता दें कि गाय-भैंस शर्मीली स्वभाव की होती हैं. उन्हें हमेशा एकांत में दुहें इससे वे अधिक दूध देती हैं. इसके अलावा पशुओं को दुहने के लिए ऐसी जगह चुनें जहां पर किसी तरह का शोरगुल नहीं होना चाहिए.
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दूध दुहने का सही तरीका नहीं जान पाएंगे तो आप पशुओं से मनमुताबिक दूध नहीं पा सकते हैं. जब भी दूध दुहने जाएं तो पहले 20-40 सेकंड बछड़े को थन से लगा दें ताकि गाय-भैंस की दूध देने की उत्तेजना बढ़ जाए. पशुओं का दूध मुट्ठी से निकाले. हाथ में कोई घाव नहीं होना चाहिए, हथेलियों पर घी रगड़ लें ताकि चिकनाहट बनी रहे, आपके छूने से पशुओं को असुविधा नहीं होनी चाहिए.
अधिकांश लोग ये बात जरूर जानना चाहेंगे कि आखिर 7-8 मिनट के भीतर क्यों पूरा दूध दुह लेने की सलाह दी जाती है? आपको बता दें कि जब आप पशु दुहने के लिए जाते हैं तो उनकी दूध देने वाली ग्रंथियों में एक विशेष हार्मोन एक्टिव हो जाते हैं. ये हार्मोंस 7-8 मिनट तक ही सक्रिय रहते हैं इसलिए इतनी देर में ही पूरा दूध निकाल लेना चाहिए.
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