Goat Farming Tips: आखिर क्यों घाटे में चले जाते हैं बकरी पालक? ये गलती नहीं छोड़ी तो कभी फायदा नहीं होगा

Goat Farming Tips: आखिर क्यों घाटे में चले जाते हैं बकरी पालक? ये गलती नहीं छोड़ी तो कभी फायदा नहीं होगा

आजकल पशुपालन करने वाले लोग हमेशा दोहरे फायदे वाले पशु पालना चाहते हैं. ऐसे में बकरी पालन अच्छा ऑप्शन होता है. कुछ पशुपालकों की शिकायत है कि वे घाटे में चले जाते हैं. आइए जान लेते हैं कि बकरी पालन करने वालों को कौन सी गलतियां नहीं करनी चाहिए.

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आखिर क्यों घाटे में चले जाते हैं बकरी पालक? ये गलती नहीं छोड़ी तो कभी फायदा नहीं होगाबकरी पालकों को नहीं करनी चाहिए ये गलतियां

हमारे देश में बड़े पैमाने में पशुपालन किया जाने लगा है. पशुपालन करने वाले लोग हमेशा दोहरा लाभ देने वाले पशु पालना पसंद करते हैं. दोहरे मुनाफे वाले पशुओं में बकरियां खास हैं, बकरी पालकर आप दूध और मीट दो तरीके से लाभ उठा सकते हैं. एक तरफ जहां बकरी पालन के लिए कई सरकारी योजनाएं चला कर कुछ लोग अच्छा पैसा कमा रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर कुछ ऐसे भी पशुपालक हैं जिन्हें बकरी पालन में नुकसान उठाना पड़ा है. बकरी पालन के दौरान अगर बेसिक बातों पर ध्यान नहीं देंगे तो नुकसान उठाना पड़ेगा. इस खबर में आपके फायदे की बात बताने जा रहे हैं. 

इस वजह से होता है घाटा

बकरी पालन करके अधिक कमाई के लिए हमें कुछ बेसिक गलतियां नहीं करनी चाहिए. हमें क्या करना है ये जानने के साथ ही ये भी जानना जरूरी होता है कि हमें क्या नहीं करना है. इस खबर में हम बताने जा रहे हैं कि किन गलतियों से पशुपालकों को घाटा होता है, और वो गलती आपको नहीं करनी है. 

गलत समय में ना करें बकरी पालन

बकरी पालन करने का समय क्या है ये बात बहुत ज्यादा मायने रखती है. सर्दी और बरसात का मौसम बकरी पालने के लिए उपयुक्त नहीं माना जाता है. आप बकरी पालन करना चाहते हैं तो फरवरी के आखिर से अप्रैल के पहले हफ्ते तक पाल सकते हैं. 

बाड़े में ना करें ये गलतियां

बकरियां बहुत जल्दी बीमार पड़ जाती हैं, क्योंकि इनकी इम्यूनिटी थोड़ा कम होती है. बीमार बकरियों के मौत की भी बहुत ज्यादा गुंजाइश रहती है. इनको संक्रमण से बचाने के लिए इनके बाड़े में किसी तरह की गंदगी ना करें. मल-मूत्र की तत्काल सफाई बहुत जरूरी है. 

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चराने में ना करें गलती

बकरियां चंचल स्वभाव की होती हैं. एक जगह बंधे रहने से ज्यादा बाहर चरना पसंद करती हैं. अगर आप बकरियों को बाहर चराने ले जाते हैं तो ध्यान दें कि वो कोई भी चारा या कोई भी पत्तियां ना खाएं, कभी बार कुछ पत्तियां उनके पाचन को कमजोर कर सकती हैं जिससे वे बीमार पड़ सकती हैं. 

इन बातों का रखें खास ध्यान 

बकरी पालन करने वाले लोगों को बेसिक गलतियां छोड़ने के बाद उनके खान-पान में विशेष ध्यान रखने की जरूरत है. बकरियों को चारा, भूसा के साथ रोजाना कम से कम 200 ग्राम अनाज दलिया या चूनी के रूप में जरूर देना चाहिए. बकरियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए नीम और गिलोय की पत्तियां खिलाएं. बकरियों को पिलाने वाला पानी हमेशा साफ और ताजा होना चाहिए. गंदा या बासी पानी देने से वे बीमार पड़ सकती हैं. जिस जगह पर बकरियों को बांध रहे हैं वहां किसी तरह का पानी या ठंडा हवा नहीं आनी चाहिए.

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