हमारे देश में बड़े पैमाने में पशुपालन किया जाने लगा है. पशुपालन करने वाले लोग हमेशा दोहरा लाभ देने वाले पशु पालना पसंद करते हैं. दोहरे मुनाफे वाले पशुओं में बकरियां खास हैं, बकरी पालकर आप दूध और मीट दो तरीके से लाभ उठा सकते हैं. एक तरफ जहां बकरी पालन के लिए कई सरकारी योजनाएं चला कर कुछ लोग अच्छा पैसा कमा रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर कुछ ऐसे भी पशुपालक हैं जिन्हें बकरी पालन में नुकसान उठाना पड़ा है. बकरी पालन के दौरान अगर बेसिक बातों पर ध्यान नहीं देंगे तो नुकसान उठाना पड़ेगा. इस खबर में आपके फायदे की बात बताने जा रहे हैं.
बकरी पालन करके अधिक कमाई के लिए हमें कुछ बेसिक गलतियां नहीं करनी चाहिए. हमें क्या करना है ये जानने के साथ ही ये भी जानना जरूरी होता है कि हमें क्या नहीं करना है. इस खबर में हम बताने जा रहे हैं कि किन गलतियों से पशुपालकों को घाटा होता है, और वो गलती आपको नहीं करनी है.
बकरी पालन करने का समय क्या है ये बात बहुत ज्यादा मायने रखती है. सर्दी और बरसात का मौसम बकरी पालने के लिए उपयुक्त नहीं माना जाता है. आप बकरी पालन करना चाहते हैं तो फरवरी के आखिर से अप्रैल के पहले हफ्ते तक पाल सकते हैं.
बकरियां बहुत जल्दी बीमार पड़ जाती हैं, क्योंकि इनकी इम्यूनिटी थोड़ा कम होती है. बीमार बकरियों के मौत की भी बहुत ज्यादा गुंजाइश रहती है. इनको संक्रमण से बचाने के लिए इनके बाड़े में किसी तरह की गंदगी ना करें. मल-मूत्र की तत्काल सफाई बहुत जरूरी है.
ये भी पढ़ें: होम गार्डनिंग के शौकीन हैं तो लगाएं ये 4 पौधे, फूल नहीं पत्तियों में दिखती है गजब की खूबसूरती
बकरियां चंचल स्वभाव की होती हैं. एक जगह बंधे रहने से ज्यादा बाहर चरना पसंद करती हैं. अगर आप बकरियों को बाहर चराने ले जाते हैं तो ध्यान दें कि वो कोई भी चारा या कोई भी पत्तियां ना खाएं, कभी बार कुछ पत्तियां उनके पाचन को कमजोर कर सकती हैं जिससे वे बीमार पड़ सकती हैं.
बकरी पालन करने वाले लोगों को बेसिक गलतियां छोड़ने के बाद उनके खान-पान में विशेष ध्यान रखने की जरूरत है. बकरियों को चारा, भूसा के साथ रोजाना कम से कम 200 ग्राम अनाज दलिया या चूनी के रूप में जरूर देना चाहिए. बकरियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए नीम और गिलोय की पत्तियां खिलाएं. बकरियों को पिलाने वाला पानी हमेशा साफ और ताजा होना चाहिए. गंदा या बासी पानी देने से वे बीमार पड़ सकती हैं. जिस जगह पर बकरियों को बांध रहे हैं वहां किसी तरह का पानी या ठंडा हवा नहीं आनी चाहिए.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today