गर्मी का मौसम पशुपालकों की परेशानी को बढ़ा देता है. एक तरफ तो गर्मियों के चलते हरे चारे की कमी हो जाती है. चारे के दाम भी बढ़ जाते हैं. वहीं दूसरी ओर हीट स्ट्रेस में आने के चलते पशु दूध देना भी कम कर देते हैं. कुल मिलाकर हरे चारे की कमी और हीट स्ट्रेस का असर सीधे-सीधे दूध उत्पादन को प्रभावित करता है. गर्मियों के इस मौसम में गाय-भैंस का दूध कम ना हो, गर्म मौसम में गाय-भैंस को भी किसी तरह की कोई परेशानी ना हो इसके लिए नानाजी देशमुख वेटरनरी साइंस यूनिवर्सिटी, जबलपुर ने कुछ उपाय सुझाए हैं. इस एडवाइजरी को डॉ. सलीमा अहमदी कादरी, डॉ. एकनाथ विरेन्द्रर, डॉ. मनीष कुमार शुक्ला और डॉ. ओम प्रकाश श्रीवास्तव ने तैयार किया है.
अगर पशुपालक छोटे-छोटे लेकिन बड़े ही काम के इन उपयों पर अमल करते हैं तो ना तो उन्हें पशु को स्वस्थ रखने के लिए दवाईयों पर खर्च करना पड़ेगा और ना ही गाय-भैंस का दूध कम होगा. पशु को शेड में रखने से लेकर उसके पीने के पानी से जुड़े ये उपाय बहुत ही काम के हैं. और सबसे बड़ी बात ये है कि इस पर खर्चा भी नाम मात्र का ही होता है.
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एक गाय या भैंस के लिए 5.5 फीट चौड़ी और 10 फीट लम्बी जगह होनी चाहिए.
सही ढलान के साथ फर्श खुरदरा और नाली की सुविधा से लैस होना चाहिए.
पशु के शेड की छत कम से कम 15 फीट ऊंची होनी चाहिए.
ईंट या फूस से बनी छत को पुआल और दूसरे पत्तों से ढका जा सकता है.
तीन तरफ से खुले शेड में पश्चिम की ओर गेट होना चाहिए.
छत की ऊंचाई पर तीन फीट लम्बा और डेढ़ फीट चौड़ा रोशनदान होना चाहिए.
दिन के वक्त शेड के खुले भाग को बोरी से ढककर उस पर पानी डालते रहना चाहिए.
पश्चि मी दीवार की तरफ पशु चारे के लिए जमीन से एक फीट ऊंची नांद बनानी चाहिए.
दोपहर के वक्त पशुओं को शेड के अंदर या फिर पेड़ों की छांव में रखना चाहिए.
शेड के आसपास पेड़ और घास लगानी चाहिए, जिससे शेड के अंदर ठंडक रहे.
शेड को ठंडा रखने के लिए ऑटोमेटिक कूलिंग सिस्टम का भी इस्तेमाल किया जा सकता है.
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शेड के अंदर हर वक्त साफ और ताजा-ठंडा पानी मौजूद रहना चाहिए.
एक वयस्क पशु दिनभर में 75 से 80 लीटर तक पानी पीता है.
साफ और ताजा-ठंडा पानी पशु के शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है.
दूध में 85 फीसद पानी होता है इसलिए भी पानी बहुत जरूरी है.
पानी की मात्रा शरीर में जरूरी पोषक तत्वों को दूसरे हिस्सों में पहुंचाने का काम करता है.
पशु के शरीर में मौजूद आवांछित और जहरीले तत्वोंं को पानी मूत्र के जरिए बाहर करता है.
गर्मियों में पशुओं को दिन में दो बार ताजा पानी से नहलाना चाहिए.
ज्यादा दूध देने वाली गाय-भैंस के लिए शेड में वॉटर स्प्रिंकलर लगाया जा सकता है.
अगर शेड के आसपास कोई तालाब है तो भैंस को वहां जरूरत छोड़ें.
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