बकरी का दूध Goat Stress Medicine मौसम सर्दी-गर्मी का हो या बरसात का, पशु अक्सर तनाव (स्ट्रेस) में आ जाते हैं. बकरे-बकरियों के साथ भी कुछ ऐसा ही है. गर्मियों में बकरे-बकरियां चढ़ते तापमान से परेशान रहते हैं. लू (हीट वेव) सबसे ज्यादा परेशान करती है. वहीं सर्दियों के मौसम में ठंड के चलते तनाव बढ़ जाता है. बरसात के दिनों में मौसम का उतार-चढ़ाव भी प्रभावित करता है. जिसका सीधा असर पशुओं की उत्पादकता पर दिखाई देता है. वहीं पशु के बीमार पड़ने पर खर्चा भी बढ़ जाता है. लेकिन सबसे बड़ा नुकसान दूध कम होने का होता है.
मनीष कुमार चेटली का कहना है कि पशु पालन के मामले में सबसे बड़ी परेशानी उत्पादन की आती है. फिर वो चाहें दूध का हो या मीट का. बकरी के मामले में यह दोनों ही बातें फिट बैठती हैं. बकरियों में स्ट्रेस की इसी परेशानी को दूर करने के लिए हमारे संस्थान में डॉ. अशोक कुमार, डॉ. यूबी चौधरी और डॉ. पीके राउत ने इस एंटी स्ट्रेसर को बनाने का काम किया है. बीते कई साल से इस पर काम चल रहा था. एंटी स्ट्रेसर का इंडियन पेटेंट भी कराया गया है.
स्ट्रेस छोटे-बड़े सभी तरह के पशुओं पर असर डालता है. इसलिए ये जरूरी है कि बदलते मौसम के साथ ही पशुओं के रहन-सहन, खुराक और हैल्थ इश्यू पर पूरा ध्यान रखा जाए. क्योंकि एक्सपर्ट का कहना है कि पशु खुश होगा तो वो उत्पादन भी अच्छा देगा.
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