Dairy Farming: गाय की इन देसी नस्लों का पालन कर किसान कमा सकते हैं भारी मुनाफा, जानें- पहचान और विशेषताएं

Dairy Farming: गाय की इन देसी नस्लों का पालन कर किसान कमा सकते हैं भारी मुनाफा, जानें- पहचान और विशेषताएं

Desi Cow Dairy Farming: अगर आप गाय की देसी नस्ल की अधिक दूध देने वाली नस्ल की तलाश में हैं, तो आप मेवाती गाय, हल्लीकर गाय और नारी गाय या सिरोही गाय का पालन कर सकते हैं. ये गायें अन्य देसी गायों की तुलना में काफी अधिक में दूध देती हैं.

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Dairy Farming: गाय की इन देसी नस्लों का पालन कर किसान कमा सकते हैं भारी मुनाफा, जानें- पहचान और विशेषताएंगाय की देसी नस्ल मेवाती

Desi Cow Dairy Farming: भारत के लगभग सभी राज्यों में देसी गायों की अलग-अलग नस्लें पाई जाती हैं. वहीं देश के ग्रामीण इलाकों में कृषि के बाद डेयरी व्यवसाय को सबसे अच्छा व्यवसाय माना जाता है. इसके अलावा इस व्यवसाय में ऐसे नस्लों की मांग बहुत ज्यादा रहती है जो ज्यादा दूध देती हैं. ऐसे में पशु की ज्यादा दूध देने वाली नस्ल का चुनाव करना बहुत जरूरी है. वहीं अगर आप गाय की देसी नस्ल की अधिक दूध देने वाली नस्ल की तलाश में हैं, तो आप मेवाती गाय, हल्लीकर गाय और नारी गाय या सिरोही गाय का पालन कर सकते हैं. ये गायें अन्य देसी गायों की तुलना में काफी अधिक मात्रा में दूध देती हैं. ऐसे में आइए मेवाती गाय की पहचान और विशेषताएं, हल्लीकर गाय की पहचान और विशेषताएं और नारी गाय या सिरोही गाय की पहचान और विशेषताएं विस्तार से जानते हैं- 

मेवाती गाय की पहचान और विशेषताएं

•    मेवाती मवेशी आमतौर पर सफेद रंग के होते हैं.
•    गायों की ऊंचाई 125.4 सेमी होती है.
•    सींग अधिकांश मवेशियों में बाहर, ऊपर, अंदर की ओर; और कुछ जानवरों में बाहर और ऊपर की ओर होते हैं.
•    सींग आकार में छोटे से मध्यम होते हैं.
•    चेहरा लंबा, माथा सीधा, कभी-कभी थोड़ा उभरा हुआ होता है.
•    शरीर की खाल ढीली होती है, लेकिन लटकी हुई नहीं होती है.
•    गाय के थन पूरी तरह विकसित होते हैं.
•    बैल शक्तिशाली, खेती में जोतने और परिवहन के लिए उपयोगी होते हैं.
•    मेवाती नस्ल की गायें एक ब्यांत में औसतन 900 से 1000 लीटर दूध देती हैं.
•    प्रतिदिन लगभग 5 से 7 लीटर दूध देती हैं.
•    गायों का वजन 350-370 किलोग्राम होता है.

हल्लीकर गाय की पहचान और विशेषताएं

•    आंखों और गालों तथा गर्दन या कंधे के क्षेत्र के आसपास सफेद निशान या अनियमित धब्बे होते हैं.
•    हल्लीकर गाय प्रथम ब्यान्त की औसतन 37 माह के उम्र में होती है.
•    यह गाय एक ब्यान्त में औसतन 542 लीटर तक दूध देती है.
•    हल्लीकर नस्ल की गाय न्यूनतम 227 लीटर और अधिकतम 1134 लीटर तक दूध देती है.
•    दूध में औसतन 5.7 प्रतिशत फैट पाया जाता है.
•    हल्लीकर गायों की ऊंचाई 124.75 सेमी., जबकि बैलों की ऊंचाई 134.55 सेमी. होती है.
•    गायों की शरीर की लंबाई 130.17 सेमी., जबकि बैलों की 138.94 सेमी. होती है.
•    गायों के शरीर का औसतन वजन 200-250 किलोग्राम तक होता है, जबकि बैलों का वजन 320-380 किलोग्राम तक होता है.
•    चेहरा लंबा व नाक की ओर झुकाव वाला होता है. 
•    नाक काले या भूरे रंग की होती है. 
•    सींग लंबे व सिरों पर एक दूसरे की ओर मुड़े हुए रहते हैं. 
•    इनका झुकाव पीछे की ओर रहता है. आंखे छोटी होती है.
•    कान छोटे व झुकावदार होते हैं.
•    पूंछ लंबी काले सिर वाली होती है और पिछले पैरों के जोड़ से नीचे तक लटकी रहती है.

नारी गाय या सिरोही गाय की पहचान और विशेषताएं

•    प्रौढ़ गायों की ऊंचाई लगभग 120.9 सेमी. और प्रौढ़ बैलों की ऊंचाई 130.6 सेमी. होती है.
•    गायों के शरीर की औसतन लंबाई 119.3 सेमी., जबकि बैलों की 129.2 सेमी. होती है.
•    नारी या सिरोही गायों का वजन औसतन 250-280 किलोग्राम, जबकि बैलों का वजन 350-400 किलोग्राम होता है.
•    गायों की ऊंचाई औसतन 120.9 सेमी., जबकि बैलों की ऊंचाई 130.6 सेमी होती है.
•    नारी या सिरोही नस्ल की गायें एक ब्यान्त में औसतन 1647 लीटर तक दूध देती हैं.
•    न्यूनतम 1118 लीटर और अधिकतम 2222 लीटर तक दूध देती हैं.
•    लगभग चार साल पर प्रथम ब्यान्त की होती है.
•    दूध में फैट 4.64 प्रतिशत पाया जाता है.
•    दूध में फैट न्यूनतम 3.1 प्रतिशत और अधिकतम 8.3 प्रतिशत पाया जाता है.
•    अधिकांश जानवरों और बैलों का रंग सफेद या भूरा-सफेद होता है और वे या तो सफेद, भूरे सफेद या काले होते हैं.
•    नारी मवेशी दोहरे उद्देश्य वाली मवेशी नस्ल है.

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