देश के ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालन का रोजगार अब दिन प्रतिदिन तेजी से बढ़ता जा रहा है. पशुपालन के व्यवसाय से जुड़कर कई किसान आर्थिक तौर पर मजबूत भी हुए हैं. लेकिन पशुपालकों को कई बार पशुओं को अधिक पानी पिलाने से समस्या हो सकती है. दरअसल, लोगों को लगता है कि दुधारू पशुओं को अधिक पानी पिलाना चाहिए. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसा करना पशुओं की सेहत के लिए कितना खतरनाक साबित हो सकता है. दुधारू पशुओं को अधिक मात्रा में पानी पिलाने से पशुओं के दूध उत्पादन में कमी आती है. ऐसे में पशुओं को सही मात्रा और सही समय पर पीने के लिए पानी देना बेहद जरूरी है. आइए जानते हैं कि पशुओं को कब और कितनी मात्रा में पानी पिलाना चाहिए.
पशु एक्सपर्ट के अनुसार, एक दुधारू पशु को गर्मी के अलावा बाकी मौसम में पूरे दिन में कम से कम 30-50 लीटर पानी पिलाना चाहिए. वही, अधिक गर्मी में पशुओं को 40-60 लीटर तक पानी पिलाना चाहिए. ऐसा करने से पशुओं के शरीर का तापमान नियंत्रित रहता है. इसके अलावा ध्यान रहे कि गर्भवती और दूध देने वाले पशुओं को सामान्य से 20 फीसदी अधिक पानी पीने को देना चाहिए ताकि उनके दूध उत्पादन में खास असर न हो सके.
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बता दें कि दुधारू पशुओं को दिन में करीब 3 बार पानी पिलाना चाहिए. यानी सुबह दोपहर और शाम का समय बेस्ट होता है. अब बात करें समय पर पानी पिलाने से फायदे कि तो अगर आप पशुओं को सुबह के समय पानी पिलाते हैं तो उनका पाचन तंत्र मजबूत होता है. इसके अलावा दोपहर के समय पशुओं को पीने के लिए पिलाने से 'हीट स्ट्रेस' से लड़ने में मदद मिलती है. साथ ही शाम के समय खास तौर पर दूध निकालने से पहले पशुओं को पिलाने से दूध उत्पादन सामान्य बना रहता है. वहीं, पशुपालकों को सलाह दी जाती है कि वो अपने पशुओं को साफ और ताजा पानी पीने के लिए दें.
पशुओं को अधिक पानी पिलाने से उनका पाचन तंत्र कमजोर हो जाता है और साथ ही उन्हें बार-बार पेशाब की परेशानी शुरू हो जाती है, जिससे उनका शरीर कमजोर होने लगता है. इसके साथ ही पशु कई तरह के रोग के संपर्क में आने लगते हैं. वहीं, अधिक पानी पिलाने से दुधारू पशुओं के दूध उत्पादन में भी कमी आ सकती है.
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