पशु जितना हेल्दी यानि बीमारियों से दूर रहेगा उतना ही उसका उत्पादन बढ़ेगा. साथ ही पशुपालन की लागत में भी कमी आएगी. एनिमल एक्सपर्ट द्वारा ये बात हर तरह के पशुपालन के संबंध में कही जाती है. फिर चाहें आप गाय-भैंस पालते हों या फिर भेड़-बकरी. लेकिन, अगर बात भेड़-बकरी की करें तो एक्सपर्ट के मुताबिक पांच ऐसी बड़ी वजह हैं जिनके चलते फार्म में संक्रमण फैलता है. हालांकि कुछ चीजों को फार्म पर होने वाली रोजमर्रा की दिनचर्या में शामिल कर लिया जाए तो इस तरह के संक्रमण से बचा जा सकता है.
इसके लिए बायोसिक्योरिटी के मानक भी अपनाए जा सकते हैं, लेकिन ऐसा करने से पशुपालन की लागत बढ़ जाती है. जबकि उपायों को अपनाने पर एक रुपये का भी खर्च नहीं आता है. और इतना ही नहीं ऐसा करके जूनोटिक (जूनोसिस) बीमारियों के खतरे को भी टाला जा सकता है.
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उत्पादन के लिए पशुओं को एक जगह से दूसरी जगह भेजने से. समूहों क्षेत्रों में पशुओं का अंतरण
संक्रमित मरे हुए पशु के शव का निपटान ठीक से ना होने के चलते.
पशुओं से फार्म में आने वाली दूषित मिट्टी और खाद के चलते.
फार्म पर काम करने और वहां रहने वाले कर्मचारियों से.
ठेकेदार, सुपरवाइजर, पड़ोसी और फार्म पर आने वाले लोग.
हाथों, जूतों, कपड़ों, बालों आदि से आने जाने वाली दूषित मिट्टी और खाद.
फार्म में आने वाली कार, ट्रक, ट्रैक्टर, वजन करने वाली मशीन, डिप्स, एआई करने वाली गन और टीकाकरण संबंधी उपकरण.
चारे और मिनरल संबंधी कच्ची सामग्री
चारा तैयार होने के बाद ट्रांसपोर्ट और स्टोर करने पर.
फार्म के पशु या किसी और पशु के मल-मूत्र करने से.
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जहरीले और अवांछित पौधे.
जंगली पशुओं.
पालतू जानवरों से.
फार्म में होने वाले चूहों से.
फार्म में होने वाले कीड़े-मकोड़े से.
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