Afra Disease: पेट खराब होते ही चारा खाना छोड़ देता है पशु, घट जाता है दूध उत्पादन, जानें उपाय

Afra Disease: पेट खराब होते ही चारा खाना छोड़ देता है पशु, घट जाता है दूध उत्पादन, जानें उपाय

पशु का पेट खराब होना यानि अफरा होना. ये पशुओं की आम परेशानी है. पशुओं की संख्या पांच हो या 50 अफरा की परेशानी पशुओं में हर जगह देखी जाती है. इसकी मुख्य वजह हरा चारा भी है. लेकिन जरूरी है कि पशु का पेट खराब होते ही उसका इलाज शुरू कर दिया जाए, नहीं तो पशु खाना-पीना छोड़ देता है. 

Advertisement
Afra Disease: पेट खराब होते ही चारा खाना छोड़ देता है पशु, घट जाता है दूध उत्पादन, जानें उपायसर्दियों में गाय-भैंस का ऐसे रखें ध्‍यान

एनिमल एक्सपर्ट का कहना है कि नई उम्र का बढ़ता हुआ पशु हो या फिर दूध और बच्चा देने वाला पशु, उसे कई तरह के पोषक तत्वों की जरूरत होती है. और सभी तरह के पशु इस जरूरत को चारे, मिनरल और दाने से करते हैं. लेकिन जरूरत के मुताबिक पशु अपनी खुराक तभी लेता है जब उसका पेट सही हो. अगर पेट जरा सा भी खराब है तो पशु खाना-पीना छोड़ देता है. और इसका सबसे ज्यादा असर पशु के उत्पादन पर पड़ता है. पशु के पेट खराब होने की भी कई वजह होती हैं. 

और खास बात ये है कि सभी वजह भी पशु के खानपान से ही जुड़ी हुई हैं. दूध उत्पादन और पशु की ग्रोथ बढ़ाने के लिए ये बहुत जरूरी है कि पशु की पाचन क्रिया यानि उसका पेट सही रहे. क्योंकि पशु जरूरी तत्व जैसे वसा, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, खनिज लवण एवं विटामिन की जरूरत तभी पूरी कर पाएगा जब उसका पेट सही होगा. पशुओं की इस परेशानी को अफरा भी कहा जाता है. 

ये हैं वो वजह जिससे पशु का पेट खराब होता है

  1. रसदार हरा चारा जैसे रिजका, बरसीम ज्यादा खा लेने से. 
  2. ज्यादा स्टार्च वाले अनाज गेहूं, मक्का, बाजरा ज्यादा मात्रा में खा लेने से. 
  3. पशुओं की खुराक में अचानक परिवर्तन कर देने से हो सकता है.
  4. गैस निकालने वाले रास्ते जैसे ग्रसिका में किसी भी प्रकार की रुकावट आ जाने पर.

ऐसे पता लगेगा पशु का पेट खराब है 

एनिमल एक्सपर्ट की मानें तो पशु का पेट खराब यानि अफरा होने पर पशु के बाई और की साइड का पेट फूल जाता है. पेट का आकार बढ़ा हुआ दिखाई देता है. रूमन का गैसों से अधिक फूल जाने के कारण डायफ्राम पर दबाव पड़ता है. पशु को सांस लेने में दिक्कत होती है. पशु मुंह खोलकर जीभ बाहर निकालकर सांस लेता है. पशु बैचेन और सुस्त दिखाई देता है. बार-बार थोड़ा-थोड़ा गोबर-पेशाब करता है. सही समय पर उपचार नहीं किया जाए तो पशु की मौत भी हो सकती है.

अफरा होने पर ऐसे करें पशु का इलाज 

  • पशु को अफरा होने पर पशु का खाना बंद कर देना चाहिए.
  • पशु को ढलान वाली जगह पर खड़ा कर देना चाहिए. 
  • इससे पशु के आगे वाला हिस्सा ऊंचा रहेगा और पीछे वाला नीचे. 
  • ढलान पर खड़ा करने से डायाफ्राम पर रुमन का दबाव थोड़ा कम पड़ेगा. 
  • ढलान पर खड़ा करने से पशु को सांस लेने में परेशानी नहीं होगी. 
  • बलोटोसील 100 एमएल दे सकते हैं.
  • तारपीन का तेल 50 से 60 एमएल देना चाहिए.
  • सरसों का तेल 100 एमएल तक दे सकते हैं. 
  • 50 ग्राम हींग, 20 ग्राम काला नमक, एक लीटर छाछ में डालकर पिलाएं.
  • तारपीन का तेल पशु को पानी में मिलाकर पिलाना चाहिए.

ये भी पढ़ें- Dairy: विदु ने 50 गाय पालकर दूध से कमाए 49 लाख और गोबर से 44 लाख, जानें कैसे 

ये भी पढ़ें- Goat Farm: देश के सबसे बड़े बकरी फार्म का हुआ उद्घाटन, मंत्री बोले पीएम का सपना हो रहा सच

 

POST A COMMENT