Milk Production and Cost: लागत कम होगी, उत्पादन भी बढ़ेगा, लेकिन चारे पर करना होगा ये खास काम, जानें कैसे

Milk Production and Cost: लागत कम होगी, उत्पादन भी बढ़ेगा, लेकिन चारे पर करना होगा ये खास काम, जानें कैसे

Milk Production and Cost वर्ल्ड लेवल पर कुल दूध उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी की बात करें तो वो 25 फीसद है. जबकि साल 2047 तक यही आंकड़ा डबल से भी ज्यादा हो जाने की उम्मीद डेयरी सेक्टर लगा रहा है. हमारे यहां सीधे रोजी-रोटी से जुड़ा हुआ है. इसलिए पशुपालकों का मुनाफा कैसे बढ़े ये रास्ता निकालना जरूरी हो जाता है. 

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Milk Production and Cost: लागत कम होगी, उत्पादन भी बढ़ेगा, लेकिन चारे पर करना होगा ये खास काम, जानें कैसेपशुओं के लिए वरदान है ये हरा चारा

Milk Production and Cost बीते करीब 27 साल से भारत दूध उत्पादन में लगातार नंबर वन बना हुआ है. अच्छी बात ये है कि हर साल दूध उत्पादन बढ़ रहा है. दुनिया के दूसरे देशों के मुकाबले भारत में हर साल तेजी से दूध उत्पादन बढ़ रहा है. लगातार दूध उत्पादन में पांच से छह फीसद की बढ़ोतरी हो रही है. डेयरी एक्सपर्ट की मानें तो अगर इसी रफ्तार से दूध उत्पादन बढ़ता रहा तो आने वाले सात से आठ साल में ही कुल दूध उत्पादन डबल होने की उम्मीद है. लेकिन बड़ी परेशानी ये है कि दूध उत्पादन की लागत भी लगातार बढ़ रही है. 

साथ ही देश में प्रति पशु दूध उत्पादन उतना नहीं बढ़ रहा है जितना दूसरे देशों में है. ये इंडियन डेयरी सेक्टर की एक बड़ी परेशानी है. इसी का समाधान खोजने के लिए लगातार चर्चाएं हो रही हैं. डेयरी और फोडर एक्सपर्ट इस बात पर जोर दे रहे हैं कि दूध देने वाले पशुओं के लिए हरा चारा ऐसा होना चाहिए जो प्रति पशु कम खि‍लाने पर दूध उत्पादन को बढ़ाए. 

उत्पादन बढ़ाने के साथ ऐसे कम होगी लागत 

खपत बढ़ेगी तो कीमत बढ़ेगी. और रणनीति ये होनी चाहिए कि दूध की कीमतें खाद्य मुद्रास्फीति दर से ज्यादा न बढ़ें. वहीं पशुपालकों के बारे में इस तरफ भी सोचना होगा कि प्रति किलोग्राम चारे में दूध उत्पादन को बढ़ाया जाए. और ये सब मुमकिन होगा अच्छी ब्रीडिंग और चारे में सुधार लाकर. आज पशुपालक अपने दूध के दाम ज्यादा और चारे के दाम कम कराना चाहता है. क्योंकि अगर दूध की लागत 100 रुपये लीटर आ रही है तो उस में 70 रुपये तो सभी तरह के चारे और खुराक पर ही खर्च हो जाते हैं.

पशुपालन में दूध पर आने वाली लागत का 70 फीसद खर्च चारे पर होता है. इस खर्च को कम या कंट्रोल करना पशुपालक के हाथ में है नहीं. लेकिन इस परेशानी से निपटने के लिए कोशि‍श यह हो रही है कि लागत के मुकाबले उत्पादन को बढ़ाया जाए. ज्यादा दूध के लिए अच्छी खुराक तो पशुओं को खि‍लानी ही होगी. इसलिए जरूरी है कि ऐसा चारा तैयार किया जाए जिससे प्रति किलोग्राम चारे में दूध का उत्पादन बढ़े.

2047  तक डेयरी का किंग होगा भारत

डेयरी एक्सपर्ट का कहना है कि मौजूदा वक्त में भारत 24 करोड़ टन दूध का उत्पादन कर रहा है. और उम्मीद है कि 2047 तक देश में करीब 63 करोड़ टन दूध का उत्पादन होने लगेगा. जैसा की उम्मीद है तो ऐसा होने पर ये विश्व दूध उत्पादन का 45 फीसद हिस्सा होगा. और इतना ही नहीं 63 करोड़ टन उत्पादन होने पर 10 करोड़ टन दूध देश में सरप्लस हो जाएगा. वहीं ये भी उम्मीद है कि 2047 तक विश्व व्यापार का दो तिहाई हिस्सा भारत का होगा. लेकिन दूध उत्पादन बढ़ने के साथ ही हमे उसकी खपत और पशुपालक की लागत संग उसके मुनाफे के बारे में भी सोचना होगा. क्योंकि हर साल अच्छी दर से दूध उत्पादन बढ़ रहा है तो इसकी खपत का बढ़ना भी जरूरी है. 

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