गायों की खास देखभालनवंबर का महीना शुरू हो चुका है, नवंबर में सर्दियां भी शुरू हो जाती हैं. ठंड के मौसम का असर इंसानों के साथ फसलों और जानवरों पर भी देखा जाता है. इन दिनों पशुओं में भी खास देखभाल की जरूरत होती है. अन्य मौसम की तुलना में ठंड के दिनों में जानवरों का विशेष ध्यान रखना होता है. अगर आप गाय-भैंस पालते हैं और वे गाभिन हैं तो पशुपालकों की जिम्मेदारी और अधिक बढ़ जाती है. आपको बता देते हैं कि ठंड के दिनों में बच्चा देने वाली गाय और भैंसों की देखभाल कैसे की जाती है?
सर्दियों में पशुओं की रखरखाव का माहौल और स्वच्छता पर विशेष ध्यान देना चाहिए. पशुओं को बांधने वाले स्थान को ठंडी हवा और नमी से बचाएं, दरवाजों पर बोरी या प्लास्टिक की चादर लगाएं ताकि ठंड भीतर न जाने पाए. फर्श को सूखा और साफ रखें, क्योंकि गीली जगह पर बैठने से पशुओं में सर्दी-जुकाम के अलावा खुरपका-मुंहपका जैसी बीमारियां फैल सकती हैं. पशुओं के शरीर पर सूखे कपड़े या बोरी से हल्का मलना रक्त संचार बढ़ाता है और ठंड से राहत देता है. सुबह की धूप में पशुओं को थोड़ी देर खुला छोड़ें ताकि शरीर में गर्मी बनी रहे. अतिरिक्त गर्माहट के लिए कंबल या बोरी से ढककर रखना चाहिए. नियमित सफाई के साथ ही पशुओं के शेड में उचित रोशनी और वेंटिलेशन बनाए रखें, इस तरह की देखभाल में गाभिन पशुओं को आराम मिलता है.
सर्दी के दिनों में गाभिन (बच्चा देने वाले पशु) पशुओं की खुराक पर खास ध्यान देना जरूरी है, क्योंकि इस समय उनकी ऊर्जा की जरूरत दोगुनी हो जाती है. एक तो खुद के शरीर को गर्म रखने के लिए और दूसरा गर्भस्थ बछड़े के विकास के लिए ऊर्जा की जरूरत होती है. गाभिन पशुओं को संतुलित आहार देना चाहिए जिसमें हरा चारा, सूखा चारा और दाना सही अनुपात में शामिल करना होगा.
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हरे चारे की बात करें तो इसमें बरसीम, जई और चरी अच्छा ऑप्शन होता है, जबकि सूखे चारे में भूसा और मक्का की भूसी दी जा सकती है. सर्दियों में शरीर को गर्म रखने के लिए गुड़ और सरसों की खली की थोड़ी मात्रा मिलाएं. खनिज मिश्रण, नमक की ढेकी और विटामिन सप्लीमेंट भी नियमित दें ताकि हड्डियां और मांसपेशियों की मजबूती बनी रहें.
गाभिन पशु ही नहीं बल्कि सभी तरह के जानवरों को सर्दी के दिनों में खुराक के साथ ही पानी की भी उचित व्यवस्था करना बहुत जरूरी है. ठंडे पानी की जगह हल्का गुनगुना पानी पिलाना चाहिए ताकि स्वास्थ्य में बुरा असर ना पड़े. पशुओं के शेड में 24 घंटे साफ और ताजे पानी की व्यवस्था करनी चाहिए.
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