पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक सुनील घियाअंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पुष्कर पशु मेला हर साल हजारों दर्शकों और पशुपालकों को आकर्षित करता है. इस साल भी मेले में देशभर से कीमती पशु लाए गए हैं. लेकिन हाल ही में सोशल मीडिया पर एक खबर ने अफरा-तफरी मचा दी. कहा गया कि मेले में आई 21 करोड़ रुपए की कीमत वाले भैंसा की मौत हो गई है. यह खबर कुछ ही घंटों में वायरल हो गई और दर्शकों व पशुपालकों में डर और चिंता का माहौल पैदा कर दिया.
सोशल मीडिया पर यह खबर तेजी से फैल गई. कई वीडियो और संदेश वायरल हुए. कुछ चैनलों और पेजों ने बिना पुष्टि के इस खबर को पब्लिश कर दिया. लोगों में यह भ्रम फैल गया कि मेले का सबसे महंगा और प्रसिद्ध पशु मर गया है.
इस अफवाह पर पशुपालन विभाग ने तुरंत कदम उठाया. मेले में मौजूद अधिकारियों ने साफ किया कि 21 करोड़ वाले भैंसा पूरी तरह स्वस्थ और जिंदा है. मामला केवल एक अन्य भैंसा की बीमारी का था, जिसकी स्थिति थोड़ी गंभीर हो गई थी. इसे गलत तरीके से करोड़ों वाले भैंसा से जोड़ दिया गया, जिससे भ्रम पैदा हुआ. इसी बात की पुष्टि करने जब आज तक की टीम पहुंची तो पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक सुनील घिया ने बताया की पुष्कर मेले में मौजूद सभी पशु स्वस्थ्य हैं और किसी भी भैंसा की मृत्यु नहीं हुई है.
भैंसा के मालिक ने भी मीडिया से बात की और स्पष्ट किया कि उनके भैंसा को कोई समस्या नहीं है. उन्होंने कहा, “हमारी भैंसा बस थोड़ी थकी हुई थी, इसलिए उसे आराम दिया गया. अब वह पूरी तरह स्वस्थ है. लोगों से अनुरोध है कि अफवाहों पर ध्यान न दें और मेले का आनंद लें.”
पुष्कर मेले में इस बार भी कई राज्यों से कीमती पशु लाए गए हैं. हरियाणा, पंजाब, गुजरात और मध्य प्रदेश के पशुपालक अपने पशुओं के साथ पहुंचे हैं. भैंस, घोड़े और ऊंट मेले की शोभा बढ़ा रहे हैं. कई पशुपालकों ने अपने पशुओं को लक्जरी ट्रेलर और वातानुकूलित वाहन में लाया, ताकि उन्हें किसी तरह की असुविधा न हो. इससे स्पष्ट होता है कि पशुपालक अपने पशुओं के स्वास्थ्य और सुविधा को लेकर कितने गंभीर हैं.
पुष्कर मेला केवल पशुओं के लिए नहीं बल्कि संस्कृति और पर्यटन के लिए भी महत्वपूर्ण है. अफवाहों के बावजूद मेले का माहौल उत्साहपूर्ण है. पशुपालन विभाग ने सभी पशुओं की स्वास्थ्य जांच कराई है और सुनिश्चित किया है कि कोई भी पशु बीमार नहीं है.
सोशल मीडिया पर फैलने वाली “21 करोड़ के भैंसा की मौत” की खबर पूरी तरह झूठी साबित हुई. पुष्कर मेला अपने रंगीन और जीवंत माहौल के लिए जाना जाता है, और इस तरह की अफवाहें केवल भ्रम फैलाती हैं. दर्शकों और पशुपालकों को चाहिए कि वे सिर्फ विश्वसनीय स्रोतों से ही जानकारी लें और मेले की असली रौनक का आनंद उठाएं.
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