Animal Care: सर्दियों में अपनाएं NOHM के ये टिप्स, उत्पादन भी बढ़ेगा और पशु बीमार भी नहीं होंगे 

Animal Care: सर्दियों में अपनाएं NOHM के ये टिप्स, उत्पादन भी बढ़ेगा और पशु बीमार भी नहीं होंगे 

Animal Care in Winter नेशनल वन हैल्थ मिशन (NOHM) को सिर्फ पशुओं को ही नहीं हयूमन हैल्थ यानि इंसानों को भी जोड़ा गया है. एक्सपर्ट का कहना है कि जूनोटिक डिजीज से इंसान और पशु दोनों ही प्रभावित होते हैं. इसीलिए मंत्रालय की ओर से समय-समय पर दोनों ही लोगों के लिए कुछ जरूरी टिप्स भी जारी किए जाते हैं. 

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Animal Care: सर्दियों में अपनाएं NOHM के ये टिप्स, उत्पादन भी बढ़ेगा और पशु बीमार भी नहीं होंगे डेयरी फार्म में बंधी गाय

Animal Care in Winter पशुओं को तमाम तरह की बीमारी और संक्रमण से बचाने के लिए नेशनल वन हैल्थ मिशन (NOHM) चलाया जा रहा है. पशुपालन मंत्रालय की ओर से NOHM का संचालन किया जा रहा है. NOHM पशुओं को तो बीमारियों से बचाता ही है, साथ में पशुओं से इंसानों को होने वाली बीमारियों की भी रोकथाम करता है. अब अगर इस बदलते मौसम में पशुओं की देखभाल की बात करें तो इसके लिए भी NOHM में कुछ सुझाव दिए गए हैं. पशुपालकों के लिए ये टिप्स और भी जरूरी हो जाते हैं. 

क्योंकि इन्हें अपनाकर वो अपने पशुओं को तो बचाते ही हैं, साथ में अपनी जिंदगी को भी सुराक्षि‍त रखते हैं. एनीमल एक्सपर्ट की मानें तो साइंटीफिक तरीके से किया गया पशुपालन पशुओं के साथ-साथ इंसानों को भी पशुओं की बीमारी से सुरक्षित रखता है. क्योंकि इंसानों में होने वाली करीब 70 फीसद बीमारियां पशुओं से होती हैं. इन्हें जूनोसिस या जूनोटिक कहा जाता है.  

NOHM के तहत जारी किए गए हैं ये टिप्स  

वन हैल्थ मिशन के तहत एनीमल फार्म पर बॉयो सिक्योरिटी बहुत जरूरी है. कोरोना जैसी बीमारी फैलने के बाद से तो इसकी जरूरत और ज्यादा महसूस की जाने लगी है. इसका सीधा मकसद पशु और इंसानों दोनों को ही हर छोटी-बड़ी बीमारी से बचाना है. पशुओं को बीमारी से बचाने को साइंटीफिक तरीके से पशु पालन करने की हिदायत भी दी जाती है.

  • सबसे पहले अपने एनीमल फार्म की बाड़बंदी कराएं. 
  • बाड़बंदी होने से सड़क पर घूमने वाला जानवर फार्म में नहीं घुसेगा. 
  • फार्म के अंदर और बाहर दवा का छिड़काव कराएं. 
  • हैंड सेनेटाइज में काम आने वाली दवा फार्म पर रखें.
  • फार्म में बाहर से आने वाले व्यक्ति के जूते बाहर ही उतरवाएं.
  • जूते फार्म के बाहर उतरवा नहीं सकते तो उन्हें सेनेटाइज करें. 
  • आने वाले के हाथ और कपड़ों को भी सेनेटाइज करवाएं. 
  • पीपीई किट पहनाकर ही फार्म के अंदर ले जाएं. 
  • फार्म पर नए आने वाले पशु को कम से कम 15 दिन अलग रखें. 
  • छोटे बच्चे, बीमार, गर्भवती, हेल्दी और दूध देने वाले पशुओं को अलग रखें. 
  • बदलते मौसम के हिसाब से बाड़े में पशुओं का रखरखाव रखें. 
  • बरसात के मौसम में पशुओं को खासतौर पर मच्छर-मक्खियों के प्रकोप से बचाएं.

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