कर्नाटक के गदग जिले में आने वाले एक गांव कल्लापुर में बड़े ही अजीबो-गरीब हालात हैं. ये ऐसी स्थिति है जिसकी वजह से किसान काफी परेशान हैं. यह गांव नरगुंड तालुका में आता है और यहां पर पिछले एक साल से जानवरों की चोरी ने किसानों को चिंता में डाल दिया है. चोरी हुए जानवरों में से एक भी जानवर बरामद नहीं किया जा सका है. पुलिस की तरफ से कई तरह के जागरुकता अभियान भी चलाए गए हैं जिनमें किसानों को बताया गया कि वो कैसे इसे रोक सकते हैं. साथ ही कई तरह के चेकप्वाइंट्स भी बनाए गए हैं ताकि जानवरों की आवाजाही पर नजर रखी जा सके. इतनी कोशिशों के बाद भी जानवरों की चोरी नहीं रुकी है.
जानवर सुरक्षित रहें, यह सुनिश्चित करने के लिए किसानों को तबेले में ही जानवरों के साथ सोना पड़ रहा है. उन्हें लगता है कि ऐसा करके ही वो अपने किसानों की सुरक्षा कर सकते हैं. टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में किसान के भजतंत्री के हवाले से लिखा है कि चोरी के केस पिछले एक साल से जारी हैं. छह महीने पहले ही एक गर्भवती गाय की चोरी हो गई थी जो दो घंटे बाद ही बच्चा जनने ही वाली थी. परिवार के लोग इंतजार कर रहे थे और तबेले के करीब ही सो रहे थे. जब वह तड़के तीन बजे उठे तो गाय नहीं थी. 15 दिनों के अंदर ही एक और गाय की चोरी हो गई. किसान ने बताया कि उनके करीब 20 जानवर चोरी हो गए हैं लेकिन सिर्फ कुछ के ही मालिकों ने पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराई है.
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हनमंता हदपद ने बताया कि बहुत से किसानों ने अपने घरों के बगल में ही जानवरों के लिए शेड लगाए हैं. उन्होंने बताया कि वो तबेले में ही सोएंगे. अगर किसान तबेले से दूर रहेंगे तो फिर उनके जानवर गायब हो जाएंगे. हनमंता ने 15 दिनों पहले ही अपनी गाय खो दी है जिसकी कीमत 60 हजार रुपये थी. एक और किसान मल्ल्किार्जुन भजमंत्री ने बताया कि आसपास के गांव में किसान तो अपने जानवरों को सड़क पर ही बांध देते हैं और फिर भी वो सुरक्षित रहते हैं. भजतंत्री की भैंस जिसकी कीमत 80000 रुपये थी, चोरी हो गई थी. उका कहना है कि उनके गांव को छोड़कर आसपास के गांव में जानवर चोरी की कोई भी घटना नहीं हुई है.
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एक और किसान महातेश शिवैय्या की मानें तो उनके गांव कल्लापुर में पशुपालन से जुड़े किसानों की संख्या काफी ज्यादा है. शिवैय्या की एक गाय और भैंस चोरी हो चुकी है. उन्होंने बताया कि उनका गांव नरगुंड तालुका का इकलौता गांव है, जहां पर दूध का उत्पादन सबसे ज्यादा होता है. गरीब किसान जिनके पास 2 से 5 एकड़ तक की जमीन है, वो अपनी रोजाना की जरूरतों के लिए सिर्फ डेयरी एक्टिविटीज पर ही निर्भर हैं.
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वहीं गदग के एसपी बीएस नेमागौड़ा ने कहा, 'हमने इस मुद्दे को सुलझाने के लिए हाल ही में गांव का दौरा किया. गांव में सभी पशु चोरी के मामलों को एक साथ जोड़ दिया है.'उनका कहना था कि यह गांव मलप्रभा नदी के किनारे स्थित है और दूसरे जिलों की सीमाओं से सटा हुआ है. इसलिए चोर नदी के रास्ते भाग रहे हैं. उन्होंने दावा किया कि आरोपियों के बारे में सुराग मिल गया है और जल्द ही उनकी पहचान की जाएगी. उन्होंने जानकारी दी कि नरगुंड डीएसपी, सीपीआई और सभी पुलिसकर्मी इस मुद्दे पर काम कर रहे हैं.
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