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इस खास आम की वैरायटी के लिए सहारनपुर के किसान को लगानी पड़ी सुरक्षा, जानें पूरा मामला

इस खास आम की वैरायटी के लिए सहारनपुर के किसान को लगानी पड़ी सुरक्षा, जानें पूरा मामला

सहारनपुर के बलियाखेड़ी में किसान संदीप चौधरीने बताते हैं कि मियाजाकी आम की खेती के लिए अच्छी बारिश के साथ-साथ तेज धूप और उपजाऊ मिट्टी की जरूरत होती है. इसकी फलत अप्रैल से अगस्त के महीने में होती है.

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सहारनपुर में किसान संदीप चौधरी CCTV लगाकर कर रहे आम की रखवाली (Photo-Kisan Tak) सहारनपुर में किसान संदीप चौधरी CCTV लगाकर कर रहे आम की रखवाली (Photo-Kisan Tak)

Mango Farmer Story: यूपी के सहारनपुर के बलियाखेड़ी में किसान संदीप चौधरी की चर्चा पूरे इलाके में हो रही हैं. चर्चा की वजह इसलिए है क्योंकि संदीप ने 'मियाजाकी' आम (Miyazaki Mango) की बागवानी की है. किसान संदीप ने बताया कि  'मियाजाकी' यानी जापानी आम की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत  2.70 लाख से 3.50 लाख रुपये है. किसान संदीप चौधरी ने बताया कि 9 महीने पहले इस आम के दो पौधे को कोलकाता से मंगाया था, एक पेड़ के लिए उन्होंने 7500 रुपये में खरीदा था. दोनों पेड़ को उन्होंने अपने ऑर्गेनिक बगीचे में लगाए गए है. उन्होंने बताया कि पेड़ की ऊंचाई केवल ढाई से तीन फीट है. एक आम का वजन 300 से 350 ग्राम तक होगा. संदीप के मुताबिक, अगस्त में ये आम पूरी तरह से तैयार हो जाएगा. इस खास आमों की सुरक्षा के लिए नई तकनीक से लैस पीटीजेड सीसीटीवी कैमरा लगाया है. अगर कोई व्यक्ति इस पेड़ को छूएगा तो अलार्म तेजी से बजने लगेगा. वहीं, इसका अलर्ट संदीप के मोबाइल पर चला जाता है. ये कैमरा सेंसर युक्त है, जो सोलर एनर्जी से चलता है. खेत में आने वाले व्यक्ति का फोटो ऑटोमेटिक सेव हो जाती है.

आम को खरीदने के लिए आ रहे कई फोन कॉल

उन्होंने बताया कि यह आम जापान के मियाजाकी यूनिवर्सिटी में विकसित हुई है. इस आम का जापानी नाम 'टाइयो नो टमैंगो' है, इसका मतलब 'सूर्य का अंडा' है. यह आम खाने में बेहद मीठा होता है और यह एंटीऑक्सीडेंट, बीटा-कैरोटीन और फोलिक एसिड से भरपूर है. संदीप आगे कहते हैं कि उनके पास आम खरीदने के लिए कई लोगों के फोन कॉल भी आ रहे हैं. सूरत के एक कपड़ा व्यापारी प्रवीण गुप्ता लगातार फोन कर इस आम को खरीदने की इच्छा जता रहे हैं. आम को खुद ही तोड़ने की बात भी कह रहे हैं, लेकिन वह इस आम को बेचना नहीं चाहते हैं.

हिंदुस्तान का हर किसान करें 'मियाजाकी' आम की बागवानी

हम चाहते हैं हिंदुस्तान के हर किसान को 'मियाजाकी' आम की खास वैरायटी की बागवानी करना चाहिए. जिससे उनकी आय कई गुना बढ़ जाए और आर्थिक स्थित ठीक हो जाए. हमारी मांग है कि आने वाले समय में हमारे देश के किसान दुनिया के बाजार में इसकी बागवानी करके एक मिसाल पेश करे. उन्होंने कहा कि तीन फल हमारे पेड़ पर अभी उगे हैं, हम पेड़ के पहले फल को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ को भेंट करना चाहते हैं.

मियाजाकी आम का रंग गहरा लाल और जामुनी

किसान संदीप ने बताया कि इसका वजन 3.5 ग्राम से लेकर एक किलो तक पहुंच जाता है. यह जापानी आम देखने में बहुत ही खूबसूरत होता हैं. इसलिए इसे 'Earth of son' भी कहा गया है. उन्होंने बताया कि भारत में यह आम जापान से Import हो कर आया है. सबसे पहले इसे हैदराबाद के एक किसान द्वारा लगाया गया था. फिर बंगाल और महाराष्ट्र में किसानों द्वारा बागवानी शुरू की गई. जापान के मियाजाकी शहर की उपज होने के कारण इसे मियाजाकी आम कहते हैं. ये दुनिया का सबसे मंहगा आम है, जिसकी बनावट अनोखी और रंग गहरा लाल या जामुनी होता है. इस आम का साइज बड़ा होता है.

डायबिटीज और कैंसर मरीजों के बेहद फायदेमंद

सहारनपुर के बलियाखेड़ी में किसान संदीप चौधरीने बताते हैं कि मियाजाकी आम की खेती के लिए अच्छी बारिश के साथ-साथ तेज धूप और उपजाऊ मिट्टी की जरूरत होती है. इसकी फलत अप्रैल से अगस्त के महीने में होती है. मियाजाकी आम में एंटी ऑक्सीडेंट्स के साथ ही बीटा-कैरोटीन और फोलिक एसिड जैसे खास गुण मौजूद होते हैं. इसमें सिर्फ 15% शुगर होता है, जिस कारण मियाजाकी आम डायबिटीज और कैंसर के मरीजों के शौक भी पूरे कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि भारत के कई किसानों ने मियाजाकी आम की खेती शुरू की है और इससे अच्छी कमाई कर रहे हैं.