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हमको 10 लाख का ड्रोन मिल गया... अब तो मैं बन गई लखपति, पढ़िए प्रयागराज की खुशबू यादव की कहानी

हमको 10 लाख का ड्रोन मिल गया... अब तो मैं बन गई लखपति, पढ़िए प्रयागराज की खुशबू यादव की कहानी

खुशबू ने आगे बताया कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि वह ड्रोन चला सकती हैं या खरीद सकती हैं लेकिन सरकार की नमो ड्रोन दीदी योजना के तहत इतनी बड़ी जिम्मेदारी उन्हें दी है ताकि वह किसानों को उनके कृषि कार्यों में ड्रोन के माध्यम से हर संभव मदद कर सकें.

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प्रयागराज के चाका ब्लॉक के सारंगपुर गांव की ड्रोन दीदी खुशबू यादव (फोटो-किसान तक) प्रयागराज के चाका ब्लॉक के सारंगपुर गांव की ड्रोन दीदी खुशबू यादव (फोटो-किसान तक)

Drone Didi Story of Prayagraj: ड्रोन दीदी योजना के जरिये ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं अपने सपनों को एक उड़ान दे रही हैं. इसी क्रम में प्रयागराज की एक ग्रामीण महिला खुशबू यादव को भी नई पहचान मिल गई है. गांव वाले अब 'पायलट दीदी' के नाम से पुकारते है, तो उनका चेहरा खिल उठता हैं. इंडिया टुडे के किसान तक से खास बातचीत में प्रयागराज के चाका ब्लॉक के सारंगपुर गांव की खुशबू यादव (26) ने बड़े गर्व के साथ बताया कि 10 लाख का ड्रोन सरकार की तरफ से मिल गया है. अब हम खुद लखपति बन गए हैं. आगे इस ड्रोने के जरिए करोड़पति बनना मेरा मकसद है. बता दें कि खुशबू की शादी 2018 में मुकेश कुमार यादव से हुई थी. शादी के बाद वह शीतला देवी आजीविका मिशन स्वयं सहायता समूह से जुड़ गई. खुशबू बताती हैं कि जनवरी 2024 में नैनी IFFCO से 15 दिनों का ड्रोन संचालन का प्रशिक्षण लेने के बाद मार्च में मुझे सरकार की तरफ से लाइसेंस मिलने के बाद ड्रोन सौंप दिया गया, जिससे मेरे चेहरा खिल उठा. 

गांव और समाज के लिए कुछ अलग करने की चाहत

उन्होंने बताया कि अभी चार महीने का वक्त बीता है. बहुत से किसानों के फोन मेरे पास आते है, लेकिन भीषण गर्मी पड़ने के कारण काम शुरू नहीं किया है. सारंगपुर गांव की खुशबू यादव ने आगे बताया कि अभी खेतों में धान की रोपाई चल रही है. लेकिन अब काम आएगा तो खेतों में जाकर दवा का छिड़काव ड्रोन से करेंगी. परिवार वालों के तरफ से सहयोग के सवाल पर खुशबू ने बताया कि मेरे पति ने बहुत मदद की. 2018 में मेरी शादी हुई थी, लेकिन अभी तक हम लोगों ने फैमली प्लानिंग नहीं किया, जिसकी वजह साफ है, हमको अपने गांव और समाज के लिए कुछ अलग करने की चाहत है. जिससे देश-विदेश में मुझे एक नई पहचान और मिले. 

कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि वह ड्रोन चला पाएगी

खुशबू ने आगे बताया कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि वह ड्रोन चला सकती हैं या खरीद सकती हैं लेकिन सरकार की नमो ड्रोन दीदी योजना के तहत इतनी बड़ी जिम्मेदारी उन्हें दी है ताकि वह किसानों को उनके कृषि कार्यों में ड्रोन के माध्यम से हर संभव मदद कर सकें. ड्रोन के माध्यम से पेड़ों पर फल पकने के बाद उन्हें निकालने और खेतों में फसल पर दवाओं के छिड़काव आदि में काफी मदद मिलेगी.

प्रयागराज में 16 ग्रामीण महिलाओं को मिली ड्रोन की ट्रेनिंग

प्रयागराज के कृषि मंडल अधिकारी डॉ रमेश कुमार मौर्य ने बताया कि जिले में 16 ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए नमो ड्रोन दीदी योजना का लाभ मिला है. महिलाएं इस योजना के तहत ड्रोन के जरिए खेतों की सिंचाई, दवाओं का छिड़काव एवं अन्य कार्यों में प्रयोग के लिए जिम्मेदारी निभा रही है.

कैसे होता नमो ड्रोन दीदी योजना में चयन? 

महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए और उन्हें रोजगार के अधिक अवसर देने के लिए केंद्र सरकार ने साल 2023 में नवंबर के महीने में ड्रोन दीदी योजना को शुरू किया था. इस योजना में महिलाओं को चयनित होने के लिए कुछ पात्रता को पूरा करना होता है. भारत में महिलाओं के लिए बहुत सारे स्वयं सहायता समूह बने हुए हैं.  

भारत सरकार द्वारा इन स्वयं सहायता समूह की 15000 से अधिक महिलाओं को नमो ड्रोन दीदी योजना के तहत ट्रेनिंग देने का लक्ष्य बनाया गया है. इसका लाभ लेने की महिलाओं को स्वयं समूह ग्रुप का सक्रिय सदस्य होना अनिवार्य है. इसके साथ ही उन्हें भारतीय  नागरिकता अनिवार्य है. की उम्र 18 से 37 साल के बीच होना जरूरी है. 

योजना में मिलेंगे यह लाभ

नमो ड्रोन दीदी योजना के तहत महिलाओं को 15 दिन ट्रेनिंग दी जाती है. जिसके स्टाइपेंड के तौर पर उन्हें ₹15000 भी दिए जाते हैं. यह राशि उनके खाते में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिए भेज दी जाती है. सरकार का लक्ष्य है 10 करोड़ से अधिक स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं में से 15000 को इस योजना के तहत लाभान्वित किया जाए. इस योजना के तहत सरकार की ओर से ट्रेनिंग कंप्लीट होने के बाद महिलाओं को ड्रोन भी दिया जाता है. 

योजना के लिए जरूरी दस्तावेज 

योजना का लाभ लेने के लिए महिलाओं के पास कुछ दस्तावेज होने जरूरी हैं. जिनमें आधार कार्ड,निवास प्रमाण पत्र, पैन कार्ड, ईमेल आईडी, फोन नंबर स्वयं सहायता ग्रुप का आईडी कार्ड और पासपोर्ट साइज फोटो होना अनिवार्य है.