भारत विश्व में दूध उत्पादन के मामले में नंबर वन है. बीते कई साल से भारत नंबर वन बना हुआ है. ये शायद इसलिए भी है कि देश में पशुओं की संख्या ज्यादा है. लेकिन भारत में प्रति पशु दूध उत्पादन बहुत कम है. जबकि दूसरे देशों के पशु भारतीय दुधारू पशुओं के मुकाबले बहुत ज्यादा दूध देते हैं. पशुओं की दूध उत्पादकता को बढ़ाने के लिए ब्राजील ने इंडियन डेयरी सेक्टर को एक बड़ा ऑफर दिया है. ये ऑफर ब्राजील एसोसिएशन ऑफ ज़ेबू ब्रीडर्स (ABCZ) संस्था की ओर से आया है.
दुनियाभर में संस्था के 24 हजार से ज्यादा सदस्य हैं. संस्था का कहना है कि हम गर्भाधान और भ्रूण ट्रांसफर जैसी विभिन्न विधियों का इस्तेमाल करके मवेशियों के जेनेटिक या नस्ल विकास पर अपनी तकनीक को भारत में लाने के लिए कुछ परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं.
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ABCZ संस्था के अंतर्राष्ट्रीय पर्यवेक्षक रेकल बोर्गेस का कहना है कि दूध उत्पादन को बढ़ावा देने के मकसद से दोनों देशों में एक संयुक्त ज़ेबू अनुसंधान संस्थान स्थापित करने के बारे में चर्चा चल रही है. इस संस्थान को बनाने का मकसद दूध उत्पादन को बढ़ावा देना और पशुओं में जेनेटिक सुधार करना है. भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक है, लेकिन बीते कुछ वक्त से पशुओं में जेनेटिक सुधार की कमी के चलते दूध उत्पादकता कम बनी हुई है. ब्राजील में भारत के राजदूत सुरेश के रेड्डी का कहना है कि पहले कदम के रूप में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड ने ब्राजील में एक चैंपियन बैल की 50 हजार वीर्य खुराक के लिए परीक्षण करने का आदेश दिया है. जिसका इस्तेमाल देशी गायों के गर्भाधान के लिए किया जाएगा.
सुरेश के रेड्डी ने ये जानकारी भी शेयर की है कि कुछ निजी ब्रीडर अपने कर्मचारियों को विभिन्न ब्राजीलियाई डेयरी फार्मों में प्रशिक्षण के लिए ब्राजील भेज रहे हैं. वहीं उन्होंने ये भी बताया कि ABCZ जेबू जानवरों की जेनेटिक शुद्धता को बनाए रखता है और 70 लाख ज्यादा पंजीकृत जानवरों के साथ दुनिया में नस्लों का सबसे बड़ा डेटाबेस है. वहीं भारत में औसत दूध उत्पादन प्रतिदिन लगभग आठ से 10 लीटर है, जबकि ब्राजील में दूध उत्पादन 20-22 लीटर के बीच में है.
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