राजस्थान में पशुपालन विभाग 15 मई से लंपी टीकाकरण अभियान शुरू कर रहा है. विभाग प्रदेशभर में एक साथ गायों को लंपी के टीके लगाने की शुरूआत करेगा. पशुपालन विभाग की समीक्षा बैठक में इस संबंध में निर्णय लिया गया. पशुपालक विभाग के शासन सचिव कृष्ण कुणाल ने कहा कि पिछले साल भी लंपी टीकाकरण अभियान चलाया गया था. इस साल भी बीमारी से पशुओं की मौत ना हो इसीलिए टीकाकरण अभियान शुरू किया जा रहा है. हमारा ध्येय है कि राज्य में पशुपालकों को किसी भी कारण से कोई हानि नहीं हो. टीकाकरण के लिए इस वक्त को इसीलिए चुना है क्योंकि पिछले दिनों हुई बारिश से मौसम में ठंडक है और यही समय लंपी वायरस को फैलने में मदद करता है.
लम्पी टीकाकरण अभियान में सौ फीसदी लक्षित पशुओं को टीका लगाया जाएगा. लंपी के साथ-साथ अन्य बीमारियों से बचाव के टीके भी पशुओं को लगेंगे. कुणाल ने सभी जिला अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश दिए. साथ ही यदि किसी गौवंश को टीका नहीं लगा हो तो उसका तुरंत टीकाकरण करें. साथ ही किसी भी गौवंश में लम्पी के प्रारम्भिक लक्षण दिखाई दें तो लम्पी की गाइडलाइन के अनुसार कार्यवाही करते हुए इलाज सुनिश्चित करें. बीमार पशु के नमूने लेकर समय से जांच के लिए भेजे जाएं.
राजस्थान में 2020 और 2021 में लंपी बीमारी से 76030 मवेशियों की मौत हुई थी. हालांकि मृत पशुओं की असल संख्या इससे कहीं ज्यादा थी, लेकिन सरकारी रिकॉर्ड में यही दर्ज है. इन मृत गोवंश में से सरकार ने 55,586 दुधारू गायों की मौत में लंपी को कारण माना गया है.
प्रदेश में बारां जिले को छोड़कर सभी जिलों में लंपी बीमारी फैली थी. इससे 15, 67,217 गोवंश प्रभावित हुए थे. इनमें से 76030 पशुओं की मौत हो गई. इनमें से अधिकतर गाय थीं. जोधपुर में लगभग 4159, बाड़मेर 2847, जैसलमेर 982, जालौर 3235, पाली 2136, बीकानेर 2985, चूरु 3756, हनुमानगढ़ 3191, गंगानगर 4878 पशुओं की मौत हुई थी.
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वहीं, पूरे राजस्थान में 15,67,217 पशु संक्रमित हुए हैं. सबसे ज्यादा जोधपुर (115864), बाड़मेर (111204), जैसलमेर (41574), जालौर (67399), पाली (63298, बीकानेर (85706), चूरु (76302), हनुमानगढ़ (77331) और गंगानगर में (95236) पशु संक्रमित हुए हैं.
लंपी बीमारी से हुई गायों की मौत पर राजस्थान सरकार ने इस बजट में 40 हजार रुपये प्रति गाय मुआवजा देने की भी घोषणा की है. लेकिन इसमें दुधारू गाय होने की शर्त जोड़ दी है. पशुपालन विभाग ने डोर-टू-डोर सर्वे कर दुधारू गायों का डेटा इकठ्ठा किया है.
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सर्वे में उन्हीं मृत गायों को मुआवजे के काबिल माना गया है जिन्हें पशुपालकों ने डॉक्टर को दिखाया था. ऐसे में अब विभाग ने 55,586 दुधारू गायों की मौत ही लंपी से होना माना है. मुआवजा भी इन्हीं गायों के लिए दिया जाएगा. विभाग ने 52,760 पशुपालकों को मुआवजे की लिस्ट में शामिल किया है.
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