किसानों की चेतावनी, आवारा पशुओं को नहीं रोका तो चंडीगढ़ में मवेशी लाकर छोड़ेंगे

किसानों की चेतावनी, आवारा पशुओं को नहीं रोका तो चंडीगढ़ में मवेशी लाकर छोड़ेंगे

आवारा पशुओं की समस्या के समाधान के लिए सरकार गौ उपकर वसूलती है. किसानों का कहना है कि उपकर लगाए जाने के बावजूद समस्या जस की तस है. किसानों की शिकायत है कि उपकर लगाने के बाद भी आवारा पशुओं की समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है. आवारा पशु शहरी लोगों के साथ-साथ किसानों की फसलों के लिए भी समस्या बनते जा रहे हैं.

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किसानों की चेतावनी, आवारा पशुओं को नहीं रोका तो चंडीगढ़ में मवेशी लाकर छोड़ेंगेपंजाब के मानसा में किसानों ने डीसी ऑफिस के बाहर आवारा पशुओं को छोड़ा

आवारा पशुओं के मुद्दे पर भारतीय किसान यूनियन कादिया ने मानसा में डीसी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया. किसानों ने कार्यालय का मुख्य गेट बंद होने के कारण आवारा पशुओं को मुख्य गेट के बाहर छोड़ दिया. किसानों का कहना है कि वे छुट्टा जानवरों की समस्या से आजिज आ गए हैं. किसानों की शिकायत है कि प्रशासन से गुहार लगाने के बावजूद उनकी समस्या नहीं सुधर रही. लिहाजा उनके पास विरोध के अलावा कोई और उपाय नहीं. किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने आवारा पशुओं की समस्या का समाधान नहीं किया तो वे पूरे पंजाब से चंडीगढ़ में जानवर छोड़ने के लिए मजबूर होंगे.

आवारा पशुओं की समस्या के समाधान के लिए सरकार गौ उपकर वसूलती है. किसानों का कहना है कि उपकर लगाए जाने के बावजूद समस्या जस की तस है. किसानों की शिकायत है कि उपकर लगाने के बाद भी आवारा पशुओं की समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है. आवारा पशु शहरी लोगों के साथ-साथ किसानों की फसलों के लिए भी समस्या बनते जा रहे हैं. इसके विरोध में भारतीय किसान संघ के कार्यकर्ता मवेशियों को डीसी कार्यालय में छोड़ने के लिए गांवों से लाए थे. लेकिन डीसी कार्यालय का मुख्य गेट बंद होने के कारण किसानों ने विरोध किया और पशुओं को गेट पर ही छोड़ दिया. 

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प्रदर्शनकारी किसानों को संबोधित करते हुए किसान नेता कुलदीप सिंह, अजायब सिंह और हरदेव सिंह ने कहा कि लोग गौ उपकर देते हैं, लेकिन सरकार आवारा पशुओं के लिए कोई समाधान नहीं कर रही है. उन्होंने कहा कि आवारा पशुओं के कारण किसानों की फसल खराब हो जाती है और ये आवारा पशु सड़क हादसों का भी कारण बनते हैं. इससे कई गुना कीमती जान चली जाती है. उन्होंने कहा कि आवारा पशुओं की समस्या के समाधान के लिए सरकार और प्रशासन को बार-बार मांग पत्र दिए गए, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ.

प्रदर्शनकारी किसानों ने कहा, आज (शुक्रवार) हम आवारा पशुओं को डीसी कार्यालय मानसा में छोड़ने आए हैं ताकि सरकार इस तरफ ध्यान दे. उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने जल्द ही इस समस्या का समाधान नहीं किया तो निकट भविष्य में आवारा मवेशियों को पंजाब के गांवों में एकत्र कर चंडीगढ़ के विभिन्न सेक्टरों में छोड़ दिया जाएगा. प्रदर्शनकारी किसानों ने कहा कि छुट्टा पशु फसलों को भारी नुकसान कर रहे हैं जिससे बचाव के लिए सरकार को खुराक आदि देकर समस्या सुलझानी चाहिए. प्रदर्शनकारी किसानों ने किसान एकता जिंदाबाद के नारे लगाए और सरकार से अपनी परेशानी सुलझाने की मांग की.

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मनसा के किसानों में महिलाएं भी शामिल रहीं जिन्होंने डीसी कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. इन किसानों को पंजाब सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए देखा गया. किसानों की नाराजगी इस बात को लेकर है कि जब सरकार गौ उपकर लेती है, तो आवारा पशुओं को बांधने की व्यवस्था क्यों नहीं की जाती. किसानों की मांग है कि सरकार छुट्टा जानवरों को सुबह और शाम प्रबंधित करने का काम करे ताकि वे फसलों को नुकसान न पहुंचाएं. किसानों ने चेतावनी दी कि मामला नहीं सुलझा जो वे आवारा पशुओं को चंडीगढ़ के अलग-अलग सेक्टरों में छोड़ेंगे.

मानसा के अलावा जिला फरीदकोट में भी किसानों ने आवारा जानवरों को डीसी ऑफिस के बाहर छोड़ दिया. फरीदकोट में आवारा पशुओं से परेशान किसान शुक्रवार को अपने अपने ट्रक्टर ट्राली में मवेशियों को लाद कर फ़रीदकोट के डिप्टी कमिश्नर दफ्तर पहुंच गए. हालांकि आवारा पशुओं को बाद में गौशाला में भेज दिया गया. इसके लिए तहसीलदार ने किसानों को आश्वासन दिया तब जाकर किसान माने. किसानों ने सरकार के नाम ज्ञापन दिया और इस समस्या को जल्द सुलझाने की मांग की. किसानों ने चेतावनी दी कि अगर जल्द इन आवारा पशुओं का कोई पुख्ता हल प्रशाशन ने नहीं निकाला तो यही आवारा पशु चंडीगड़ में ले जा कर छोड़ देंगे. किसानों ने अपना ज्ञापन पत्र डिप्टी कमिश्नर के नहीं होने पर नायाब तहसीलदार को दिया.(रिपोर्ट/अमरजीत चहल और प्रेम पासी)

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