सात करोड़ का घोड़ा, क्या आप जानते हैं इसकी खासियत

सात करोड़ का घोड़ा, क्या आप जानते हैं इसकी खासियत

यह एक ऐसा घोड़ा है जो प्यास लगने पर सामान्य पानी नहीं बल्कि हर दिन केवल मिनरल वाटर पीता है. इसके साथ ही यह घोड़ा हर दिन 15 लीटर दूध पीता है.

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सात करोड़ का घोड़ा, क्या आप जानते हैं इसकी खासियतसात करोड़ का घोड़ा

एक घोड़ा जिसकी कीमत सात करोड़ रुपए है, यह वाकई आपको बेहद अविश्वसनीय लग सकता है. हो सकता है आपको इस खबर पर विश्वास नहीं हो पर यह सच है कि पुणे में आयोजित देश के सबसे बड़े स्वदेशी मवेशी और घोड़ा प्रदर्शनी में एक घोड़ा रखा गया है जिसकी कीमत सात करोड़ रुपये तक आंकी गई है. इस घोड़ा प्रदर्शनी का आयोजन पिंपरी-चिंचवाड़ में किया गया है. यहां पर एक फ्रेंड़जी घोड़ा रखा गया है, जो चर्चा का विषय बना हुआ है और जिसे देखने के लिए घोड़ा प्रेमियों की भीड़ उमड़ रही है. घोड़े की कीमत और इसका खान-पान लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है. 

बताया गया है कि यह एक ऐसा घोड़ा है जो प्यास लगने पर सामान्य पानी नहीं बल्कि हर दिन केवल मिनरल वाटर पीता है. इसके साथ ही यह घोड़ा हर दिन 15 लीटर दूध पीता है. अखिल भारतीय बैलगाड़ी संघ की पहल पर 25 और 26 को मोशी में अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी केंद्र में इस घोड़े को रखा गया था. यहां पर दो दिनों के लिए भारत की सबसे बड़ी स्वदेशी मवेशी और घोड़ा प्रदर्शनी का आयोजन किया था. इससे पहले एक रशियन व्यक्ति ने उस घोड़े को खरीदने के लिए सात करोड रुपये तक की कीमत चुकाने की बात कही थी. पर घोड़े के मालिक ने उस घोड़े को बेचने से इनकार कर दिया.

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चार साल का है घोड़ा

यह शानदार घोड़ा मूल रूप से राजस्थान से लाया गया है और इस घोड़े का नाम फ्रेंड़जी है. यह मारवाड़ी किस्म का घोड़ा है. फ्रेंड़जी की खुराक जानकर आप भी चौंक जाएंगे. घोड़े के मालिक युवराज जड़ेजा ने बताया कि यह घोड़ा 15 लीटर दूध पीता है. रोजाना 5 किलो चना और 5 किलो दाल खाता हैं. साथ ही पीने में  केवल 'मिनरल वाटर' पीता है. घोड़े के मालिक का कहना है कि यह फ्रेंड़जी हाइब्रिड है. फ्रेंड़जी के पिता राजस्थानी हैं, जबकि उनकी मां रत्नागिरी मूल की हैं. वह 4 साल का है और पिछले डेढ़ साल से युवराज के साथ है.

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घोड़े की देखभाल का खर्च

फ्रेंडजी अब तक गुजरात, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग ले चुका है. कई प्रतियोगिताओं में भी 'विजेता'  भी रहा है. उन्होंने कहा उनके घोड़े को आज तक कोई घोड़ा नहीं हरा सका है.  युवराज पेशे से जमींदार और व्यापारी हैं. वह गुजरात के रहने वाले हैं. उन्होंने बताया फ्रेंड़जी घोड़े पर हर माह ढाई लाख से तीन लाख रुपये खर्च होता है. घोड़े की देखभाल के लिए चार लोग हमेशा साथ रहते हैं. घोड़ों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने के लिए एक विशेष एम्बुलेंस जैसी गाड़ी का उपयोग किया जाता है. घोड़े के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए 24 घंटे एक डॉक्टर भी तैनात रहता है. (कृष्णा पांचाल की रिपोर्ट)

 

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