हिमाचल प्रदेश में रिकॉर्ड तोड़ धान की खरीद जारी है. इस फसल सीजन में अभी तक 20,993 मीट्रिक टन धान की खरीद हो चुकी है. हालांकि, पिछले साल 14,000 मीट्रिक टन ही धान खरीद हो पाई थी. अधिकारियों को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में धान की खरीद में और तेजी आएगी. वहीं, किसानों के खाते में सीधे धान की राशि ट्रांसफर की जा रही है.
संयुक्त निदेशक राज्य नागरिक एवं खाद्य आपूर्ति निगम रवींद्र ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में धान की खरीद पिछले साल की खरीद को पार कर गई है. उन्होंने कहा कि पिछले साल के 14,000 मीट्रिक टन धान की खरीद के तुलना में, इस बार 14 बाजारों में 3,663 किसानों से लगभग 20,993 मीट्रिक टन खरीदा गया है, जिसकी कीमत 45 करोड़ रुपये है. खास बात यह है कि इस बार 22 हजार मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य रखा गया है. रवींद्र ठाकुर के अनुसार, 48 घंटे के अंदर किसानों को भुगतान किया जा रहा है.
रवींद्र ठाकुर ने कहा कि सिरमौर जिले ने अपने लक्ष्य 6250 मीट्रिक टन धान खरीद को पार कर लिया है. इस जिले में अभी तक 9000 मीट्रिक टन धान की खरीद की गई है. पिछले साल फंगल रोग के प्रकोप के चलते फसलों को काफी नुकसान हुआ था. रोग के प्रभाव की वजह से जिले में 2,000 मीट्रिक टन धान का नुकसान हुआ था. ऐसे में कई किसानों ने धान के खेत में ट्रैक्टर चलाकर फसल को नष्ट कर दिया था.
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गौरतलब है कि राज्य नागरिक एवं खाद्य आपूर्ति विभाग इस बार धान खरीद रहा है. पहले यह खरीद भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा की जाती थी. राज्य में 3 अक्टूबर से खरीद शुरू हुई और अभी भी जारी है. धान की ए-ग्रेड किस्म के लिए समर्थन मूल्य 2,203 रुपये प्रति क्विंटल और सामान्य धान के लिए 2,183 रुपये प्रति क्विंटल है.
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