उपले ने उड़ा दी अमेरिकी अधिकारियों की नींद, बड़ी मुश्किल से हुआ मामले का निपटारा...पढ़ें ये दिलचस्प खबर

उपले ने उड़ा दी अमेरिकी अधिकारियों की नींद, बड़ी मुश्किल से हुआ मामले का निपटारा...पढ़ें ये दिलचस्प खबर

अमेरिका में गोबर के उपलों पर प्रतिबंध है क्योंकि यहां पर यह माना जाता है कि इससे मवेशियों में एफएमडी जैसी बीमारियों का संक्रमण फैलता है और गोबर उसका वाहक है. इसीलिए गोबर के उपले को लेकर अमेरिकी एयरपोर्ट के अधिकारियों ने ऐसा एक्शन लिया कि लोग दंग रह गए.

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उपले ने उड़ा दी अमेरिकी अधिकारियों की नींद, बड़ी मुश्किल से हुआ मामले का निपटारा...पढ़ें ये दिलचस्प खबरगोबर के उपलें फोटोः एक्स, सीबीपी

अमेरिका के डलास एयरपोर्ट पर एक चौंकाने वाला सामने आया है. यहां भारत से ले जा रहे गोबर के उपलों को हवाई अड्डे पर ही नष्ट करना पड़ा. मामला अमेरिका वाशिंगटन डीसी के उपनगर डलास हवाई अड्डे का है. यहां अमेरिकी सीमा शुल्क के अधिकारियों ने एयर इंडिया के एक यात्री के हवाई अड्डे पर छोड़े गए सामान में गोबर के दो उपले पाए थे, जिसे अमेरिकी सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा (सीबीपी)  के एजेंट्स ने नष्ट कर दिया. सीबीपी ने अपने बयान में कहा कि दरअसल चार अप्रैल को एयर इंडिया की फ्लाइट के यात्रियों का सीबीपी के निरीक्षण करने के दौरान कृषि विशेषज्ञों को एक सूटकेस में गाय के गोबर के दो उपले मिले थे. इसके बाद एक यात्री उस सुटकेस को छोड़कर चला गया था. बाद में अधिकारियों ने उस उपले को नष्ट कर मामले का निपटारा किया.

अमेरिका में गोबर के उपलों पर प्रतिबंध है क्योंकि यहां माना जाता है कि इससे मवेशियों में एफएमडी जैसी बीमारियों का संक्रमण फैलता है और गोबर उसका वाहक है. 'दि इंडिपेंडेंट' वेबसाइट पर छपी खबर के अनुसार, सीबीपी के बाल्टीमोर फील्ड कार्यालय के फील्ड ऑपरेशंस के कार्यवाहक निदेशक कीथ फ्लेमिंग की देखरेख में यह कार्रवाई की गई. यह कार्रवाई एफएमडी बीमारी से बचने के लिए की गई. एफएमडी मवेशियों के पैर और मुंह की ऐसी बीमारी है जिससे पशुपालक सबसे ज्यादा डरते हैं क्योंकि इससे उन्हें आर्थिक नुकसान होता है.

इतना ही नहीं. अमेरिका में यह सीमा शुल्क और सीमा का एक गंभीर खतरा है. डलास के सीबीपी ने कहा कि भारत से गाय के गोबर के केक (उपला या कंडा) "खुरपका और मुंहपका रोग का वाहक होने के कारण प्रतिबंधित है. 

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एफएमडी का खतरा बड़ा

अमेरिकी कृषि विभाग की वेबसाइट के अनुसार, दुनिया भर के कई देश अपने पशुधन आबादी में एफएमडी से निपट रहे हैं. संयुक्त राज्य अमेरिका में 1929 में इस बीमारी को खत्म कर दिया गया. इसमें कहा गया है कि एफएमडी एक विश्वव्यापी चिंता का विषय है क्योंकि यह तेजी से फैल सकता है और महत्वपूर्ण आर्थिक नुकसान पहुंचा सकता है. एफएमडी यानी कि खुरपका-मुंहपका रोग एक गंभीर और तेजी से फैलने वाली वायरल बीमारी है. एफएमडी वायरस गाय, सूअर, भेड़, बकरी, हिरण और विभाजित खुर वाले अन्य जानवरों में बीमारी का कारण बनता है. 

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क्या है पशुओं का एफएमडी रोग

खुरपका मुंहपका बीमारी पशुओं में वायरस से फैलता है. इस रोग के कारण गाय, भैंस, भेड़, ऊंट जैसे पशु बीमारी होते हैं और उनके दूध पर संकट छा जाता है. भारत में यह बीमारी आम है जिससे एक साथ कई मवेशी संक्रमित होते हैं. यह बीमारी फटे खुर वाले पशुओं को ग्रसित करती है. इस बीमारी के बारे में कहा जाता है कि यह संक्रमित जानवर, कृषि उपकरणों, वाहनों, कपड़ों और चारे के संपर्क के माध्यम से और घरेलू-जंगली शिकारियों के द्वारा भी तेजी से फैल सकता है. अमेरिका में इस बीमारी को लेकर बहुत सख्ती है जो हवाई अड्डे जैसी जगहों पर भी देखी जाती है. 


 

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