झारखंड के उन किसानों के लिए एक अच्छी खबर है जो किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) धारक हैं और समय पर लोन की ईएमआई चुका रहे हैं. अच्छी खबर यह है कि अब केसीसी लोन पर लगने वाले ब्याज का वहन राज्य सरकार करेगी. पर इसके लिए राज्य सरकार की तरफ से एक शर्त रखी गई है. राज्य सरकार की इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को उस शर्त को पूरा करना होगा. इस शर्त के मुताबिक किसानों को अपने लोन की किस्त 31 मार्च 2024 से पहले बैंक में जमा करना होगा. किसान क्रेडिट कार्ड के लोन पर सात प्रतिशत का ब्याज लगता है. इसमें तीन फीसदी राज्य और तीन फीसदी ब्याज के खर्च का वहन केंद्र और राज्य सरकार करती है. बाकी एक प्रतिशत खर्च का वहन किसान को करना पड़ता है.
पर इसके बावजूद यह देखा जाता है कि किसान एक प्रतिशत का ब्याज नहीं चुका पाते हैं और उनके अकाउंट के एनपीए होने का खतरा बढ़ जाता है. यही कारण है कि किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए अब राज्य सरकार ने एक प्रतिशत का खर्च उठाने का फैसला किया है. इसके बाद अब राज्य सरकार चार प्रतिशत और केंद्र सरकार तीन प्रतिशत का खर्च का वहन करेगी. राज्य सरकारी की इस योजना का लाभ 19 लाख से अधिक किसान क्रेडिट कार्ड धारकों को मिलेगा.
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गौरतलब है कि राज्य में कुछ महीने पहले तक केसीसी कार्ड को लेकर जागरूकता अभियान चलाया गया था. इस अभियान के बाद राज्य में 6.25 लाख नए केसीसी कार्ड धारक बने हैं. इतना ही नहीं 1.60 लाख रुपये तक के लोन के लिए किसानों को किसी प्रकार का कोई खास दस्तावेज नहीं जमा करना होगा. किसानों के हिस्से का ब्याज चुकाने के पीछे सरकार की मंशा यह है कि किसान केसीसी का उपयोग सही तरीके से करें और लोन चुकाने का प्रयास करें. इसका प्रस्ताव तैयार है और कैबिनेट की सहमति के लिए भेजा जा रहा है. कैबिनेट की सहमति मिलने के बाद इसके लिए 25 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की जाएगी.
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झारखंड में इस साल किसानों ने 10 हजार करोड़ रुपये का केसीसी लोन लिया है. विभाग के अधिकारियों से बातचीत के अनुसार यह आंकड़ा सामने आया है. इस तरह स राज्य सरकार अगर इस लोन का चार प्रतिशत ब्याज चुकाती है तो सरकार को इसके लिए 400 करोड़ रुपए खर्च करने होंगे. पर एक तथ्य यह भी है कि राज्य में लगभग 40 फीसदी केसीसी के लाभुक किसान ऐसे हैं जो बैंक में अपने किश्त का भुगतान नहीं करते हैं और इस कारण डिफॉल्टर की श्रेणी में आते हैं. इस समस्या को देखते हुए सरकार ने फैसला किया कि वह ब्याज की राशि सीधे बैंकों को देगी.
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