मौजूदा वक्त में बहुत सारे ऐसे किसान हैं जो खेती के साथ-साथ मुर्गी पालन,बत्तख पालन और बटेर पालन करके शानदार मुनाफा कमा रहे हैं. वहीं कुछ किसान ऐसे भी हैं जो इन पक्षियों के मीट का व्यवसाय करने के साथ-साथ अंडा से चूजा भी तैयार करने का बिजनेस शुरू करना चाहते हैं. अगर आप भी उन किसानों में से एक हैं तो आपके लिए खुशखबरी है. दरअसल, डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा समस्तीपुर के वैशाली जिले के कृषि विज्ञान केंद्र हरिहरपुर के वैज्ञानिकों द्वारा कम लागत में अंडे से चूजा निकालने की कृत्रिम मशीन बनाई है. वहीं इस मशीन की कीमत केवीके के वैज्ञानिक डॉ अनूप सिंह के अनुसार, इस मशीन की कीमत करीब 3000 रुपये रखा गया है. कृषि विज्ञान केंद्र की सीनियर प्रिंसिपल साइंटिस्ट डॉ. सुनीता कुशवाहा के मार्गदर्शन मे वैज्ञानिक डॉ. अनूप कुमार सिंह और कुमारी नम्रता द्वारा कृत्रिम उष्मायित्र यंत्र (अंडा से चूजा बनाने वाली मशीन) बनाई गई है. इस मशीन में मुर्गी या बत्तख के 30 अंडा और 100 से 120 अंडा बटेर का रखा जा सकता है.
आमतौर पर कुक्कुट पालन करने के दौरान किसानों को चूजों को लेकर काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. हालांकि, अब नहीं होगी. दरअसल, केवीके,वैशाली के वैज्ञानिकों द्वारा अंडा से चूजा निकालने की कृत्रिम मशीन कम लागत में तैयार की गई है. किसान घर बैठे ही छोटी-सी अंडा सेने की मशीन से चूजा निकाल सकेंगे, और चूजों की बिक्री कर सकेंगे. यह मशीन लघु सीमांत किसानों के लिए बहुत लाभकारी सिद्ध हो सकती है.
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कृषि विज्ञान केंद्र, वैशाली की सीनियर प्रिंसिपल साइंटिस्ट डॉ सुनीता कुशवाहा के अनुसार, "आज के समय में लघु सीमांत किसान बड़े स्तर पर हैचरी का बिजनेस शुरू नहीं कर सकते हैं. लेकिन किसान छोटे स्तर पर कृत्रिम उष्मायित्र मशीन की मदद से चूजा पैदा करने का बिजनेस कर सकते हैं." उन्होंने आगे बताया कि यह देखा जाता है कि पॉल्ट्री के बिजनेस के दौरान आए दिन चूजे मरते रहते हैं. उस दौरान कृत्रिम उष्मायित्र के मदद से तैयार चूजे का उपयोग किया जा सकता है. इसके लिए किसानों को चूजा कंपनी के पास 10-15 चूजा लाने के लिए नहीं जाना पड़ेगा. इस मशीन की मदद से कुक्कुट की विभिन्न प्रजातियों जैसे मुर्गी, बटेर, बत्तख, कबूतर और हंस इत्यादि के अंडे से चूजा निकाला जा सकता है. इसमें तापमान एवं आर्द्रता को अर्द्ध स्वचालित रूप से नियंत्रित किया गया है. वहीं अलग-अलग समय पर विभिन्न कुक्कुट प्रजातियों का स्फुटन समय अंतराल अलग-अलग होता है.
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वैज्ञानिक डॉ अनूप कुमार सिंह और कुमारी नम्रता द्वारा तैयार कृत्रिम उष्मायित्र मशीन तैयार किया गया है. वहीं इस मशीन के बारे में उन्होंने बताया कि अंडा बैठाने से एक घंटे पहले मशीन चालू कर देना चाहिए. इसके साथ ही ट्रे में सूती कपड़ा बिछा लेना चाहिए.उसके बाद उसमें बालू रखने के बाद पानी से गिला कर देना चाहिए. वहीं मशीन के अंदर पहले 15 दिन 50 प्रतिशत और अंतिम 3 दिन 60 प्रतिशत नमी बनाए रखने के लिए ट्रे में पानी डालते रहना चाहिए. वहीं लकड़ी के ट्रे के नीचे धान, गेहूं, लकड़ी का बुरादा बिछा देना चाहिए. फिर उस ट्रे के बने खांचे में अंडा बैठा देना चाहिए. इसके साथ ही शुरुआत के 15 दिन तक ट्रे में लगे बाहरी हैंडल को दिन में 2 से तीन बार आगे पीछे करना चाहिए.
केवीके के वैज्ञानिक डॉ अनूप सिंह के अनुसार, इस मशीन की कीमत करीब 3000 रुपये रखा गया है. यह आने वाले कुछ दिनों में किसानों को मिलने लगेगा. अंडा से चूजा तैयार करने वाली मशीन का दाम बहुत कम रखा गया है. इसके साथ ही इसमें अन्य सुधार भी समय के साथ किया जाएगा.
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कुमारी नम्रता कहती हैं कि मशीन के रखरखाव के दौरान कई बातों का ध्यान रखना चाहिए-
• मशीन को एकांत एवं सुरक्षित जगह पर रखना चाहिए.
• मशीन का ढक्कन को हमेशा बंद रखें.
• विद्युत आपूर्ति बाधित न हो.
• इसके साथ ही मशीन में अंडा बैठाने वाला व्यक्ति सफाई का ध्यान रखें.
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